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भारत में कोरोना वायरस से जुड़े अबतक 724 मामले
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देश में अबतक 17 लोगों की मौत, 64 लोग रिकवर हुए
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देश के 27 राज्यों को प्रभावित कर चुका है कोरोना वायरस
नई दिल्ली.(आज तक डाट काम). कोरोना वायरस की महामारी भारत में लगातार पैर पसारती जा रही है और रोजाना दर्जनों नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. देश में आई इस हेल्थ इमरजेंसी का स्तर इतना बड़ा है कि पूरे भारत को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन रखना पड़ रहा है. 10 मार्च से लेकर 20 मार्च तक देश में भारत में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस की संख्या 50 से बढ़कर 196 तक पहुंच गई. शुक्रवार (27 मार्च) सुबह तक ये आंकड़ा 724 पहुंचा, जिसमें 64 लोग रिकवर हो गए हैं जबकि 17 की मौत हुई है.
दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारत में भी कोरोना वायरस की वजह से हेल्थ इमरजेंसी के हालात हैं, इकोनॉमी पूरी तरह से ठप पड़ी है और देश लॉकडाउन है. ये संकट कितना बड़ा है, इसे आसानी से समझने के लिए आप इस डाटा को पढ़ सकते हैं.
(सभी डाटा का इस्तेमाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से किया जा रहा है. इसके अलावा राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध डाटा का भी इस्तेमाल किया गया है.)
कोरोना वायरस के केस: राष्ट्रव्यापी तस्वीर
भारत में कोरोना वायरस ने धीरे-धीरे अपना जाल फैलाया है, अबतक ये 27 राज्यों में पहुंच गया है, जिसमें गोवा और अंडमान-निकोबार जैसे राज्य भी शामिल हैं. देश में कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस केरल के थ्रिसुर में 30 जनवरी को रिपोर्ट किया गया था. चीन के वुहान में पढ़ने वाला एक छात्र अपने घर वापस आया था.
इसके बाद अगले चार दिनों में दो और मामले सामने आए, जो कि केरल के ही कासरगोड और अलप्पुझा जिले से थे. ये दोनों छात्र भी चीन से ही वापस लौटे थे, इसी के बाद 3 फरवरी को राज्य सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी की बात कही थी.
इन तीन मरीजों के सामने आने के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और इनके संपर्क में आए करीब 3400 लोगों को क्वारनटीन में रखा गया. कुछ दिनों तक चले इलाज के बाद तीनों छात्रों को डिस्चार्ज कर दिया गया था.
भारत में कैसे बढ़े कोरोना वायरस के मामले?
केरल में तीन केस सामने आने के बाद भारत में अगले एक महीने तक कोई नया केस दर्ज नहीं हुआ. लेकिन 2 मार्च को दिल्ली और हैदराबाद में एक-एक केस सामने आया. दोनों ही लोग विदेश यात्रा से लौटे थे और उन्हीं देशों से आए थे जहां कोरोना वायरस फैल चुका था.
नीचे दिए गए ग्राफ में आप भारत में केस के ट्रेंड को समझ सकते हैं.
कोरोना वायरस के भारत में शुरुआती 50 केस
शुरुआत में भारत में जो भी केस आए उसमें से अधिकतर लोग वही थे जिन्होंने विदेश की यात्रा की थी. लेकिन हाल ही में जो नए मामले दर्ज किए गए हैं, उसमें कुछ लोकल लोग भी शामिल हैं. जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी कोरोना पीड़ित व्यक्ति की संपर्क में आए थे.
Aajtak.in ने भारत के शुरुआती 50 कोरोना पीड़ित केस का आकलन किया और उसमें पाया गया कि उनमें से 39 पीड़ित वो थे, जो उस देश की यात्रा करके आए हैं जहां पर कोरोना वायरस फैला हुआ था. जबकि 11 लोग लोकल ही थे, जो किसी तरह से उनके संपर्क में आए थे.
भारत के शुरुआती 50 केस इन राज्यों से सामने आए थे: केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
पॉजिटिव खबर! लोगों में लगातार हुआ है सुधार
भले ही भारत में लगातार कोरोना वायरस के पीड़ितों का आंकड़ा बढ़ता गया हो, लेकिन इस बीच एक अच्छी खबर ये भी आई कि लोग लगातार ठीक भी होते गए हैं. जैसे केरल में जो शुरुआती तीन मामले सामने आए थे, वो सभी निगरानी में रहने के बाद ठीक हुए और बाद में डिस्चार्ज कर दिए गए. उसके बाद भी लगातार लोगों में सुधार हुआ है, 26 मार्च तक देश में 45 लोग रिकवर कर चुके हैं. जो कि अबतक सामने आए केस का 6.48 फीसदी है.
कोरोना वायरस की टेस्ट लैब: भारत में कितनी और कहां पर हैं?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, 25 मार्च तक देश में 25, 144 सैंपल लिए जा चुके हैं, जो कि 24,254 लोगों के हैं. देश में 118 सरकारी लैब में कोरोना वायरस पीड़ित का सैंपल ले सकते हैं, इनमें से 92 अभी काम कर रही हैं, जबकि बाकी 26 जल्द शुरू होंगी.
देश में कहां-कहां पर लैब हैं, यहां देखें.
इन 116 सरकारी लैब के अलावा ICMR की ओर से इन 6 प्राइवेट लैब को भी कोरोना वायरस का टेस्ट करने की इजाजत दी गई है.
गुजरात: Unipath Specialty laboratory limited, Ahmedabad
कर्नाटक: Neuberg Anand Reference Laboratory, Bengaluru
महाराष्ट्र:Thyrocare Mumbai
Suburban Diagnostics Mumbai
Metropolis Healthcare Ltd Mumbai
Sir HN Reliance Foundation Hospital and Research Centre, Mumbai
कोरोना वायरस की वैश्विक तस्वीर
दुनिया में कोरोना वायरस की चपेट में अबतक करीब 5 लाख लोग आ चुके हैं, जबकि अभी तक 20 हजार से अधिक की जान जा चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा जो रोजाना आंकड़े साझा किए जा रहे हैं, उसे आप आसानी से इस डैशबोर्ड में समझ सकते हैं…
कैसे इकट्ठा किया गया डाटा?
रिपोर्ट में जितने भी डाटा का इस्तेमाल किया गया है, वह सभी स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है. मंत्रालय रोजाना राज्य सरकारों के द्वारा ताजा आंकड़ों को इकट्ठा करता है और अपनी वेबसाइट पर अपडेट करता है. हालांकि, मंत्रालय के द्वारा वेबसाइट पर नंबर डालने का कोई तय समय नहीं है. लेकिन हम रोजाना स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से 11.59 PM पर ताजा डाटा लेते हैं.
इस डाटा में की कोई सीमा है?
स्वास्थ्य मंत्रालय पर उपलब्ध जानकारी हमें राज्यों में आए सभी ताजा मामलों की जानकारी देती है. हालांकि, जिस तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन रोजाना एक डेली रिपोर्ट जारी करता है, वह यहां नहीं मिलती है. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि कोई मामला राज्य सरकार के द्वारा पॉजिटिव घोषित किया जा चुका हो, लेकिन केंद्र तक रिपोर्ट पहुंचने में वक्त लगा हो. (ऐसा एक बार हुआ है, जब बंगाल में सामने आए मामले की घोषणा केंद्र के डाटा में अगले दिन जाकर हुई थी)
हालांकि, आंकड़ों में किसी तरह की गड़बड़ ना हो इसी वजह से हम केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के आधार पर ही आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही जिस प्रणाली के आधार पर हम डाटा अपडेट कर रहे हैं, उसमें कोई भी मामला छूट नहीं पाएगा.