पंजाब: बेअदबी मामले में आया नया मोड़, याचिका दायर कर सीबीआई ने दी पुलिस जांच को चुनौती

अदालत ने 25 जुलाई, 2019 को याचिका रद्द कर दी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इन तीनों केसों की जांच की जो जिम्मेदारी उन्हें दी थी, उस संबंध में जारी की नोटिफिकेशन अभी भी रद्द नहीं की गई है। वहीं, 4 जुलाई, 2019 को जब सीबीआई ने इस केस को बंद करने की रिपोर्ट अदालत में पेश की  तो उस समय पंजाब पुलिस की जांच ब्यूरो के विशेष डीजीपी ने कुछ नए तथ्य भेजकर जांच को जारी रखने की ताकीद की। 

चंडीगढ़. बेअदबी मामले में पंजाब पुलिस की ओर से गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के सक्रिय होने के साथ मामले में नया मोड़ आ गया है। अब इस मामले में जांच के लिए सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) भी उतर आई है। सीबीआई ने पंजाब पुलिस की जांच को कानून का उल्लंघन बताते हुए मोहाली स्थित सीबीआई की अदालत में चुनौती दी है। इसके साथ ही मांग की है कि एसआईटी हेड को नोटिस जारी कर असल रिपोर्ट और जांच से संबंधित सभी दस्तावेज मंगवाए जाएं।

इसके साथ ही एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की ओर से दायर याचिका का फैसला होने तक जांच से रोका जाए। वहीं, अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की है और साथ ही सभी पक्षों को तलब किया गया है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि बेअदबी से जुड़े तीनों मामलों की जांच 2015 में पंजाब सरकार की तरफ से उन्हें दी गई थी। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सीबीआई ने पूरी प्रक्रिया को अपनाकर नए सिरे से केस दर्जकर जांच शुरू की थी। लेकिन 2018 में पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन देकर अपनी सहमति वापस ले ली। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।
अदालत ने 25 जुलाई, 2019 को याचिका रद्द कर दी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इन तीनों केसों की जांच की जो जिम्मेदारी उन्हें दी थी, उस संबंध में जारी की नोटिफिकेशन अभी भी रद्द नहीं की गई है। वहीं, 4 जुलाई, 2019 को जब सीबीआई ने इस केस को बंद करने की रिपोर्ट अदालत में पेश की  तो उस समय पंजाब पुलिस की जांच ब्यूरो के विशेष डीजीपी ने कुछ नए तथ्य भेजकर जांच को जारी रखने की ताकीद की।
वहीं दूसरी तरफ इसी पत्र के आधार पर हमने अगली जांच होने तक केस बंद करने वाली याचिका को टालने की प्रार्थना की थी। सीबीआई ने लिखा है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हमारी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने देरी से फाइल करने के चलते रद्द कर दी थी। जबकि कानूनी पक्ष से सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट में दायर रिव्यू पिटीशन सुनवाई के अधीन है। रिव्यू पिटीशन 5 मार्च, 2020 में दायर की गई थी।

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