कांग्रेस का आरोप-बीजेपी सरकार नागरिकों के निजी डेटा बेच रही है

कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने मोदी सरकार पर लोगों के निजी डेटा चुराने का आरोप लगाया है.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर नागरिकों का निजी डेटा बेचने का शुक्रवार को आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी शासन में निजता पर गंभीर आघात पहुंचाया जा रहा है. कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ऐेसा नहीं है कि सिर्फ “बिग ब्रदर” देख रहे हैं बल्कि उनके करीबी दोस्त भी नजर रख रहे हैं.

सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, “बीजेपी सरकार के तहत नागरिकों की निजता पर गंभीर आघात पहुंच रहा है. सरकार ने चुपचाप से आपके ड्राइविंग लाइसेंस का डेटा निजी कंपनियों को बेच दिया है जो उनके व्यावसायिक फायदों के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं. न सिर्फ ‘बिग ब्रदर’ देख रहे हैं बल्कि उनके करीबी दोस्त भी नजर रख रहे हैं.”

सुरजेवाला ने ये आरोप लगाते हुए एक खबर का हवाला दिया जिसमें सरकार पर नागरिकों के डेटा देना का आरोप लगाया गया है.

बेटियों की सुरक्षा पर बीजेपी सरकार संवेदनहीन, ‘बेटी बचाओ’ बना खोखला नारा- कांग्रेस

बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी का सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बेटियों की सुरक्षा पर संवेदनहीन हो चुकी है. पार्टी ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण शीर्ष अदालत को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा. उन्होंने एक बयान में कहा, ”बीजेपी सरकार की पूरी संवेदनहीनता और उदासीनता के कारण सुप्रीम कोर्ट को पिछले छह महीनों में 24000 से अधिक बच्चियों से दुष्कर्म होने का स्वतः संज्ञान लेना पड़ा.”

सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3457 मामले सामने आए और इनमें से सिर्फ 22 का निस्तारण हुआ.” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों से दुष्कर्म के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऐसे कृत्यों के खिलाफ ठोस और स्पष्ट राष्ट्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी करेगा.

 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसने समाचार पत्रों और पोर्टल्स में बच्चों से दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला लिया है. खबरों में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस साल जनवरी से 30 जून के बीच देश भर में बच्चियों से दुष्कर्म के 24212 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें 11981 मामलों में जांच जारी है, जबकि 12231 मामलों में आरोपपत्र दायर हो चुका है. बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.

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