चंडीगढ़. पंजाब सरकार को आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने का खतरा सता रहा है। इससे बचने के लिए सूबा सरकार ने अपनी तैयारी पहले से ही करनी शुरू कर दी है। सरकार चाहती है कि हर रोज होने वाले टेस्टों की संख्या में और इजाफा किया जाए। जिससे हर व्यक्ति को टेस्टिंग के दायरे में लाया जा सकें।
इसके लिए विभाग ने जहां कुछ प्राइवेट अस्पतालों को टेस्टिंग करने की छूट दी है और अपने डॉक्टरों को ट्रेनिंग दे रहे हंै। वहीं, विभाग अब 1200 और डॉक्टरों को कोरोना टेस्टिंग की ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहा है। यह स्वास्थ्य विभाग के मौजूदा डॉक्टरों के अलावा है। विभाग टेस्टिंग को इसलिए भी बढ़ाना चाहता है क्योंकि कई संस्थानों द्वारा आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में इजाफा होने की बात कही जा रही है। इन संस्थाओं की बातों ने सरकार की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों से भी सूबे में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। सूबे के तीन मेडिकल काॅलेजों में टेस्टिंग क्षमता को 9 हजार प्रति दिन तक किया गया है।
5-5 डॉक्टरों के ग्रुप बना दी जाएगी ट्रेनिंग
विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जनों को इस ट्रेनिंग कार्यक्रम को पूरा करने के बाद 10 दिनों के भीतर ट्रेनिंग की रिपोर्ट जमा करवाने के लिए कहा है। इन डॉक्टरों को ट्रेनिंग इनकी तैनाती वाले जिलों में ही दिए जाने के बारे में भी आदेश जारी किए गए हैं। ताकि डॉक्टरों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही सिविल सर्जनों को यह भी कहा गया है कि वह यह भी यकीनी बनाए कि डॉक्टरों को बड़े ग्रुपों की बजाय 4 से 5 डॉक्टरों का ग्रुप बना कर ट्रेनिंग देने का प्रोग्राम तैयार करें। जिससे ट्रेनिंग के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा सकें।
रूरल विभाग के 750 और आयुष विभाग के 450 डॉक्टर होंगे शामिल
स्वास्थ्य विभाग ने जिन डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने का फैसला किया है उनमें रूरल विभाग 750 रूरल मेडिकल ऑफिसर और 450 डॉक्टर आयुष विभाग के शामिल हैं। इन डॉक्टरों को विभाग की ओर से कम से कम 10 दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन डॉक्टरों को ट्रेनिंग के दौरान कोरोना के मरीजों की सैंपलिंग और पैकिंग करना शामिल होगा। इसके साथ इन डॉक्टरों को खुद का बचाव भी सिखाया जाएगा।
आरएमओ,एएमओ को भी तैयार किया जाएगा
सूबे के जिला अस्पतालों में तैनात आरएमओ और एएमओ को भी विभाग ने ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। इसमें इनको तीन दिनों तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसमें दो दो के बैंच में मेडिकल आफिसर माइक्रो बायोलॉजिस्ट की सुपरविजन में फ्लू कार्नर में ट्रेनिंग देने का फैसला किया गया है। इससे पहले विभाग की ओर से कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर,फार्मासिस्ट और स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग देने का काम पहले से ही चल रहा है। विभाग के उच्च अधिकारियों का मानना है कि इससे सूबे में करोना की टेस्टिंग की क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है।
ये ट्रेनिंग इसलिए ताकि जरूरत पड़ने पर ली जा सके इनकी मदद
विभाग ने रूरल विभाग के 750 रूरल मेडिकल ऑफिसरों और आयुष विभाग के 450 डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। ताकि आने वाले दिनों में विभाग टेस्टिंग को और ज्यादा बढ़ाया जा सकें। -बलबीर सिंह सिद्धू,स्वास्थ्य मंत्री