चंडीगढ़. पंजाब में कोरोना मरीजों की संख्या 8 हजार पार जाने के बाद सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। साेमवार आधी रात से सभी 22 जिलों में धारा-144 लागू कर सभी तरह के सार्वजनिक समारोह पर रोक लगा दी है। अब जलसे और धरने-प्रदर्शन पर राेक लग गई है। वहीं, विवाह, सामाजिक और सोशल कार्यक्रमों में लोगों के एकत्रित होने की संख्या कम कर दी है। सामाजिक कार्यक्रमों में 5 और विवाह व दूसरे कार्यक्रमों में लागों की संख्या 50 से घटाकर 30 कर दी है। अगर कार्यक्रमों में प्रोटोकाॅल का पालन नहीं होता है तो होटल, मैरिज पैलेस आदि के लाइसेंस सस्पेंड और एफआईआर दर्ज की जाएगी।
तय संख्या से ज्यादा गेस्ट आने पर होटल और मैरिज पैलेस वालाें को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। नियम लागू कराने को पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक बैठक के दौरान चाय सर्व करने से बचने और इसमें 5 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। सार्वजनिक जगहों के अलावा ऑफिसों में भी मास्क पहनना जरूरी होगा।
कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या में कोई गिरावट नहीं आती हुई देख पंजाब सरकार ने साेमवार को सामाजिक व सार्वजनिक समारोह को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। नई गाडडलाइन के अनुसार शादी समारोह में भो लेने के लिए मेहमानों की संख्या को 50 से घटाकर 30 कर दिया गया है। वहीं, भोग, बर्थडे पार्टी आदि में पांच से ज्यादा मेहमान शामिल नहीं हो सकेंगे। अगर ऐसा होता है तो पुलिस को एफआइआर दर्ज करने का अधिकार दिया गया है।
राज्य सरकार ने पंजाब में कोरोना वायरस के कम्यूनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए चेन्नई आइआइटी के विशेषज्ञों के साथ समझौता किया है। वहीं, पंजाब सरकार ने सार्वजनिक स्थल के साथ-साथ कार्य स्थानों, कार्यालयों, बंद स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, सरकारी दफ्तरों में किसी भी प्रकार के प्रजेंटेशन व ऐसी बैठकों में रोक लगा दी गई है जिसमें पांच से ज्यादा लोग शामिल हो।
अपील… ज्ञापन या शिकायत मैनुअल नहीं, अब ऑनलाइन दें
एक अन्य अपील करते हुए सरकार ने कहा है कि अब मेमोरेंडम या कोई भी शिकायत मैनुअल न देकर उसे ऑनलाइन दें। आग्रह है कि लोग डीसी को अपना मेमोरेंडम डिजिटल तरीके से भेजे। अगर नहीं भेज सकते हैं तो 3 या 4 लोग ही आ सकेंगे।
इसके साथ ही बैठकों में चाय आदि को परोसने पर भी मनाही होगी। वहीं, पंजाब सरकार ने राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश किए है की वे यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोविड 19 के मरीजों का इलाज करने से मना नहीं कर रहा हो।
काेई भी अस्पताल इलाज से मना नहीं कर सकता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि निजी इलाज केंद्रों के साथ समझौते का यह मतलब नहीं कि सरकार द्वारा रेफर किए जाने वाले मरीजों के लिए अब से ही बेड रोक लिए जाएं। सरकार सिर्फ रेफर किए मरीजों का ही चार्ज देगी। डीसी व एसपी तय करेंगे कि सभी अस्पताल जो कोरोना मरीजों का इलाज कर सकते हैं, वह बेड़ों की जानकारी मुहैया कराएं। साथ में अस्पताल किसी भी मरीज का इलाज से मना नहीं कर सकते।
बिना लक्षण वालों को अब क्वारेंटाइन में रखा जाएगा
बिना लक्षण वाले और कम प्रभावित मरीजों को कोविड सेंटरों और होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। दूसरे और तीसरी श्रेणी की सुविधाओं वाले बेड्स ऐसे मरीजों के इलाज के लिए नहीं इस्तेमाल किए जाएंगे। वहीं दूसरे और तीसरी श्रेणी की सुविधा वाले बेड्स पर उपचार करवा रहे व्यक्ति को अगर इसकी जरूरत नहीं है तो उसे निचली श्रेणी के बेड पर रेफर कर दिया जाएगा।