नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश में 1 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की नौकरी चली गई और 97% से ज्यादा परिवारों की कमाई घट गई है। प्राइवेट थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के सीईओ महेश व्यास ने यह बात कही है। उनका कहना है कि मई के अंत तक देश की बेरोजगारी दर 12% तक आ सकती है।
पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मई में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 23.5% तक पहुंच गई थी। कई एक्सपर्ट्स की राय है कि संक्रमण की दूसरी लहर का पीक चला गया है। अब राज्य धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंधों को हटाएंगे। इससे इकोनॉमी को मदद मिलेगी।
रोजगार पर कोरोना के साइड इफेक्ट्स
- जिन लोगों की नौकरी छूट गई है, उन्हें दोबारा मुश्किल से रोजगार मिलेगा।
- असंगठित क्षेत्र में नौकरियां जल्द मिलने लगेंगी, लेकिन क्वालिटी जॉब और संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर बनने में एक साल तक का वक्त लगेगा।
- इकोनॉमी खुलने लगी है। इससे बेरोजगारी की समस्या थोड़ी-बहुत सुलझेगी, लेकिन समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी।
- इस समय मार्केट में लेबर पार्टिसिपेशन रेट घटकर 40% पर आ गया है। महामारी से पहले लेबर पार्टिसिपेशन रेट 42.5% था।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 3-4% की बेरोजगारी दर सामान्य
व्यास ने कहा कि 3-4% की बेरोजगारी दर हमारी इकोनॉमी के लिए सामान्य है। आगे बेरोजगारी दर में कमी आएगी। CMIE ने अप्रैल में 1.75 लाख परिवारों पर एक देशव्यापी सर्वे किया था। इस सर्वें में पिछले एक साल में कमाई का परेशान करने वाला ट्रेंड सामने आया था। सर्वे में केवल 3% परिवारों ने अपनी आय बढ़ने की बात कही थी, जबकि 55% ने कहा था कि उनकी इनकम गिरी है। बाकी 42% ने कहा था कि उनकी इनकम में कोई बदलाव नहीं आया है। इसे अगर महंगाई के लिहाज से आंका जाए तो 97% परिवारों की कमाई घट गई है।
देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में
- बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 1.26 लाख
- बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 2.54 लाख
- बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 2,781
- अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.81 करोड़
- अब तक ठीक हुए: 2.59 करोड़
- अब तक कुल मौतें: 3.31 लाख
- अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 18.90 लाख