CAB प्रदर्शन: गुवाहाटी में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू, 10 जिलों में इंटरनेट भी बंद
असम (Assam) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून और व्यवस्था (Law and Order) मुकेश अग्रवाल ने बताया कि शाम छह बजकर 15 मिनट पर कर्फ्यू लगाया गया था जिसे अनिश्चितकाल (Indefinitely) के लिए बढ़ा दिया गया है.
गुवाहाटी. नागरिकता (संशोधन) विधेयक (Citizen Amedment Bill) को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने के लिए बुधवार को असम के गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू को अनिguwahaश्चिकाल के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा असम के 10 जिलों में बुधवार की शाम सात बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दीं गई हैं. सेना को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है जबकि सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र अर्धसैनिक बलों के 5000 जवानों को भी भेजा गया है.
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून और व्यवस्था (Law and Order) मुकेश अग्रवाल ने बताया कि शाम छह बजकर 15 मिनट पर कर्फ्यू लगाया गया था जिसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘हम समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेंगे और उसी के अनुसार कर्फ्यू (Curfew) हटाने के संबंध में निर्णय लेंगे.’ इससे पहले असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने बताया था कि कर्फ्यू बृहस्पतिवार की सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा. नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी असम की सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई. हालांकि किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया.
इन ज़िलों में लगा है बैन
असम में नागरिकता संशोधन बिल का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है. कई ज़िलों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसे में सरकार ने स्थिति को काबू में लखीमपुर, धीमाजी, तिनसुकिया, डिब्रुगढ़, चरैदेओ, सिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कमरूप मेट्रो और कमरूप ज़िले में इंटरनेट और मोबाइल की सेवाओं पर रोक लगा दी है. ये रोक 24 घंटे तक जारी रहेगी.
5000 जवानों को भेजा जा रहा है पूर्वोत्तर
दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध के मद्देनजर शांति का माहौल सुनिश्चित करने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को पूर्वोत्तर भेजा जा रहा है. गुवाहाटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े. लोकसभा में विधेयक पारित होने वाले दिन से ही असम के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है.
छात्र नेताओं के मुताबिक, सचिवालय के सामने पुलिस की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. प्रशासन या पुलिस के अधिकारियों से पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन खबरें मिली हैं कि गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जैसे स्थानों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
बड़े स्तर पर हो रहा है विरोध
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हजारों लोग असम में सड़कों पर उतर आए हैं. राज्य के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प से राज्य में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि, किसी भी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद, प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया है. सचिवालय के पास प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ भिड़ंत हो गई.
इंटरनेट भी बंद
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) कुमार संजय कृष्णा द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाएं बाधित रहेंगी. अधिसूचना में कहा गया है, ‘इंटरनेट सेवाएं स्थगित रहेंगी क्योंकि ‘फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल अफवाहों को फैलाने के लिए किया जा सकता है और तस्वीरों तथा वीडियो के जरिये ऐसी सूचनाओं का आदान-प्रदान किये जाने की आशंका है जिससे लोगों की भावनाएं भड़क सकती है या कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.’ इसमें कहा गया है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं और इस तरह के विरोध प्रदर्शन के तेज होने की संभावनाएं है जिससे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. अधिसूचना में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (Electronic Media) में इस तरह की खबरें है कि प्रदर्शनकारी तोड़फोड़ में शामिल हैं जिससे राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका है.
राहुल गांधी पर लगाया आरोप
केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भ्रामक’ बयान जारी करके पूर्वोत्तर के लोगों को भड़काने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) का इस्तेमाल कर रहे हैं. सिंह ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस ने आठ पूर्वोत्तर राज्यों में अपना जनाधार खो दिया है और अब गांधी भाजपा के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बाद अपनी पार्टी की स्थिति फिर से ठीक करने के लिए मुट्ठीभर असंतुष्ट समूहों से सहारे की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी भ्रामक बयान जारी करके पूर्वोत्तर के लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं.’
सिंह ने कहा कि उनकी यह रणनीति कभी सफल नहीं होगी क्योंकि लोग अब इतने जागरूक हो गये है कि वे कांग्रेस के जाल में नहीं फसेंगे. यही कारण है कि कांग्रेस सदस्यों की संख्या लोकसभा में घट गई है. उन्होंने कहा, ‘देखो, कौन बात कर रहा है? क्या कोई श्री राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बता सकता है कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले पांच साल के कार्यकाल में 30 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया, जो पिछले लगभग 50 वर्षों में कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों की यात्राओं की कुल संख्या से भी ज्यादा हो सकती है.’
नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू (Hindu), सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.