कर्नाटक सियासी संकट: कल के फ्लोर टेस्ट की तैयारी में जुटी कांग्रेस, ताज होटल में विधायक दल की हुई बैठक
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेशाध्यक्ष बीएस येदयुरप्पा ने रविवार की शाम को ही पार्टी के सभी विधायकों को एकत्रित किया है और उनके साथ बेंगलुरु के रमाडा होटल में बैठक किया।
बेंगलुरु। कर्नाटक सियासी संकट पर कल (21 जुलाई) को विराम लग जाएगा। इससे पहले रविवार की शाम को कांग्रेस ने बेंगलुरु के ताज विवांता होटल में विधायकों के साथ बैठक की है। इस बैठक में कांग्रेस ने विधायकों के जरिए आगे की रणनीति पर चर्चा की।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेशाध्यक्ष बीएस येदयुरप्पा ने रविवार की शाम को ही पार्टी के सभी विधायकों को एकत्रित किया है और उनके साथ बेंगलुरु के रमाडा होटल में बैठक कर रहे हैं। पार्टी सोमवार को विधानसभा में होने वाले विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई है।
Karnataka: Congress Legislative Party meeting underway at Taj Vivanta in Bengaluru. Floor test in Karnataka Assembly to be held tomorrow. pic.twitter.com/E7fr0LOAJD
— ANI (@ANI) July 21, 2019
दरअसल, मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई समयसीमा की शुक्रवार को दो बार अनदेखा किया और विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बिना ही कनार्टक विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। अब कहा जा रहा है कि कल विधानसभा में कर्नाटक सरकार को अपना बहुमत सिद्ध करना होगा।
कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि राज्यपाल सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं जब सदन में विश्वास मत पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने न्यायालय से उसके 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया था जिसमें कहा गया था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है।
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस-जद(एस) सरकार के राज्यपाल वजु भाई वाला द्वारा तय की गई दो समय सीमाओं को पूरा ना कर पाने पर सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। अब सभी निगाहें राज्यपाल वजुभाई वाला के अगले कदम पर हैं।
बता दें कि सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों- 13 कांग्रेस और तीन जद(एस)- के इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से प्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक कांग्रेसी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने हालांकि पलटी मारते हुए कहा कि वह सरकार का समर्थन देंगे।