चंडीगढ़. अब कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। न ही रिपोर्ट के इंतजार में आईसोलेशन वार्ड में रुकना पड़ेगा। इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमअार) ने पीजीआई चंडीगढ़ को रैपिड एंटीजन तकनीक से काेरोना टेस्ट का ट्रायल प्रोजेक्ट सौंपा है। इससे पता चल जाएगा कि रिपोर्ट पॉजिटिव है या निगेटिव।
अगर ट्रायल सफल रहा तो मात्र 15 मिनट में ही पता चल जाएगा कि कोरोना है या नहीं। अभी लैब से रिपोर्ट आने में कम से कम 6 से 8 घंटे का समय लगता है। सैंपल ज्यादा होने पर एक से दो दिन का वक्त लगता है। पीजीआई डायरेक्टर प्रो. जगत राम ने बताया कि आईसीएमआर ने पहले इसके इस्तेमाल पर दो दिन के लिए बैन लगा दिया था। लेकिन अब बढ़ रहे केसों की जल्दी रिपोर्ट के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है। फिलहाल 100 मरीजों पर इसका ट्रायल एक-दो दिन में शुरू हो जाएगा। संभवत: सोमवार तक इसकी किट पीजीआई को मिल जाएंगी।
आईसोलेशन में रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत
अगर रैपिड एंटीजन से रिजल्ट सटीक आते हैं तो इस तकनीक का पूरे देश में इस्तेमाल होगा। रिपोर्ट जल्दी आने से निगेटिव मरीज घर चले जाएंगे। सिर्फ पॉजिटिव मरीज ही आईसोलेशन में रहेंगे। अभी टेस्ट के बाद भी हर किसी को आईसोलेशन वार्ड में नहीं रखा जाता।
निजी अस्पतालों में इलाज के इच्छुक लोगों को न राेकें : महाजन
मुख्य सचिव विनी महाजन ने रविवार को डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि राज्य में मृत्यु दर को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाएं ताकि 2.4% मौजूदा मौतों की संख्या को कम किया जा सके। मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि अगर कोविड मरीज अपने खर्च पर निजी अस्पताल जाना चाहते हैं तो उन्हें जाने दें। सरकार कोरोना जांच क्षमता प्रति दिन 20 हजार तक बढ़ाएगी। 4 नई लैबों में जल्द काम शुरू होगा।
इधर, कोरोना सैंपल लेने को गली-मोहल्लों में घूमेगी बस
कोरोना सैंपल लेने के लिए कंडम बसों को मोबाइल सैंपल कलेक्शन वैन के रूप में तैयार किया है। ये पंजाब की पहली सैंपल कलेक्शन वैन होगी जो सैंपल लेगी। बस में ड्राइवर/लैब स्टाफ/ संदिग्ध के लिए अलग-अलग कैबिन हैं।
दिल्ली में पहले से हो रहे हैं इस तकनीक से टेस्ट
दिल्ली में ये टेस्ट कंटेनमेंट और हॉस्पिटल या क्वारेंटाइन सेंटर में हो रहे हैं। पीजीआई में ट्रायल इसलिए होगा, क्योंकि रीजन में कोरोना पीक पर आना बाकी है।