नई दिल्ली: कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर नागरिकों का निजी डेटा बेचने का शुक्रवार को आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी शासन में निजता पर गंभीर आघात पहुंचाया जा रहा है. कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ऐेसा नहीं है कि सिर्फ “बिग ब्रदर” देख रहे हैं बल्कि उनके करीबी दोस्त भी नजर रख रहे हैं.
सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, “बीजेपी सरकार के तहत नागरिकों की निजता पर गंभीर आघात पहुंच रहा है. सरकार ने चुपचाप से आपके ड्राइविंग लाइसेंस का डेटा निजी कंपनियों को बेच दिया है जो उनके व्यावसायिक फायदों के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं. न सिर्फ ‘बिग ब्रदर’ देख रहे हैं बल्कि उनके करीबी दोस्त भी नजर रख रहे हैं.”
Privacy of citizens has become a severe casualty under BJP Govt!
Quietly the Govt has sold your driving licence data to private companies who can misuse it for their commercial gains!
Not only Big Brother is watching, but his crony friends are too!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 12, 2019
सुरजेवाला ने ये आरोप लगाते हुए एक खबर का हवाला दिया जिसमें सरकार पर नागरिकों के डेटा देना का आरोप लगाया गया है.
बेटियों की सुरक्षा पर बीजेपी सरकार संवेदनहीन, ‘बेटी बचाओ’ बना खोखला नारा- कांग्रेस
बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी का सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बेटियों की सुरक्षा पर संवेदनहीन हो चुकी है. पार्टी ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है.
6 महीनों में देश में 24000 बच्चों से रेप!
सुप्रीम कोर्ट में CJI को ख़ुद दाखिल करनी पड़ी याचिका!
हाई कोर्ट से मँगाये आँकड़े!
महिला सुरक्षा की दुहाई देने वाली BJP ने 2016 के बाद NCRB की रिपोर्ट तक जारी नहीं की है!
आधा देश Fast Track Courts से वंचित!
Nirbhaya Fund का क्या हुआ? pic.twitter.com/LmDRPLGvcm
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 13, 2019
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण शीर्ष अदालत को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा. उन्होंने एक बयान में कहा, ”बीजेपी सरकार की पूरी संवेदनहीनता और उदासीनता के कारण सुप्रीम कोर्ट को पिछले छह महीनों में 24000 से अधिक बच्चियों से दुष्कर्म होने का स्वतः संज्ञान लेना पड़ा.”
सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3457 मामले सामने आए और इनमें से सिर्फ 22 का निस्तारण हुआ.” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों से दुष्कर्म के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऐसे कृत्यों के खिलाफ ठोस और स्पष्ट राष्ट्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी करेगा.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसने समाचार पत्रों और पोर्टल्स में बच्चों से दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला लिया है. खबरों में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस साल जनवरी से 30 जून के बीच देश भर में बच्चियों से दुष्कर्म के 24212 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें 11981 मामलों में जांच जारी है, जबकि 12231 मामलों में आरोपपत्र दायर हो चुका है. बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.
रंगदारी व फिरौती बना कुटीर उद्योग!
खट्टर सरकार गैंगस्टर के साथ या जनता के? pic.twitter.com/MstDCQ0Kwi
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 13, 2019