यूपी में अवैध बांग्लादेशियों पर लटकी तलवार, तलाशने और खदेड़ने की मुहिम शुरू

हर शहर में रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और आसपास बसी नई बस्तियों में वीडियोग्राफी कराकर बांग्लादेशी और विदेशी नागरिकों की पहचान की जाएगी

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आज से राज्य में गैरकानूनी तौर पर रह रहे बांग्लादेशी और विदेशी नागरिकों को निकालने की मुहिम शुरू कर दी है. डीजीपी ऑफिस से मंगलवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि इसके लिए हर शहर के बाहरी इलाकों में, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और आसपास बसी नई बस्तियों में वीडियोग्राफी करा के बांग्लादेशी और विदेशी नागरिकों की पहचान की जाएगी. गैरकानूनी रूप से रह रहे विदेशी पाए जाने पर उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाएगा. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने एनडीटीवी से कहा कि पुलिस के इस अभियान का एनआरसी से कोई सम्बंध नहींहै. ऐसे अभियान पुलिस हर साल चलाती है. इससे पहले 2015, 2016, 2017 और 2018 में भी यह मुहिम चला चुकी है.

उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ नागरिकता ही एक आधार है. उसमें किसी धर्म या जाति का कोई आधार शामिल नहीं है. उनका कहना है कि कई बांग्लादेशी लोग अपराध में भी शामिल रहे हैं. लेकिन उनकी पहचान करते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए.

इस मुहिम में किसी भी जिले में जांच के दौरान अगर पाया जाता है कि कोई शख्स अपना पता किसी और जिले या राज्य का बताता है तो उसकी जांच सम्बंधित जिले या राज्य से की जाएगी. इस बात की भी जांच की जाएगी कि कहीं किसी बांग्लादेशी ने खुद को भारत का नागरिक साबित करने के लिए झूठे दस्तावेज तो तैयार नहीं कर लिए हैं. ऐसे सभी दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कराया जाएगा. पकड़े गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों के फिंगर प्रिंट राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो में रखे जाएंगे.

पुलिस ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को लिखा है कि जिले में चल रहे सभी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्टों में काम करने वाले मजदूरों की भी पहचान करें कि वे भारत के नागरिक हैं या नहीं

नवी मुंबई में अवैध बांग्लादेशियों के लिए हिरासत केंद्र बनाएगी महाराष्ट्र सरकार

 

मुंबई: असम में एनआरसी लिस्ट तैयार करने के बाद अवैध रूप से रहने वालों को डिटेंशन सेंटर में डालने की खबरों के बीच अब महाराष्ट्र सरकार ने भी  राज्य में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के लिए नवी मुंबई में डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए जगह ढूंढना शुरू कर दिया है. इसके लिए सिडको को राज्य सरकार ने पत्र भी लिखा है.

असम में NRC लिस्ट तैयार होने के बाद 19 लाख लोगों का नाम इसमें नहीं है. सरकार अवैध रूप से रहने वाले लोगों को डिटेंशन सेंटर में डालने की बात कर रही है. इन खबरों के बीच महाराष्ट्र सरकार राज्य में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों के लिए एक डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारी में है. मंत्रालय और सिडको के सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार नवी मुंबई में डिटेंशन सेंटर बनाना चाहती है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने सिडको को पत्र लिखा है. पिछले हफ्ते लिखे गए इस पत्र में जगह ढूंढने की मांग की गई.  राज्य सरकार नेरुल में दो से तीन एकड़ जमीन ढूंढ रही है.

केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई गाइडलाइन में जहां राज्य सरकारों को सभी प्रमुख शहरों में डिटेंशन सेंटर बनाने की बात है तो वहीं शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने महाराष्ट्र में NRC लागू करवाने की मांग की है. शिवसेना पहले से ही महाराष्ट्र में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को निकालने का मुद्दा उठाती रही है. अब बीजेपी शिवसेना के मूल मुद्दे को हथियाने में जुट गई है.

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