बठिंडा में कोरोना-डीएवी कालेज, पोलोटैक्निक कालेज व शिक्षा विभाग में 11 केस पोजटिव

स्कूल-कालेजों के साथ शिक्षा विभाग के दफ्तरों में कोरोना की दस्तक, 11 पोजटिव मामले आए सामने

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बठिंडा. कोरोना काल के बाद जिले में खुले स्कूल कालेजों ने सेहत विभाग के साथ जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जिले में एजुकेशन डिपार्टमेंट में पिछले दो दिनों से जहां कोरोना पोजटिव केस सामने आ रहे हैं वही वीरवार को शहर में बीबी वाला रोड स्थित डीएवी कालेज में सात पोजटिव मामले सामने आए है वही एक मामला सरकारी पोलोटैक्निक कालेज में व तीन शिक्षा विभाग के मिनी सचिवालय स्थित दफ्तर में मिला है। इस तरह से 11 मामले शिक्षा से जुड़े संस्थानों व दफ्तरों में सामने आए है। राज्य सरकार की तरफ से पिछले माह नौंवी से 12वीं कक्षा व बाद में कालेजों को तय नियमों के तहत खोलने की अनुमति प्रदान की थी। इस दौरान स्कूल प्रबंधकों को काफी समय नहीं मिला जिससे वह कोरोना को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध कर सके। इस स्थिति में अब शिक्षा संस्थानों में एकाएक पहुंचे बच्चों को मास्क पहनने से लेकर दूसरी हिदायतों का सख्ती से पालन करवाने में दिक्कत आ रही है। दूसरी तरफ शहर में स्थिति यह है कि अब सड़कों में ज्यादातर लोग बिना मास्क के घूमते नदर आते हैं। इसमें प्रशासन की तरफ से किसी तरह की सख्ती नहीं करना व सड़कों में हो रहे प्रदर्शनों में किसानों की तरफ से किसी तरह का मास्क का इस्तेमाल व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के कारण बी दूसरे लोग देखा देखी लापरवाह हो रहे हैं।माहिरों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही व लोगों ने बिना मास्क सड़कों व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाना जारी रखा व सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं किया तो कोरोना की लहर फिर से प्रशासन व सेहत विभाग के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

जिले में कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लग गए हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह से लेकर तीसरे सप्ताह तक हररोज 50 से कम मरीज आ रहे थे। वहीं नवंबर माह के पहले सप्ताह में रोजाना एक हजार सैंपलों की जांच में ही 50 से अधिक मामले आने लगे हैं। विभाग की ओर से साेमवार को जांच के लिए भेजे गए सैंपलों में से 50 लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए। कम सैंपल की जांच में केस अधिक आना कोरोना की दूसरी लहर की आहट की तरफ इशारा कर रहे हैं। नए मामलों के बढ़ने से एक्टिव केस भी बढ़ गए हैं। एक हफ्ता पहले तक जिले में एक्टिव केसों की संख्या 300 के करीब रह गई थी, जो रविवार को बढ़कर 400 हो गई है। सेहत विभाग के अनुसार एक्टिव केसों में निजी अस्पतालों में व सिविल अस्पताल में मरीज भर्ती हैं औ जबकि ज्यादा तरह मरीज होम आइसोलेट हैं।

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लोग दिखाने लगे लापरवाही

सेहत विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद लोगों ने बहुत ज्यादा लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। बाजारों व भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी लोग पालन नहीं कर रहे हैं। लोगों को लग रहा है कि कोरोना खत्म हो गया है। यही भूल जिले में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की वजह बन सकती है। सेहत विभाग के सरकारी रिकार्ड के अनुसार जिले में 91250 लाेगों के सैंपल लिए जा चुके है, जिसमें 7776 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव है, जबकि 6276 मरीज ठीक हो चुके है। वहीं 164 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई, जबकि मौजूदा समय में जिले में 414 मरीज एक्टिव है।इस समय जिले में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर पिछले दो दिन में कम होकर 94.26 फीसद पर आ गई है। शुक्रवार को यह 94.66 प्रतिशत थी।

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ठंड की दस्तक के साथ बढ़ने लगा कोरोना वायरस

सर्दी के साथ ही कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने लगी है। नवंबर माह के 16 दिन में कोरोना वायरस के 714 मरीज मिले हैं जबकि ठीक 597 हुए। इस महीने की पहली तारीख को 65 मरीज थे, 16 नवंबर को 50 मरीज मिले। काेरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ने लगा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि शहर में संक्रमण का दूसरा फेज शुरू हो गया है। जबकि सितंबर माह के मुकाबले अकटूबर माह में कोरोना संक्रमित मरीज काफी कम मिले है। इतना ही नहीं कोरोना के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की बढ़ने लगे है। पिछले तीन दिनों में छह मरीज कोरोना के कारण दम तोड़ चुके है।

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लोग मास्क पहनेंगे तो वायरस से भी बचे रहेंगे

डा. परमिंदर बांसल का कहना है कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। जिले में फिर से कोरोना मरीज बढ़ने लगे है। ऐसे समय में हमें कोरोना से ठीक हुए मरीज और जो दूसरी बीमारियों से पीडित हैं उनका विशेष ध्यान रखना है। ऐसे मरीजों को हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन के साथ ही मौसमी फलों का अधिक इस्तेमाल करना है। गुनगुने पानी का इस्तेमाल नियमित करते रहें। मौसमी फलों को खूब इस्तेमाल करना है। अगर लोग मास्क पहनते हैं, तो एक तो पार्टिकल्स से बचाव होगा और दूसरा कोरोना वायरस से भी बचे रहेंगे। जिन लोग को अस्थमा, हाई बीपी, शुगर, किडनी, हार्ट से संबंधित बीमारियां हैं, उन्हें तो लाजिमी तौर पर मास्क पहनना ही चाहिए। मास्क पहनने से वायरस के सीधे संपर्क में आने से बचा जा सकता है। इसलिए लोगों से कहा जा रहा है कि इस समय कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी और मास्क जरूरी है।

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नवंबर माह मिले कोरोना मरीज

तारीख पाजिटिव केस ठीक हुए

1             65             28

2             43             23

3             24             33

4             70             13

5             44             35

6             59             23

7            16             32

8            25             20

9            40            105

10         40              20

11         19             37

12          67            48

13         88            34

14         64            33

15            0           39

16          50           74

कुल       714             597

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