इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज पर लगेगी मुहर! पीएम मोदी की वित्त मंत्री के साथ बैठक आज

वरिष्ठ सरकारी सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि इंडस्ट्री के लिए पैकेज का प्रस्ताव और निहितार्थ मार्च में प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से बड़ा हो सकता है. इस पैकेज में लॉकडाउन और कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से अर्थव्यवस्था को राहत देने, पुनर्वास और उसे उबारने पर जोर हो सकता है.

0 1,000,211
  • शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की वित्त मंत्री के साथ है महत्वपूर्ण मीटिंग
  • इस मीटिंग में इंडस्ट्री के राहत पैकेज को मिल सकता है अंतिम रूप
  • कोरोना लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है
  • इंडस्ट्री जगत 9 से 23 लाख करोड़ तक के पैकेज की मांग कर रहा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग करेंगे. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का एजेंडा ‘वित्तीय राहत पैकेज’ को अंतिम रूप देना है जिसकी काफी समय से तैयारी चल रही है.

वरिष्ठ सरकारी सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि ‘इस पैकेज का प्रस्ताव और निहितार्थ’ मार्च में प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से बड़ा हो सकता है. सूत्रों के अनुसार इस पैकेज में लॉकडाउन और कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से अर्थव्यवस्था को राहत देने, पुनर्वास और उसे उबारने पर जोर हो सकता है. लगातार बदलते हालात के बीच पीएमओ सभी संबंधित पक्षों और सलाहकार संस्थाओं से चर्चा करता रहा है.

वरिष्ठ अफसरों से PMO ने की चर्चा

बुधवार को पीएमओ ने तीन घंटे तक 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन.के. सिंह, वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य साजिद चिनॉय, नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस ऐंड पॉलिसी के निदेशक रथिन रॉय, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय, मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम और वित्त मंत्रालय के ​कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की है. ज्यादातर लोग इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शामिल हुए हैं.

उर्जित पटेल से भी ली सलाह

दिलचस्प यह है कि सरकार इस बार रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल से भी सलाह ले रही है, जिन्होंने सरकार से काफी मतभेद होने के बाद अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों के अनुसार सरकार राहत पैकेज के पहले कुछ उपायों की घोषणा सोमवार को कर सकती है. हालांकि इसके बारे में अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लिया जाएगा.

क्या हो सकता है पैकेज में

इंडस्ट्री चैम्बर सीआईआई और फिक्की 9 से 23 लाख करोड़ रुपये तक के भारी-भरकम पैकेज की मांग करते रहे हैं. दोनों के प्रतिनिधियों ने पिछले कुछ दिनों में लगातार प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बात की है.

पिछले करीब एक महीने से आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ने से ज्यादातर छोटे कारोबार, एमएसएमई को नकदी के भारी संकट से गुजरना पड़ रहा है और इसीलिए वे सरकार से तत्काल मदद चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, सरकार उनकी मदद के लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार कर रही है.

पहला विकल्प

पहला विकल्प यह हो सकता है कि तत्काल मदद की जरूरत वाले सेक्टर्स के लिए छोटे पैकेज दिए जाएं. सरकार में कई वरिष्ठ लोगों को यह लगता है कि इस तरह के पैकेज देने से इन सेक्टर की मदद भी हो जाएगी और सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा.

दूसरा विकल्प

दूसरा विकल्प यह है कि पहले उद्योगों को खोला जाए और बाद में बड़े राहत पैकेज की घोषणा की जाए. सरकार के कई वरिष्ठ लोगों को लगता है कि इंडस्ट्री खुलने के बाद ही उन्हें जमीनी हालात का अंदाजा मिल पाएगा और इसके बाद आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए राहत पैकेज देना आसान होगा.

इसके अलावा यह भी कोशिश है कि इस तरह के पैकेज से लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का भला हो.

Leave A Reply

Your email address will not be published.