चाय बेचने वाला मुफ्त में दे रहा NEET की कोचिंग और हॉस्‍टल

ओडिशा के अजय बहादुर सिंह आर्थिक रूप से कमजोर 14 छात्रों ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा के लिए कोचिंग देते हैं.

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भुवनेश्वर। वे खुद डॉक्‍टर बनना चाहते थे, लेकिन पिता की मौत ने उनके इस ख्‍वाब को तोड़ दिया. हालात ऐसे बने कि मेडिकल फील्‍ड में जाने के सपने को छोड़कर उन्‍हें घर खर्च चलाने के लिए कमाने का फैसला करना पड़ा. आज वे चाय और शर्बत बेचते हैं. हालांकि इन सबके बीच भी उन्‍होंने अपनी ख्‍वाहिश को कभी मरने नहीं दिया बल्‍कि इसको पूरा करने के लिए उन्‍होंने एक अलग ही रास्‍ता निकाला. इसके लिए उस शख्‍स ने आर्थिक रूप से कमजोर स्‍टूडेंट्स को NEET की फ्री कोचिंग देने लगेइस शख्‍स का नाम है अजय बहादुर सिंह.

ओडिशा के अजय बहादुर सिंह आर्थिक रूप से कमजोर 20 छात्रों ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा के लिए कोचिंग देते हैं. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कभी वह भी डॉक्टर बनने चाहते थे, लेकिन पिता की अचानक मौत ने उनके सपने पर विराम लगा दिया. घर का खर्चा चलाने के लिए उन्होंने एक स्टाल लगाया, जहां उन्होंने चाय और शर्बत बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे हालात सुधरे तो उन्होंने प्रवेश परीक्षा कोचिंग संस्थान शुरू करने का फैसला किया,जहां उन्होंने ऐसे छात्रों को के लिए कोचिंग सेंटर खोला जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मेडिकल की कोचिंग लेना चाहते हैं. उन्‍होंने ऐसे बच्‍चे को पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद धीरे-धीरे बच्‍चे बढ़ते चले गए. इसके बाद साल 2017 में उन्होंने जिन्दगी फाउंडेशन की स्थापना की, जहां छात्रों को मुफ्त कोचिंग, भोजन और आवास की सुविधाएं दी जा रही है.

डॉक्‍टर भी देते हैं मुफ्त क्‍लास


आनंद कुमार के सुपर 30 से प्रेरित होकर डॉ भारत सरन ने बाड़मेर, राजस्थान में 2012 में ’50 ग्रामीणों सेवा संस्थान’ की स्थापना की, जहां मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को तैयारी मुफ्त में  करवाई जाती है. उन्होंने बताया  हर साल 1 बच्चे का खर्चा 25000 रुपये आता है.

जिंदगी कार्यक्रम के तहत उन्होंने इस साल 20 छात्रों को ओडिशा में एक वर्ष के लिए मुफ्त ट्यूशन और बोर्डिंग सुविधा प्रदान की इसमें 18 छात्रों ने सफलतापूर्वक पूरे भारत में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह सब केवल हमारे संकाय सदस्यों की सर्वश्रेष्ठ निगरानी, हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत, हमारे माता-पिता के विश्वास और हमारी पूरी टीम के समर्थन के कारण संभव हो सका है। सिंह ने फेसबुक पर सभी सफल छात्रों को बधाई दी।

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