बठिंडा. कोरोना से विश्व परेशान है और कोरोना रोगी बिना किसी लक्षण पॉजिविट आएं तो समस्या और विकट हो जाती है। हाल ही में अहमदाबाद व बाद में पंजाब के कुछ स्थानों से कोरोना के एचआर सीटी चेस्ट द्वारा मरीजों की स्क्रीनिंग में रोगी पाजिटिव मिले जबकि इससे पहले उनकी रिपोर्ट नेगटिव आ रही थी। कोरोना जांच के लिए अधिकृत एचआर सिटी पीसीआर टेस्ट रिजल्ट रोग की स्थिति हां या ना बताती है लेकिन एच आर सीटी चेस्ट रोगी में रोग की सही वस्तुस्थिति एवं गंभीरता को दिखाता है। इसी का फायदा उठा कुछ प्राइवेट अस्पताल संचालकों की तरफ से सिटी स्कैन और एचआरसीटी टेस्ट करवाने की होड़ शुरू हो गई व इसमें मरीजों व उनके परिजनों से मनमाफिक फीसे वसूल की जा रही थी। कई स्थानों में तो स्कैन की एवज में पांच से साच हजार रुपए की वसूली हो रही थी। इसी के मद्दनेजर राज्य सरकार ने हैल्थ व फैमली वैलफेयर विभाग के मार्फत सबी सिविल सर्जनों के साथ अस्पताल प्रबंधकों को गाइडलाइन संबंधी पत्र जारी किया है इसके तहत मरीजोंसे टेस्टके दो हजार रुपए से अधिक की वसूली नहीं करने व कोविड की पुष्टी के बाद विभाग की मंजूरी के बाद ही टेस्ट करने की हिदायते दी गई है। इसमें हर सप्ताह हुए टेस्ट की रिपोर्ट व पूरा रिकार्ड सिविल सर्जन के पास देने के लिए भी कहा गया है। सरकार ने यह फैसला मरीजों की कोविड को लेकर हो रही लूट को रेकने के लिए लिया है।
सीटी स्कैन द्वारा कोरोना की जांच को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपायोगी माना गया है। एचआर सीटी चेस्ट रोग का डायग्नोसिस करनें में सहायक है एवं रोग की गंभीरता का पता लगाने व इलाज में सहायक है। एचआर सीटी चेस्ट से फेफड़े में कोरोना के कारण होने वाले बदलाव को जल्द पकड़ा जा सकता है। पहले किए शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ कि सीटी स्कैन से 40-50 फीसदी रोगी जो कि पीसीआर टेस्ट में फाल्स नेगेटिव थे उनके भी सीटी में बदलाव मिले। पीसीआर में फाल्स नेगेटिव होने की संभावना 33-40 फीसदी तक होती है जबकि पीसी आर की रिपोर्ट पाजिटिव वाले रोगियों में 12-15 फीसदी रोगियों का सीटी स्कैन सामान्य हो सकता है।
पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव वाले रोगियों में 85-90 फीसदी रोगियों का सीटी स्कैन रिपोर्ट भी कोरोना पाजिटिव होता है। इसके अलावा कोरोना के लक्षण के उभरने के 4-5 दिन बाद उन रोगियों में सीटी स्कैन 94-99 प्रतिशत तक केसों में पाजिटिव हो सकता है जिनकी पी सी आर की रिपोर्ट नेगेटिव रहती है। सी टी स्कैन की रिपार्ट से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्या रोगी को कुछ और दिन क्वारंटाइन रहना है। उच्च जोखिम वाले रोगियों में सी टी स्कैन टेस्ट हमेशा मददगार है। फिलहाल सरकार ने इसकी उपयोगिता के चलते नए फैसले लिए है। इसके तहत कोई भी प्राइवेट डायग्नोसिस्ट सेंटर दो हजार रुपए से अधिक की वसूली सीटी स्कैन व एचआरसीटी का वसूल नहीं करेगा। वही इस बाबत पूरा डैटा जिला सिविल सर्जन के साथ शेयर करेगा। वही सिटी चेस्ट स्कैन के आधार पर किसी भी कोविड मरीज को पोजटिव न नेगटिव होने की पुष्टी नहीं करेगा बल्कि इसके लिए पहले से तय कोविड लैब टेस्ट के मानकों की पालना की जाएगी। वही सभी सेंटर सप्ताहिक रिपोर्ट भी सेहत विभाग के देगा जिसमें वह कितने मरीजों की जांच स्कैन के माध्यम से की गई व किस स्थिति में इसकी जांच हुई व इसमें वसूली गई राशि का विवरण रसीद सहित देना होगा। यही नहीं सभी सेंटर सरकार की तरफ से तय रेट को अपने अस्पतालों में डिस्पले करेगा। इसमें मरीज को देखने व उसे समझने में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके चलते बोर्ड का आकार व शब्दावली स्पष्ट होना जरूरी है।