चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना का हमला तेज हो गया है। राज्य में 24 घंटे में कोरोना के 849 नए केस आए। एक दिन में इससे पहले अधिकतम 614 केस आए थे। कुल 16 मरीजों की मौत हो गई जिनमें सबसे ज्यादा लुधियाना में छह ने दम तोड़ा। 16 में से नौ मरीज पहले से ही कई बीमारियों से पीडि़त थे। प्रदेश में मरने वालों की संख्या 398 हो गई है, जबकि कुल केस 16,514 हो गए हैैं। 225 और लोगों के ठीक होने के साथ ही कुल संख्या 10,734 हो गई है।
एक डीएसपी, छह एएसआइ सहित आठ कैदी भी पॉजिटिव, बठिंडा में दो व होशियारपुर में एक मरीज की मौत
लुधियाना में 58 व 47 साल के दो पुरुषों, 24 साल की युवती और 43, 65 व 66 साल की महिलाओं की मौत हो गई। इनमें से पांच मरीज पहले से ही कुछ और बीमारियों से पीडि़त थे। जिले में कुल 226 पॉजिटिव केस आए जिनमें आठ मरीज दूसरे जिलों के हैैं। जालंधर में 55 व 70 साल के पुरुषों और 49 साल की महिला की मौत हो गई। तीनों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन व ब्लड प्रेशर पहले से ही था। महिला लुधियाना की रहने वाली थी। कुल 100 केस आए जिनमें दो अन्य जिलों के हैैं।
सबसे ज्यादा लुधियाना में 224 केस, पटियाला में 126, जालंधर में 100
अमृतसर में पांच एएसआइ सहित 71 नए मरीज सामने आए, जबकि गुरु रामदास नगर के 61 वर्षीय बुजुर्ग, पंडोरी रमाणा की 75 वर्षीय महिला, सिद्धपुर खुर्द के 76 वर्षीय बुजुर्ग व शरीफपुरा के 62 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। होशियारपुर के दसूहा में 91 साल की बुजुर्ग की मौत हो गई जो शुगर की बीमारी से पीडि़त था। बठिंडा में दो मरीजों की मौत हो गई।
लुधियाना में छह, अमृतसर में चार, जालंधर में तीन लोगों ने दम तोड़ा, दस मरीज वेंटीलेटर पर
पटियाला में 126 और संगरूर में 24 केस आए जिनमें एचडीएफसी बैंक के चार कर्मचारी भी हैैं। बरनाला में एक डीएसपी, एक एएसआइ व आठ कैदी भी पॉजिटिव आए हैैं। प्रदेश में कोरोना के 145 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। 135 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैैं, जबकि दस को वेंटीलेटर पर रखा गया है।
- कुल केस/24 घंटे में- 16,514/849
- कुल सक्रिय केस/24 घंटे में- 5,382/608
- कुल स्वस्थ हुए/24 घंटे में- 10,734/225
- कुल मृत्यु/24 घंटे में- 398/16
- कुल टेस्ट/24 घंटे में- 5,82,573/10,506
सूबे में अब तक 16908 कोरोना पेशेंट मिल चुके हैं। इनमें 11232 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 5275 का इलाज अभी चल रहा है। पिछले 9 दिन में 122 मरीजों की मौत और 5342 लोग संक्रमित आ चुके हैं। कोराेना विस्फोट जैसी स्थिति बनने से सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। अब सरकार ने सभी 22 जिलों के सरकारी अस्पतालों में हाईटेक आईसीयू बनाने का फैसला किया है।
अभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था न होने से मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें बड़े हाॅस्पिटल में शिफ्ट करना पड़ता है। इसलिए क्रिटिकल पेंशट्स का इलाज वहां संभव नहीं हो पाता। सरकार ने सभी 22 जिलों के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बनाने का फैसला किया है। जल्द हेल्थ विभाग टेंडर जारी करेगा, उसके बाद जल्द से जल्द आईसीयू बना दिए जाएंगे। सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों के मौजूदा परिसर में ही ये हाईटेक आईसीयू बनाए जाएंगे। जिन अस्पतालों में इसके लिए अलग से रूम्स की व्यवस्था है तो ये वहां बना दिए जाएंगे, अगर किसी अस्पताल में रूम नहीं हैं तो उसके लिए अस्पताल के मौजूदा परिसर में ही नए भवन का निर्माण किया जाएगा।
आईसीयू के लिए होगी अलग स्टाफ की भर्ती
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बनाने का फैसला लिया है। ताकि लोगों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं अपने जिले में मिल सकें। इसके लिए जल्द टेंडर और स्टाफ की भर्ती की जाएगी।
हर अस्पताल के आईसीयू में होंगे 20-20 वेंटिलेटर
सभी जिलों में आईसीयू के लिए अलग स्टाफ की भर्ती होगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर्स, स्टाफ नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी करेगा। यह सभी नियुक्तियां जल्द से जल्द की जाएंगी। हर अस्पताल के आईसीयू में 20-20 वेंटिलेटर रखे जाएंगे। ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जाएगी ताकि मरीजों की तुरंत ऑक्सीजन मिल सके और कीमती जानों को बचाया जा सके।
प्लाज्मा डोनर का हौसला बढ़ाने को सर्टिफिकेट भी देगी सरकार
पंजाब में करोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए अब हेल्थ विभाग ने मरीजों की रिकवरी रेट को बढ़ाने का फैसला किया है। विभाग को प्लाज्मा थैरेपी से अच्छे रिजल्ट मिले हैं। लेकिन मुश्किल ये आ रही है कि अभी कुछ लोग ही प्लाज्मा डोनेट करने को आगे आ रहे हैं। विभाग ने कोविड से ठीक हो चुके मरीजों काे प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है। इसमें नाम के साथ लिखा होगा कि इन्होंने प्लाज्मा दान करके दूसरे की जिंदगी बचाई है। जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं उनसके प्लाज्मा डोनेट करवाने के लिए कर्मचारी खुद संपर्क साधेंगे। जिसमें हेल्थ वर्करों के साथ आशा वर्करों को भी शामिल किया जाएगा। बता दें कि अब तक करीब 11232 लोग ठीक हो चुके हैं।
प्लाज्मा बेचने का फैसला सरकार ने कभी नहीं लिया वह मिस प्रिंट हुआ था
सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने तपा में कहा कि कोरोना के मरीजों से लिए गए प्लाज्मा को 20 हजार में प्रति मरीज बेचने का फैसला प्रदेश सरकार ने कभी नहीं लिया। सारा इलाज सरकार की तरफ से मुफ्त में किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। वह महज एक मिसप्रिंट था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की तरफ से हर बात पर झूठा क्रेडिट लिया जाता है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार की तरफ से बयान जारी हुआ कि कोरोना की जंग जीत कर जो मरीज ठीक हुए हैं उनका प्लाज्मा प्रदेश सरकार ले रही है। उसे प्रति मरीज 20 हजार में बेचा जाएगा। जिसका विरोध हुआ था।