कोरोना से 1600 मौतें, लेकिन ईरान का अमेरिकी मदद लेने से इनकार
खामनेई ने कहा- 'अमेरिका ने कई बार ईरान को वायरस को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है. उन पर वायरस को बनाने का आरोप है. मैं नहीं जानता कि ये सही है, लेकिन ये अजीब है कि आप ईरान की मदद करना चाहते हैं.'
ईरान दुनिया के उन टॉप-3 देशों (चीन और ईटली के साथ) में शामिल है जहां कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक मौतें हुई हैं. सरकार की ओर से अब तक जारी आंकड़ों के मुताबिक, 20 हजार से अधिक लोग ईरान में संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1600 से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं. लेकिन अब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने में अमेरिकी मदद लेने से इनकार कर दिया है.
बीते काफी वक्त से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चल रहा है. बावजूद इसके अमेरिका की ओर से ईरान को महामारी के खिलाफ लड़ने में मदद की पेशकश की गई थी. लेकिन ईरान ने साफ तौर से न सिर्फ मदद ठुकराई है, बल्कि ये भी आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस हो सकता है अमेरिकियों ने ही तैयार किया हो.
इससे पहले चीन भी ये आरोप लगा चुका है कि अमेरिकी सैनिक की वजह से कोरोना वायरस चीन में फैला. हालांकि, चीन ने अमेरिका पर ये आरोप तब लगाया जब कोरोना वायरस को अमेरिका की ओर से ‘चीनी वायरस’ कहा गया.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका की ओर से मदद की पेशकश को अजीब करार दिया है. टीवी पर दिए भाषण में उन्होंने अमेरिकी नेताओं को धूर्त कहा.
खामनेई ने कहा- ‘अमेरिका ने कई बार ईरान को वायरस को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है. उन पर वायरस को बनाने का आरोप है. मैं नहीं जानता कि ये सही है, लेकिन ये अजीब है कि आप ईरान की मदद करना चाहते हैं.’
खामनेई ने अमेरिका के खुद कोरोना वायरस टेस्ट पर्याप्त मात्रा में नहीं करने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा- ‘एक बात ये भी है कि वायरस के खिलाफ लड़ाई में आपके पास खुद कमियां हैं. क्या पता कि आप ऐसा ड्रग दे दें जिससे कि ये वायरस हमेशा ईरान में रह जाए.’
ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका को लेकर यह भी कहा कि आप मदद के लिए डॉक्टर और थेरेपिस्ट को भेजेंगे. लेकिन शायद वे लोग यहां आकर उस ‘जहर’ के असर को देखना चाहेंगे जिसे उन्होंने खुद तैयार किया हो.