Corona Vaccine: पूरे देश में वैक्सीन लगने में कम से कम 3 साल लगेंगे, स्वस्थ लोगों को करना पड़ सकता है 2022 तक इंतजार

Coronavirus Vaccine: वैक्सीन को लेकर ये दावे नई किताब 'टिल वी विन- फाइट अगेंस्ट कोविड-19 (Till We Win: India's Fight Against The Covid-19 Pandemic) में किया गया है. यह किताब एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, पब्लिक पॉलिसी और हेल्थ सिस्टम्स एक्सपर्ट डॉक्टर चंद्रकांत लहेरिया और जाने-माने वैक्सिन के रिसर्चर डॉक्टर गगनदीप कांग ने लिखी है.

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नई दिल्ली. देश में कोरोना की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इंतज़ार जल्द खत्म होने वाला है. वैक्सीन की पहले खेप अगले साल फरवरी में आ सकती है. लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो पूरे भारत में वैक्सीन लगने में कम से कम 3 साल का वक्त लग सकता है. इसके अलावा देश भर में स्वस्थ लोगों को वैक्सीन के लिए 2022 तक इंतज़ार करना पड़ सकता है. वैक्सीन को लेकर ये दावे नई किताब ‘टिल वी विन- फाइट अगेंस्ट कोविड-19 (Till We Win: India’s Fight Against The Covid-19 Pandemic) में किया गया है. इस किताब को लिखा है एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, पब्लिक पॉलिसी और हेल्थ सिस्टम्स एक्सपर्ट डॉक्टर चंद्रकांत लहेरिया और जाने-माने वैक्सिन के रिसर्चर डॉक्टर गगनदीप कांग ने. ये किताब 10 दिसंबर को बाज़ार में आ रही है.

हेल्थ वर्कर को प्राथमिकता

इस किताब में कहा गया है कि हेल्थ वर्कर को वैक्सिन को लेकर प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा बुजुर्ग और वायरस को लेकर सबसे ज्यादा खतरे में आने वाले लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी. किताब में ये भी दावा किया गया है कि कुछ वैक्सिन साल 2021 की शुरुआत में मिलने शुरू हो जाएंगे. किताब में लिखा है, ‘ऐसा लग रहा है कि वैक्सिन की पहली डोज 20 फीसदी ऐसे लोगों को दी जाएगी जो स्वास्थाय और जरूरी सेवाओं से जुड़े हैं. स्वस्थ लोगों को साल 2022 में वैक्सीन की पहली डोज मिल सकती है. जबकि पूरे देश को लोगों को वैक्सीन लगाने में 2-3 साल का वक्त लग सकता है.’

कैसे तय हो वैक्सीन की प्राथमिकता?
इस किताब में विस्तार से बताया गया है कि कोरोना की वैक्सीन को लेकर किसको प्राथमिकता दी जानी चाहिए. किताब में लिखा है, ‘अगर वैक्सीन का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को मौत से बचाना है तो फिर सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स और बुजुर्गों को ये वैक्सीन दी जानी चाहिए. लेकिन अगर सरकार का लक्ष्य संक्रमण को रोकना है तो फिर सबसे पहले युवाओं को दी जानी चाहिए जो दूसरे से ज्यादा मिलते जुलते हैं.’

हर्ड इम्युनिटी फिलहाल नहीं
हर्ड इम्युनिटी के बारे में इस किताब में लिखा है कि कई देशों में ये अब तक उस हालत में नहीं पहुंचा है. किताब के मुताबिक हमें अभी वैक्सीन पर ध्यान देना चाहिए. बता दें कि इस वक्त भारत में कोरोना की 5 वैक्सीन एडवांस स्टेज पर है. ऑक्सफोर्ड, भारत बायोटेक, ज़ायडस कैडिला, रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन ने भारत में डॉक्टर रेड्डी के साथ मिलकर दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल शुरु कर दिया है. जबकि बायोलॉजिकल-ई पहले और दूसरे फेज का ट्रायल कर रही है.

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