मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक :RBI ने रेपो रेट 4% बरकरार रखा, होम और ऑटो लोन फिलहाल सस्ते नहीं होंगे

जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि RBI रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। खास बात यह है कि एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद RBI की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) ने रेपो रेट 4% बरकरार रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात की जानकारी दी। इस पर आज 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी। छह सदस्यों वाली MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी।

जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि RBI रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। खास बात यह है कि एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद RBI की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

MPC ने पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 4% है, जो 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। वहीं, RBI ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर बरकरार रखा है। इसी दर पर बैंक अपने पास जमा धनराशि को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इस वक्त मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा नीतिगत दरों को लेकर किए गए फैसलों का ऐलान कर रहे हैं। दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। इस बैठक में इकोनॉमी के मौजूदा स्थिति, लिक्विडिटी की स्थिति और अन्य बिन्दुओं को लेकर व्यापक चर्चा हुई। आरबीआई की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट और सीआरआर जैसे प्रमुख नीतिगत दरों की समीक्षा की जाती है और उस पर फैसला किया जाता है। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर अपने पॉलिसी स्टेटमेंट में किन बिन्दुओं को रेखांकित कर रहे हैं:

  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 फीसद पर यथावत रखा गया है। इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर यथावत हैः शक्तिकांत दास
  • दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसद पर रह सकती है। उन्होंने साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसद कर दिया गया है।
  • उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 फीसद के अनुमान को संशोधित कर 5.2-5 फीसद किया गया है।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में जीडीपी विकास की दर 8.3-26.2 के बीच रह सकती है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के छह फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है।
  • आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर संतोष जताया कि महंगाई दर छह फीसद के टॉलरेंस लेवल के नीचे आ गई है।
  • उन्होंने कहा कि रिकवरी के संकेत और बेहतर हुए हैं और ऐसे सेक्टर्स की संख्या बढ़ रही है, जहां चीजें सामान्य हो गई हैं।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रोथ से जुड़े परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय ग्रोथ को बढ़ावा देने को जारी रखने की जरूरत है।
  • आरबीआई गवर्नर के नीतिगत दरों के ऐलान करने के समय Sensex में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रहा है और BSE Sensex 51,000 अंक के स्तर के ऊपर ट्रेंड कर रहा है। सुबह 10:07 बजे Sensex 387.59 अंक यानी 0.77% की तेजी के साथ 51,001.88 अंक के स्तर पर चल रहा था।
  • आरबीआई गवर्नर ने अपने पॉलिसी स्टेटमेंट की शुरुआत में कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को चार फीसद पर और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद पर बनाए रखने का फैसला किया।
  • इसके साथ ही मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा गया है।
  • ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, रेपो रेट 4% पर बरकरार
  • रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार
  • मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन, चार और पांच फरवरी को हुई। बैठक में नीतिगत दरों को चार फीसद पर यथावत रखने का फैसला किया गया।

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