ट्यूशन पढ़ाते वक्त आए आइडिया से शुरू किया ये बिजनेस, 8 साल में कंपनी 39 हजार करोड़ पर पहुंची

फ्लिपकार्ट, पेटीएम और ओला के बाद बायजूस देश की चौथी सबसे कीमती निजी इंटरनेट कंपनी बन गई. पिछले एक साल में निवेश के हर दौर में कंपनी की वैल्यू बढ़ी है. आइए जानें रविंद्रन ने 8 साल में कैसे खड़ी की करोड़ों की कंपनी...

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अगर कुछ करने की इच्छा है तो दुनिया में कोई भी आपको सफल होने से नहीं रोक सकता. ऐसी ही कहानी आईआईएम के एंट्रेंस टेस्‍ट में टॉप करने और फिर एडमिशन न लेकर दोस्तों और दूसरे छात्रों की मदद के लिए खुद को समर्पित करने वाले बायजू रविंद्रन की है. बायजू रविंद्रन ने खुद करोड़पति बनने की जगह दूसरों को करोड़पति बनाने की ठानी, लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्‍हें आज अरबपति बना दिया है. उनकी कंपनी की मार्केट वैल्यू महज 8 साल में 39,900 करोड़ रुपये हो गई है. वहीं,  फ्लिपकार्ट, पेटीएम और ओला के बाद बायजूज देश की चौथी सबसे कीमती निजी इंटरनेट कंपनी बन गई.

 


आइए जानें रविंद्रन ने कैसे खड़ी करोड़ों की कंपनी…
  • ट्यूशन पढ़ाते वक्त आए आइडिया से शुरू की कंपनी- टीचिंग में आने का आइडिया रविंद्रन का अपना नहीं था. इस आइडिया के पीछे वहीं फ्रेंड और स्‍टूडेंट्स थे, जिन्‍हें उन्‍होंने शुरुआत में पढ़ाना शुरू किया था. शुरुआती आठ सदस्‍यों की टीम ने ही इस बड़े ब्रांड की नींव डाली थी.

    एशिया की highest-valued tech company- Tencent ने पिछले साल जुलाई में ही बायजूस की वैल्‍यूएशन करीब 26 हजार करोड़ रुपये आंकी थी. ऐसे में इस समय यह कंपनी संभव है कि उससे अधिक की हो.

  • इंजीनियर होने के कारण गणित के प्रति बायजू में स्‍वाभाविक दिलचस्पी थी. इस विषय की विशेषज्ञता ने उन्‍हें छात्रों के बीच जल्‍द लोकप्रिय बना दिया. इस तरह उन्‍हें अपनी मजबूती का अहसास हुआ और फिर इसको उन्‍होंने और उभारने की सफल कोशिश की.

यहीं कारण है कि उनकी कंपनी में मार्केटिंग मामलों के वाइस प्रेसिडेंट अर्जुन मोहन जैसे उनके कई छात्रों ने आईआईएम की पढ़ाई छोड़कर उनका यह स्‍टार्टअप ज्‍वाइन किया. उनकी पत्‍नी और कंपनी की डायरेक्‍टर दिव्‍या गोकुलनाथ भी गणित और बायोलॉजी पढ़ाती हैं. उनकी मुलाकात भी टीचिंग के दौरान ही हुई थी.

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39 हजार करोड़ की हुई कंपनी- एजुकेशन टेक्नॉलजी कंपनी बायजूस ने कतर सरकार के फंड की मदद से 15 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है. निवेश के इस दौर में सैन फ्रांसिस्को की आउल वेंचर्स भी शामिल हुई.

> इस सौदे में कंपनी की कीमत 5.7 अरब डॉलर (39,900 करोड़ रुपये) हो गई. इससे फ्लिपकार्ट, पेटीएम और ओला के बाद बायजूस देश की चौथी सबसे कीमती निजी इंटरनेट कंपनी बन गई. पिछले एक साल में निवेश के हर दौर में कंपनी की वैल्यू बढ़ी है.

>> गांव के स्‍कूल में पढ़ाई करने वाले बायजू रविंद्रन ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका यह स्‍टार्टअप इतना बड़ा हो जाएगा कि बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान उसके लिए विज्ञापन करेंगे. लेकिन यह सब चंद वर्षों में ही संभव हो गया.Image result for बायजूस

ऑनलाइन ट्यूशन से करते हैं करोड़ों की कमाई- उनकी कंपनी का नाम भी उनके नाम पर ही रखा गया. बायजू की ऑनलाइन कोचिंग कंपनी के जरिये सालाना कमाई 260 करोड़ रुपये हो चुकी है. बायजूस अब टीवी और डिजिटल माध्‍यम के जरिये जोरदार तरीके से अपना विज्ञापन कर रही है और इस अभियान की अगुआई शाहरुख खान कर रहे हैं.अगले 3 साल में कंपनी ने अपने रेवेन्यू का लक्ष्‍य 260 करोड़ से बढ़ाकर 3250 करोड़ करने का रखा है.

ऐसे शुरू हुई कंपनी- बायजू ने अपनी इंजीनियरिंग पूरी करके शुरुआत में एक शिपिंग कंपनी में नौकरी शुरू की थी. उसी दौरान उनके कुछ दोस्तों को एमबीए की परीक्षा देनी थी. इस तैयारी के लिए उन्‍होंने बायजू की मदद मांगी. बायजू ने परीक्षा की तैयारी में मदद करने की सोची और इस तरह उनकी टीचिंग शुरू हुई. बेहतर रिजल्ट ने उनके लिए सफलता के द्वार खोल दिए.

>> धुन के पक्‍के बायजू ने महज 2 लाख रुपये से कोचिंग शुरू की थी. साल 2011 में उन्‍होंने बायजूस नाम से अपना स्टार्टअप खोला. शुरुआत में बायजू को क्‍लास लेने के लिए कई शहरों में जाना पड़ता था. इसे देखते हुए बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ही जगह रहकर अपने सभी छात्रों तक पहुंचा जा सके.

>> इस तरह पहली बार 2009 में उन्‍होंने CAT के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम की शुरुआत की. उनकी कंपनी चौथी से 12वीं क्लास के छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग दे रही है. 2015 में उन्होंने BYJU’s एप लॉन्च किया, जो जबर्दस्‍त हिट हुआ.

BYJU’s ए के तहत कुछ कंटेंट तो फ्री है, लेकिन एडवांस लेवल के लिए फीस देनी होती है. इस समय 40 लाख छात्र बायजूस से जुड़े हैं, जिनमें करीब 7 लाख पेड सब्सक्राइबर्स हैं. बायजूस में 1000 कर्मचारी भी काम कर रहे हैं. BYJU’s एप से कुल रेवेन्यू का 90 फीसदी हिस्सा आ रहा है, जबकि विदेशी यूजर्स से आने वाले रेवेन्यू का हिस्सा 15 फीसदी है.

सौजन्य-न्यूज18

 

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