गुजरात में सामने आया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, ED ने कुर्क की ₹34 करोड़ की संपत्ति

फर्जी बिल और रसीदों की वजह से लगातार 3 साल तक 250 करोड़ रुपये के हेरफेर के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गुजरात में एक कंपनी के 34 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (Prevention of Money Laundering Act) के तहत गुजरात की एक कंपनी की 34 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की है. ED ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.

CBI भी कर रही जांच

ED ने बयान में कहा कि बायोटोर इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक राजेश एम कपाड़िया तथा अन्य के खिलाफ जांच की जा रही है. इनके खिलाफ गुजरात पुलिस और सीबीआई की भी जांच जारी है.
250 करोड़ रुपये के हेरफेर का मामला
उसने कहा कि जांच में आरोपियों द्वारा 2007 से 2009 के दौरान फर्जी बिलों और रसीदों के जरिये करीब 250 करोड़ रुपये का हेर-फेर करने का पता चला है. ईडी ने कहा, ‘‘केजीएन ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक आरिफ इस्माइलभाई मेमन ने राजेश कपाड़िया एवं अन्य के साथ सांठगांठ कर लेन-देन की हेराफेरी में बड़ी भूमिका निभायी.’’

उसने कहा कि मेमन ने फर्जीवाड़े के तरीकों के जरिये करीब 62 करोड़ रुपये केजीएन ग्रुप ऑफ कंपनीज के खातों में जमा किया.

ईडी ने कुर्क की ये संपत्तियां
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत केजीएन एंटरप्राइजेज लिमिटेड और सैलानी एग्रोटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड की गुजरात के खेड़ा जिले के हरियाला गांव में स्थित जमीन, संयंत्र व मशीनें तथा अहमदाबाद के पाल्दी में स्थित मेमन की आवासीय संपत्ति को कुर्क किया. कुर्क संपत्तियों का कुल मूल्य 34.47 करोड़ रुपये है. ईडी इस मामले में पहले भी 149 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर चुका है.

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