11 जुलाई को समर्थ घर के बाहर से खेलते हुए गायब हो गया था. काफी तलाश करने के बाद भी समर्थ न तो घर वालों को ही मिला और न ही पुलिस को. लेकिन इसी दौरान पुलिस को समर्थ की उम्र के एक बच्चे की लाश एक नाले से बरामद हुई. लाश का चेहरा खराब हो चुका था.
पुलिस ने लाश की पहचान के लिए समर्थ के घर वालों को बुलाया. लाश को देखते ही घर वालों ने उसकी पहचान समर्थ के रूप में की. इसके बाद बच्चे का पोस्टमॉर्टम शुरु हो गया. लेकिन इसी दौरान समर्थ के पिता के मोबाइल पर एक फोन आया कि अगर बच्चे को जिंदा चाहते हो तो 25 लाख रुपये दे दो.
समर्थ का पोस्टमॉर्टम अस्पताल में चल रहा था. तभी किडनैपर का फोन आया.
पुलिस को मत बताना. रुपये मिलते ही बच्चे को छोड़ दिया जाएगा. इसके बाद समर्थ के पिता ने लाश का चेहरा खराब होने पर उसे पहचानने से इंकार कर दिया. लेकिन जब पुलिस ने समझाया तो वो मान गए. वहीं जिस नम्बर से फोन आया था उसकी तलाश की गई तो वो एक महिला का निकला. उसका कहना था कि एक महीने पहले उसका फोन खो गया था जिसकी वो रिपोर्ट दर्ज नहीं करा पाई थी.
फिलहाल पुलिस का मानना है कि जो शव बच्चे का मिला है वह लापता बच्चा का ही है जबकि अपहरण करने वालों ने उसकी हत्या कर दी व बाद में किसी शरारत के तहत फोन पर फिरौती की मांग कर रहे होंगे। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है व जल्द ही आरोपी लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।