सरकार बड़ा फैसला- अब इन तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का होगा विलय, बनेगी सबसे बड़ी कंपनी

सरकार नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (National Insurance Company), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (Oriental India Insurance Company) को मिलाकर एक कंपनी बनाएगी.

नई दिल्ली. तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों (PSU General Insurance Companies) के मर्जर पर वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कैबिनेट नोट जारी किया है. बता दें कि सरकार, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (National Insurance Company), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (Oriental India Insurance Company) को मिलाकर एक कंपनी बनाएगी. इस मर्जर के बाद यह देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी.

पिछले महीने इन तीनों कंपनियों के मर्जर को लेकर वित्त मंत्रालय ने प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा था और अब वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों के मर्जर पर कैबिनेट नोट जारी किया है. प्रीमियम के हिसाब से तीनों कंपनियों को मिलाकर 25 फीसदी प्रीमियम का हिस्सा सिर्फ तीनों कंपनियों के हिस्से से आता है.

ग्राहकों पर होगा असर- एक्सपर्ट्स बताते हैं इस फैसले से ग्राहकों पर खास असर नहीं होगा. उनकी पॉलिसी पर मिलने वाले फायदे वैसे ही बरकरा रहेंगे. साथ ही, कुछ और अन्य सुविधाएं उनको मिल सकती है. मान लीजिए अगर नेशनल इंश्योरेंस कंपनी बीमे के साथ कोई सुविधा देती है तो मर्जर के बाद यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के ग्राहकों को भी उसका फायदा मिलेगा.

देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी होगी- इन कंपनियों के पास संयुक्त रूप से 9,243 करोड़ रुपये की संपत्ति है. कर्मचारियों की संख्या 44,000 है जो देशभर में स्थित 6,000 से अधिक कार्यालयों में काम कर रहे हैं. अनुमानों में कहा गया है कि विलय के बाद बनने वाली संयुक्त इकाई देश की सबसे बड़ी गैर-जीवन बीमा कंपनी होगी, जिसका मूल्य 1.25 से 1.5 लाख करोड़ रुपये होगा.

200 से अधिक इंश्योरेंस प्रोडक्ट- तीनों सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के बाजार में 200 से अधिक इंश्योरेंस प्रोडक्ट हैं. इनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी है. सरकारी साधारण बीमा कंपनियों के पास तकरीबन 8,000 शाखाएं हैं.

सरकार देगी 12,500 करोड़ रुपये- इन तीनों कंपनियों के मर्जर के साथ ही सरकार उन तीनों कंपनियों को मर्जर के वक्त करीब 12,500 करोड़ रुपये देगी. ये रकम इन तीनों को रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए होगी.

Leave A Reply

Your email address will not be published.