चंडीगढ़ । गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में दर्शन के लिए श्रद्धालुअरों के लिए पुख्ता व्यवस्था होगी। वहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को 30 दिन पहले आवेदरन करना होगा। यह आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर ही करना होगा। पोर्टल गुरमुखी व अंग्रेजी भाषा में होगा।
श्रद्धालुओं के लिए गुरमुखी व अंग्रेजी में होगा पोर्टल, कैप्टन ने कहा-तीस दिन की अवधि को घटाया जाए
यह जानकारी केंद्रीय टीम ने करतारपुर कॉरिडोर के काम की समीक्षा के लिए रखी गई बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए निश्चित किए गए 30 दिन के समय को घटाने की मांग भी रखी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि पाकिस्तान अब तक रोजमर्रा के अधिकतम 5000 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत देने के लिए सहमत हुआ है। विशेष दिनों में इसकी सीमा 10, 000 या इससे अधिक होगी।
इससे पहले भारत सरकार के जांच ब्यूरो के कमिश्नर राजीव रंजन वर्मा ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत जल्द की जाएगी। यह भी बताया कि भारत सरकार ने डेरा बाबा नानक में पुलिस और सुरक्षा के मजबूत बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए 15.78 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
दर्शन के लिए ऐसे कर सकेंगे अप्लाई
श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पोर्टल पर एक महीना पहले अप्लाई कर होगा। यात्रा का दिन भी बताना होगा। 5000 श्रद्धालुओं से ज्यादा को एक दिन में जाने का मौका नहीं मिलेगा। पांच हजार श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को भेजी जाएगी और वह दस दिन पहले बताएंगे कि कितने लोगों के नाम उन्होंने रिजेक्ट कर दिए हैं और कितने लोगों दर्शन के लिए आ सकेंगे।
जिन लोगों के नामों को मंजूरी मिल जाएगी, पांच दिन पहले उन्हें सूचित कर दिया जाएगा कि किस तारीख को उन्हें वहां पर जाना है। पहले दिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सभी पार्टियों के नेताओं, विधायकों व सांसदों को साथ लेकर जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की जरूरत नहीं होगी।
ई-परमिट जारी करने की संभावना तलाशने को भी कहा
मीटिंग के दौरान कैप्टन ने टीम को श्रद्धालुओं के लिए ई-परमिट जारी करने की संभावना तलाशने के अलावा डेरा बाबा नानक में पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए भी कहा। पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 डॉलर की फीस को हटाने की मांग को भी पुन: दोहराया।
मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ के रीजनल पासपोर्ट अफसर को कहा कि श्रद्धालुओं को पहल के आधार पर पासपोर्ट सेवाएं मुहैया करवाने के लिए फास्ट ट्रैक और आसान विधि यकीनी बनाई जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये की भारतीय करंसी की इजाजत देने की मांग की।