नई दिल्ली। देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नया कदम उठाया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को 8 साल पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने के प्रपोजल को मंजूरी दी है। इस प्रपोजल में पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सिलसिलेवार तरीके से बाहर करने की भी बात है। इस प्रस्ताव को नोटिफाई करने से पहले राज्यों के पास विचार-विमर्श के लिए भेजा जाएगा।
प्रपोजल में कह गया है कि 8 साल पुराने कमर्शियल या ट्रांसपोर्ट वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। यह टैक्स फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्युअल के समय वसूला जाएगा। ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10-25% तक होगा।
पर्सनल व्हीकल से ग्रीन टैक्स 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद रजिस्ट्रेशन के रिन्युअल के समय लिया जाएगा। एक अधिकारी के मुताबिक, ग्रीन टैक्स को लेकर केंद्र राज्यों को एक गाइडलाइन जारी करेगा। राज्य इसको अपने आप भी लागू कर सकते हैं। अभी उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र जैसे राज्य ग्रीन टैक्स जैसा कर वसूलते हैं।
ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में 50% तक होगा ग्रीन टैक्स
सरकार ने सिटी बसों जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े वाहनों से कम टैक्स वसूलने का प्रपोजल दिया है। हालांकि, ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर 50% तक ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। पेट्रोल-डीजल और गाड़ी के मॉडल के आधार पर टैक्स अलग-अलग होगा। अधिकारी ने कहा कि ग्रीन टैक्स लगाने से लोग प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों का इस्तेमाल कम कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल और कम प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चलन बढ़ सकता है।
इन वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट रहेगी
प्रपोजल के मुताबिक, हाईब्रिड व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, CNG, एथेनॉल और LPG जैसे फ्यूल वाली गाड़ियों को ग्रीन टैक्स से छूट रहेगी। खेती में काम आने वाले वाहन जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर पर भी ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। ग्रीन टैक्स से मिलने वाले रेवेन्यू को एक अलग खाते में जमा किया जाएगा। इस रकम का इस्तेमाल पॉल्यूशन से निपटने के लिए होगा। राज्यों में भी प्रदूषण की निगरानी के लिए मॉडर्न फैसेलिटी बनाई जाएगी।
15 साल पुराने सरकारी वाहनों पर 1 अप्रैल से स्क्रैप पॉलिसी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सरकारी विभागों और कंपनियों के वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस पॉलिसी को नोटिफाई कर दिया जाएगा। यह पॉलिसी 1 अप्रैल 2022 से लागू होगी। प्रपोजल के मुताबिक, 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा और उन्हें स्क्रैप में डाल दिया जाएगा।