बठिंडा. बुधवार को चंडीगढ़ मे पंजाब यूथ कांग्रस की तरफ से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निवास पर धरना देने की कोशिश करते समय की गई पत्थरबाज़ी की भाजपा युवा मोर्चा ने निंदी की वही इस घटना में एक प्रमुख टी.वी चैनल के पत्रकार के गंभीर रूप से घायल होने वाली घटना पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का घेराव किया है। मुख्यमंत्री की तरफ से मामले की सिर्फ निंदा करने की बात पर पंजाब भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव आशुतोष तिवाड़ी ने तिखा हमला करते हुए कहा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह यूथ कांग्रस की गुंडागर्दी पर खेद प्रकट करने की बजाए आरोपियों पर क़ानूनी कारवाई करवा पंजाब यूथ कांग्रस प्रधान बरिंदर ढिल्लो को निलंबित करे।
क्योंकि उनके नेतृत्व में पत्थरबाज़ी कर यूथ कांग्रस ने दूसरी बार ट्रैक्टर जलाने के बाद अराजकतावादी विचारधारा का प्रमाण दिया है। आशुतोष ने कहा अगर पंजाब यूथ कांग्रस को तो भाजपा नेताओ को घेरने की बजाए पंजाब को नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त करने, नौजवानों को घर-घर नौकरी, स्मार्ट फ़ोन, बेरोज़गारी भत्ता देने, व्यापारियों को सस्ती बिजली, शहरो को हाउस एवं प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म करने एवं पंजाब के किसानो का 90 हजार करोड़ कर्जा माफ एवं 300 करोड़ गन्ने का बकाया दिलाने के लिए धरना लगाए क्योंकि जनता से वोट लेने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनावों से पहले पवित्र गुटका साहिब पकड़ कसम खाकर सैंकड़ों वायदे किए परंतु उनको पूरा करने के मामले मे कुंभकर्णी निंद सोए हुए है। इसलिए यूथ कांग्रस को पंजाब सरकार की नाकामिया छुपाने वाली कोशिशो को छोड़ पंजाब के मुख्यमंत्री को जगाने एवं उनके द्वारा जनता से किए गये सैकड़े वादे याद दिलाने के लिए धरने प्रदर्शन करने चाहिए।
गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबीयो पर पंथ रत्न भी वापिस करें प्रकाश सिंह बादल
-पद्म विभूषण वापिस करने वालो ने पंथ रत्न वापिस क्यों नही किया
बठिंडा. किसानों के हित के लिए बने कृषि बिलों पर अपनी राजनिति करते हुए पंजाब कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा पद्मविभूषण वापिस करने पर भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां द्वारा कड़ा प्रहार किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब की सत्ता में रहते हुए बादल सरकार में अनेकों बार परम पवित्र ग्रन्थ साहिब की बेअदबी उनके चहेतों द्वारा की गई, और शरेआम सिक्ख पंथ का अपमान किया गया,लेकिन तब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का दिल बिल्कुल भी नही पसीजा और अपनी नाकामयाब सत्ता के चलते उन्होंने कभी भी सिक्ख पंथ के सम्मान में अपना पंथ रत्न वापिस देना जरूरी नही समझा। सरां ने कहा कि आज किसानों के हित मे बने कृषि बिलों पर अपनी राजनीतिक जमीन खिसकते देख किसानों के नकली मसीहा बने प्रकाश सिंह बादल पद्म विभूषण वापिस करने का ड्रामा रच रहे है,जबकि पंजाब का किसान इनकी घटिया राजनीति को अच्छे से समझ चुका है कि कैसे अकाली दल के सरपरस्त सुखबीर बादल को मुख्यमंत्री बनने के लिए ढोंग रच रहे हैं। सरां ने कहा कि बादल परिवार द्वारा सिक्खों के साथ हमेशा छलावा किया गया। चाहे वो 1984 की घटना हो या श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का अपमान। उन्होंने कहा कि पंथ रत्न व पद्म विभूषण के असली हकदार सिक्ख पंथ के लिए काम रही नौजवान पीढ़ी है, बादल परिवार का सिक्ख पंथ में ऐसा कोई योगदान नहीं कि इन्हें पंथ रत्न दिया गया। आज हर सिक्ख इनसे सवाल पूछता है कि इन्होंने सिक्खों के सम्मान में पंथ रत्न वापिस क्यो नही किया। सरां ने कहा कि पंजाबवासी अब इनके छलावे में नही आएंगे। सरां द्वारा पद्म विभूषण वापिस करने पर ढींडसा पर भी निशाना साधा गया कि लोगों के दिलो से उतरे नेता खुद की राजनीति चमकाने के लिए स्टंट खेले जा रहे है, जो कि बर्दाश्त नही किये जायेंगे और न ही इन्हें पंजाब का माहौल खराब करने दिया जाएगा।