कैप्टन सरकार को इंडस्ट्री संचालकों ने दिया जवाब, कारखाने खोलने से किया इंकार

दरअसल पंजाब सरकार ने प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी रोकनो के लिए यह कदम उठाया था। सरकार ने कहा थी कि कारोबारी एहतियाती मापदण्डों की पालना करके कारोबार शुरू कर सकते हैं। ऐसे में उन को मज़दूरों के रहने पर खाने -पीने का प्रबंध करना पड़ेगा। इस बारे अमृतसर फोकल प्वाइंट के उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार की तरफ से जो हुक्म जारी किया गया है, इस को प्रैकटीकली मानना संभव नहीं क्योंकि बहुत सी उद्योगपतियों के पास कामगारों को रखने का न तो प्रबंध है और न ही कोई खाने -पीने का प्रबंध है।

चंडीगढ़। पंजाब सरकार की तरफ से औद्योगिक इकाईयाँ खोलने का ऐलान किया है परन्तु उद्योगपति ऐसा करने के मूड में नहीं हैं। उद्योगपतियों ने सरकार को कोरा जवाब दे दिया है। उन का कहना है कि सरकार के इन हुक्मों को लागू करना आसान नहीं। इस का कारण यह है कि बहुत सी उद्योगपतियों के पास अपने कामगारों को रखने का न तो प्रबंध है और न ही उन के खाने -पीने का प्रबंध कर सकते हैं। इस लिए उद्योगपति सरकार के हुक्म को न मानने के लिए मजबूर हैं।

पंजाब सरकार की तरफ से औद्योगिक इकाईयाँ खोलने का ऐलान किया है परन्तु उद्योगपति ऐसा करन के मूड में नहीं हैं। उद्योगपतियों ने सरकार को कोरा जवाब दे दिया है। उन का कहना है कि सरकार के इन हुक्मों को लागू करना आसान नहीं। इस का कारण यह है कि बहुत सी उद्योगपतियों के पास अपने कामगारों को रखने का न तो प्रबंध है और न ही उन के खाने -पीने का प्रबंध कर सकते हैं। इस लिए उद्योगपति सरकार के हुक्म को न मानने के लिए मजबूर हैं।

 

दरअसल पंजाब सरकार ने प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी रोकनो के लिए यह कदम उठाया था। सरकार ने कहा थी कि कारोबारी एहतियाती मापदण्डों की पालना करके कारोबार शुरू कर सकते हैं। ऐसे में उन को मज़दूरों के रहने पर खाने -पीने का प्रबंध करना पड़ेगा। इस बारे अमृतसर फोकल पुआइंट के उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार की तरफ से जो हुक्म जारी किया गया है, इस को प्रैकटीकली मानना संभव नहीं क्योंकि बहुत सी उद्योगपतियों के पास कामगारों को रखने का न तो प्रबंध है और न ही कोई खाने -पीने का प्रबंध है।

भोगल वाइट ऐसोसीएशन के अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर फोकल पआइंट में 435 के करीब उद्योग हैं परन्तु सरकार के हुक्म को मानना इस करके संभव नहीं कि फ़ैक्टरियाँ को चलाने के लिए कच्चा माल भी आना चाहिए। जो प्रोडक्शन होगी, उस की डिलीवरी भी से -के साथ होनी चाहिए। पंजाब में कर्फ़्यू लगा होने के कारण न तो कच्चा माल उपलब्ध हो रहा है और न ही सामान की डिलीवरी की कोई गारंटी है। ऐसे में कोई भी उद्योगपति कैसे फ़ैक्टरियाँ को चला सकता है।

 

उधर, मज़दूरों का कहना है कि फैक्ट्री मालिक उन का क्या कर सकते हैं क्योंकि कोई भी उद्योग यहाँ नहीं खुला। हम तो सिर्फ़ सरकार से माँग कर सकते हैं कि हमारे ट्रांसपोर्टेशन का प्रबंध किया जाये जिससे हम अपने सूबों को जा सकें। मज़दूरों ने कहा कि करोनावायरस के कारण तो चाहे उन का कोई नुक्सान न हो परन्तु भूख के कारण उनका नुक्सान ज़रूर हो सकता है।

 

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