चंडीगढ़. किसानों से मुफ्त बिजली वापस लिए जाने के मुद्दे पर लगातार विपक्ष के घेरने के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही किसानों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं। जब तक उनकी सरकार है, सुविधा वापस नहीं ली जाएगी।
उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र द्वारा पेश किए गए राजकोषीय घाटे को लेकर दिए गए प्रस्ताव पर घाटा बढ़ाने को तैयार है, लेकिन किसी कीमत पर किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगी। कांग्रेस की सरकार रहने तक किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रहेगी। अपने घाटे को पूरा करने के लिए बेशक कर्ज लेना पड़े लेकिन केंद्र के इस सुझाव को लागू नहीं करेगी।
सुखबीर और हरसिमरत को लिया आड़े हाथों
कैप्टन ने कहा कि सुखबीर राज्य सरकार पर कुशासन के आरोप लगाने से पहले देख ले कि 2017 से किसानों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं। जबकि यह आर्थिक संकट पूर्व की सरकार से मिला था। उन्होंने सुखबीर से एनडीए छोड़ने और हरसिमरत कौर से मामले पर इस्तीफा देने की बात कही।
मुफ्त बिजली बंद की तो करेंगे आंदोलन : सुखबीर
सुखबीर बादल ने कैप्टन सरकार को चेतावनी दी कि वह मुफ्त बिजली की सुविधा समाप्त कर किसानों की कमर न तोड़े। अगर सरकार ने ऐसा किया तो राज्यव्यापी जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे।
ट्वीट कर मुफ्त बिजली के लिए किया आश्वस्त
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को भी ट्वीट किया था, “मैं आपकी आर्थिक स्थिति से परिचित हूं। देश के लिए खाद्य उगाने के लिए हर फसल में आपके द्वारा की गई मेहनत की सराहना करता हूं। मुफ्त बिजली जारी रहेगी। इसमें कोई कटौती नहीं की जा रही।