आज Commonwealth देशों की बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, PAK से नहीं होगी सीधी बात
Commonwealth Foreign Affairs Ministers की बैठक में 53 सदस्य देश हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर जयशंकर विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग से भी बैठक करेंगे।.
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज लंदन में 19वें राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर आज ब्रिटिश विदेश मामलों के राज्य सचिव, जेरेमी हंट और विभिन्न अन्य नेताओं से मुलाकात करने की संभावना है। इस बैठक में 53 सदस्य देश हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर जयशंकर विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग से भी बैठक करेंगे।
पाकिस्तान से नहीं होगी द्विपक्षीय बातचीत !
राष्ट्रकुल देशों में पाकिस्तान भी है। पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। कुछ सूत्रों के मुताबित, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच इस बैठक के दौरान कोई द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित नहीं की गई है। हालांकि अनौपचारिक तौर पर बातचीत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल, भारत अपनी इस नीति पर कायम है कि बातचीत और आतंक दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। पिछले हफ्ते अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी एक सवाल के जवाब में साफ किया था कि राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक वाले दिन अलग से जयशंकर और कुरैशी के बीच कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है।
राष्ट्रमंडल देश क्या है ?
राष्ट्रमंडल देश (पूर्व में ब्रिटिश राष्ट्रमंडल) के संगठन को केवल राष्ट्रकुल के रूप में भी जाना जाता है। राष्ट्रकुल 53 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी संगठन है। यह संगठन उन देशों का समूह है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे। हालांकि रवांडा और मोज़ाम्बिक कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन नही रहे हैं फिर भी वह राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं, इसके उलट संयुक्त राज्य अमेरिका जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था परन्तु वह राष्ट्रमंडल का सदस्य नहीं है।
राष्ट्रमंडल की स्थापना कब हुई थी ?
28 अप्रैल 1949 को आठ देशों ने मिलकर आधुनिक कॉमनवेल्थ की स्थापना की थी। यह देश थे- यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान।
राष्ट्रमंडल का काम क्या है ?
राष्ट्रमंडल का मुख्य लक्ष्य सभी राष्ट्रमंडल नागरिकों के हितों की रक्षा करना, उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के प्रयास करना और उनके मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाना है।