श्रीनगर. सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर पुलवामा जैसे एक हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है। आतंकी एक कार में आईईडी लगाकर हमला करने की फिराक में थे। इसे सुरक्षा बलों ने इंटरसेप्ट किया और बाद में बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने कार को खाली जगह पर ले जाकर डिफ्यूज कर दिया। इस केस की जांच अब एनआईए करेगा।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ईद से लगभग 10 दिन पहले जंग-ए-बदर के दिन आतंकवादी हमले की साजिश रच रहे थे। सुरक्षा बलों के पास उस दिन किसी बड़े आतंकी हमले का इनपुट था। सुरक्षा बल अलर्ट थे, इसलिए आतंकी उस दिन हमला नहीं कर सके। सर्च ऑपरेशन भी जारी था।
आईजी कश्मीर विजय कुमार के मुताबिक, पुलिस ने सूचना मिलने पर एक नाका लगाया। कल बुधवार रात को आतंकी जब ये गाड़ी लेकर निकला तो उसे पुलिस ने नाके पर रोका। आतंकी ने गाड़ी नहीं रोकी तो पुलिस ने फायरिंग की, लेकिन आतंकी गाड़ी लेकर भाग गया। फिर एक दूसरे नाके पर इस गाड़ी को रोका गया। आतंकी दोबारा नहीं रुका तो पुलिस ने फायरिंग की। इस बार आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर गाड़ी को छोड़कर भाग गया।
पुलिस ने दूर से ही कार को देखा और संदिग्ध नजर आने पर इलाके की घेराबंदी कर बम स्क्वॉड को बुला लिया। सुबह जब बम स्क्वॉड पहुंचा तो उन्हें कार के अंदर विस्फोटक मिले। नीले रंग के एक ड्रम में विस्फोटक रखे थे।
हिजबुल का आंतकी गाड़ी चला रहा था
सफेद रंग की इस सैंट्रो कार का रजिस्ट्रेशन टू व्हीलर का था और मालिक जम्मू के कठुआ का रहने वाला है। जो आतंकी इस गाड़ी को चला रहा था, उसका नाम आदिल है। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ है। इत्तेफाक की बात ये है कि जिस आतंकी ने पुलवामा में गाड़ी में विस्फोटक भरकर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, उसका नाम भी आदिल था।
बुधवार की इस घटना में भी 2019 में पुलवामा में हुए हमले की तर्ज पर विस्फोट को अंजाम देने की साजिश थी। उस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। हमले में विस्फोटक से भरी गाड़ी को जैश का आतंकी आदिल डार चला रहा था।
साजिश में जैश के कमांडर का हाथ
डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक आईईडी बनाने और उसे सैंट्रो कार में प्लांट करने के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी और जैश के कमांडर वलीद का हाथ हो सकता है। खबर है कि आतंकी वलीद कुलगाम में छिपा हुआ है।
इस बार भी सुरक्षा बलों का काफिला निशाने पर था
डीजीपी के मुताबिक कार पर टू व्हीलर का नंबर इसलिए इस्तेमाल किया गया ताकि सुरक्षा बलों को चकमा दिया जा सके। कार हाईवे की ओर जा रही थी और इस कार के जरिए आतंकी सुरक्षा बलों के कॉन्वॉय या फिर डिफेंस इंस्टॉलेशन पर हमला करने वाला था।
कार में करीब 50 किलो विस्फोटक था
जांच के मुताबिक नाईट्रिक सॉल्ट, अमोनियम नाइट्रैट और नाइट्रो ग्लीसरीन का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था। पहले अनुमान लगाया गया था कि कार में 20 से 25 किलो विस्फोटक था, लेकिन जब कार में विस्फोट हुआ तो उसका मलबा उड़कर 50 मीटर ऊपर तक गया। बम डिफ्यूज करने वाले एक्सपर्ट के मुताबिक कार में कम से कम 40 से 50 किलो विस्फोटक रखा था।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। कार का पता चलने के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास का इलाका खाली करा लिया। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वाड ने कार को उड़ा दिया। पुलवामा पुलिस के बाद सीआरपीएफ और आर्मी ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया।
जम्मू-कश्मीर आईजी विजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आतंकी सिक्युरिटी फोर्सेस या पुलिस की टीम को टारगेट करने की योजना बना रहे थे। कार में 40 से 45 किग्रा एक्सप्लोसिव होने का अनुमान है। हमने विशेषज्ञों को जांच के लिए बुलाया है।
दो-तीन दिन से इनपुट्स मिल रहे थे
विजय कुमार ने बताया कि पुलवामा पुलिस को पिछले एक हफ्ते से खबर मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी मिलकर आत्मघाती हमला करने वाले हैं। उनके पास एक सेंट्रो कार है, जिसका वह इस्तेमाल कर सकते हैं। कल सुबह से ही हमें खबर मिलनी शुरू हो गई थी। दिन में ही खबर और पुख्ता हुई। कल शाम पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ, आर्मी और एसओजी पार्टी के जरिए घेराबंदी की। जिस गाड़ी में एक्सप्लोसिव होने की खबर थी वह जब नाका पार्टी के पास आई तो आर्मी ने वॉर्निंग फायर किया। इसके बाद ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। सुरक्षाबलों ने वाहन को कब्जे में ले लिया। उन्होंने बताया कि इस हमले को हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी आदिल और एक जैश का आतंकी अंजाम देने वाला था। कार को आदिल चला रहा था।
पीछे की सीट पर ड्रम रखे थे
सुरक्षाबलों ने कार के पास जाकर देखा तो पिछली सीट पर विस्फोटक से भरे नीले रंग के ड्रम रखे थे। सुरक्षाबलों ने रात भर कार की निगरानी की। इसके बाद आसपास के घरों को खाली करा दिया गया। बाद में वाहन को धमाका कर उड़ा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। कार पर स्कूटर की नंबर प्लेट लगी थी, जिसका रजिस्ट्रेशन कठुआ जिले का मिला है।