पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने गुरुवार को राज्य के सभी निजी स्कूलों को हिदायत जारी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई आपदा के मौके पर प्रबंधकों को अपने स्कूल स्टाफ के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्हें पूरे स्टाफ को कर्फ्यू के दौरान पूरा वेतन देना चाहिए। इसके अलावा कर्फ्यू के दौरान निजी स्कूल ऑनलाइन क्लास के लिए किसी तरह की कोई फीस भी नहीं मांग सकेंगे।
इसी तरह सभी स्कूल प्रबंधकों को पंजाब सरकार ने हिदायतें दी हैं कि वह अपने यहां पढ़ाने वाले अध्यापकों को मासिक वेतन समय पर जारी करें।
शिक्षा मंत्री ने आदेश दिए कि राज्य के सभी स्कूल ‘द पंजाब रेगुलेशन ऑफ फी ऑफ अनएडेड एजुकेशनल इंस्टीट्यूशनल एक्ट’ के संशोधित एक्ट समेत सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। यदि किसी स्कूल ने पंजाब सरकार की हिदायतों का उल्लंघन किया तो उसके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों को वर्दी-किताबों के लिए मजबूर नहीं कर सकते
शिक्षा मंत्री ने सभी स्कूलों से कहा कि वे अपनी वर्दी और सिलेबस से संबंधित किताबों की सूची वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ-साथ स्कूल के क्षेत्राधिकार में उचित स्थानों पर चिपकाएं। विद्यार्थियों के माता-पिता इस सूची के अनुसार अपनी मनपसंद जगह से किताबें और वर्दियां खरीद सकते हैं।
यदि कोई स्कूल इनके लिए कोई खास जगह निर्धारित करता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी स्कूल के मार्के की वर्दी अभिभावकों को नहीं मिलती तो स्कूल सिर्फ मार्के वाला बैज (बिल्ला) बेच सकते हैं। किसी खास दुकानदार द्वारा किताबों और वर्दी की घरों तक पहुंच भी पंजाब सरकार के इस एक्ट का उल्लंघन मानी जाएगी।
वाहन किराया भी नहीं वसूल सकते
सिंगला ने कहा कि इस समय के दौरान कोई भी स्कूल वाहनों का किराया या किताबों के पैसे भी नहीं वसूल सकता। पंजाब सरकार की हिदायतों का उल्लंघन करने वाले 48 स्कूलों को अब तक नोटिस जारी किए जा चुके हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों पर निगरानी रखने की हिदायत की गई है।