रायबरेलीः रेल फैक्ट्री के निजीकरण का विरोध करने वालों से मिलने पहुंचीं प्रियंका गांधी
इस मसले को लेकर जुलाई में ही यूपीए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार को घेरा था. सोनिया गांधी ने कहा था सरकार इस फैक्ट्री के निजीकरण का प्रयास कर रही है.
रायबरेली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे कर्मचारियों से मिलने पहुंचीं हैं. दरअसल, यहां के कर्मचारी बीते कई दिनों रेलवे के कथित निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी रायबरेली कोच फैक्ट्री के निजीकरण को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रही है.
Raebareli: Priyanka Gandhi Vadra, Congress General Secretary for Uttar Pradesh (East) meets the workers of Modern Coach Factory (MCF), who are agitating against the "factory's privatisation". pic.twitter.com/RgeMAmuacg
— ANI UP (@ANINewsUP) August 27, 2019
बता दें कि जुलाई में रेलवे बोर्ड ने अपने विभिन्न जोन से रेलवे के कथित ‘निजीकरण’ के खिलाफ श्रमिक संघ द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया था. बोर्ड ने विभिन्न जोन को पत्र भेजकर उनसे कड़े कदम उठाने को कहा था. इस हड़ताल से पहले कर्मचारी विरोध मार्च भी निकाल चुके थे.
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा था
इस मसले को लेकर जुलाई में ही यूपीए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार को घेरा था. सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार इस फैक्ट्री के निजीकरण का प्रयास कर रही है. इसके लिए मजदूर यूनियनों तक को विश्वास में नहीं लिया गया. 2000 से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों का भविष्य अब संकट में है.
पीयूष गोयल ने किया था पलटवार
इसके जवाब में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि 2014 तक रायबरेली के रेल कोच फैक्ट्री में किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ था, महज कोच फैक्ट्री का निर्माण और पेंटिग का ही काम हो सका था. पिछले साल वहां पर कोच उत्पादन का काम शुरू हुआ, आज उस कारखाने में करीब 1400 कोच का निर्माण हो चुका है. इससे स्थानीय लोगों को काफी रोजगार मिला है.
यूपीए के कार्यकाल में स्थापित की गई थी फैक्ट्री
सोनिया गांधी ने जनवरी 2009 में लोकसभा चुनाव से पहले लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री का शिलान्यास किया था. उस वक्त प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने इसे चुनावी फायदा लेने का हथकंडा कहा था. इस रेल कोच फैक्ट्री का उद्घाटन नवंबर 2012 में हुआ था. लालगंज स्थित रेल कोच फैक्टरी में सबसे पहले निर्मित 18 बोगियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था.
बदल दिया गया रेल फैक्ट्री का नाम
रेल मंत्रालय ने 2016 में रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली का नाम बदलकर मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) रायबरेली कर दिया था. इस बात की जानकारी भारत सरकार की ओर से प्रकाशित गजट में दी गई थी. बता दें कि देश में कुल तीन रेल कोच फैक्ट्री हैं. तीन कोच फैक्ट्री में इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई, रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला और रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) रायबरेली है.