जानिए 33 साल के उस इंजीनियर के बारे में जिसने ‘विक्रम लैंडर’ ढूंढा, NASA ने की तारीफ

Chandrayaan-2 इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए विक्रम लैंडर को नासा ने सोमवार को ढूंढ निकाला है. नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर द्वारा ली गई तस्वीर जारी की है.

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की तरफ से चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान 7 सितंबर को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. उस वक्त इसरो से विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया था. आज सुबह नासा ने दावा किया है कि विक्रम लैंडर का पता चल गया है. साथ ही नासा ने उसकी जानकारी भी दी है जिसने विक्रम लैंडर का पता लगाया है. नासा ने अपने बयान में कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्‍वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के मलबे की खोज करने के लिए बुलाया था.

इसके बाद शनमुगा सुब्रमण्यन नाम के एक व्यक्ति ने विक्रम लैंडर के मलबे का सही पता लगाया है. शनमुगा सुब्रमण्यन चेन्नई से हैं और पेशे से इंजीनियर हैं. नासा की तरफ से कहा गया है कि शनमुगा सुब्रमण्यन ने विक्रम लैंडर की पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया. शानमुगा ने मुख्य क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की थी.

 

नासा ने कहा कि सुब्रमण्यम विक्रम लैंडर के सकारात्मक पहचान के साथ आने वाले पहले व्यक्ति थे. वहीं शनमुगा सुब्रमण्यन सुब्रमण्यन का कहना है कि नासा द्वारा अपने दम पर लैंडर को खोजने में असमर्थता ने ही उनकी रुचि जगा दी. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने विक्रम लैंडर को ढूंढने के लिए कड़ी मेहनत की. मैं बेहद खुश हूं. मेरी हमेशा से स्पेस साइंस में दिलचस्पी रही है. मैं कभी भी किसी उपग्रह के लॉन्च को मिस नहीं करता हूं.”

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की तरफ से चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान 7 सितंबर को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. लैंडर को शुक्रवार देर रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया था.

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