लंदन / प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील के लिए विजय माल्या की अर्जी यूके हाईकोर्ट ने खारिज की

माल्या पर भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए बकाया, मार्च 2016 में लंदन भाग गया था

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नई दिल्ली. भारत प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील के लिए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की अर्जी यूके हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। इससे पहले माल्या ने एक बार फिर सरकार से सारा बकाया कर्ज लेने की गुहार लगाई। माल्या ने गुरुवार को ट्विट कर सरकार से कहा कि वे 100 फीसदी बकाया कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकर करे और उसके खिलाफ सभी केसों को बंद कर दिया जाए।

20 लाख करोड़ के राहत पैकेज पर दी बधाई
ब्रिटेन में भारत प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या ने कोरोना से लड़ाई में 20 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित करने पर सरकार को बधाई दी। माल्या ने ट्विट में लिखा, ” कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितनी चाहे करेंसी छाप सकते हैं, लेकिन मेरे जैसे छोटा योगदान देने वाले जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 100 फीसदी बकाया लोन देने चाहता है उसे निरंतर उपेक्षित किया जा सकता है।”

पैसे ले लो और केस बंद कर दो

विजय माल्या भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 9 हजार करोड़ रुपए का बकाया लेकर मार्च 2016 में देश छोड़कर लंदन भाग गया है। माल्या ने अपने ट्विट में आगे लिखा,” कृ्प्या मेरा पैसा बिना शर्त ले लो और मेरे खिलाफ सभी केसों को बंद कर दो।” आपको बता दें कि पिछले महीने ही ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की अपील को खारिज कर दिया था। हाल ही में माल्या ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

कई बार कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दे चुका है माल्या

63 वर्षीय विजय माल्या कई बार भारत सरकार के सामने किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का प्रस्ताव पेश कर चुका है। लॉकडाउन की शुरुआत में भी माल्या ने ट्विट के जरिए भारत सरकार के सामने पूरा कर्ज चुकाने का प्रस्ताव पेश किया था। माल्या ने कहा था कि ना तो बैंक पैसे लेने के लिए तैयार हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी को रिलीज करने के लिए तैयार है। माल्या ने लॉकडाउन के दौरान अपनी कंपनियों के कर्मचारियों का राहत देने के लिए सरकार से मदद की मांग भी की थी।

माल्या केस के प्रमुख अपडेट

  • 2 मार्च 2016 को विजय माल्या भारत छोड़कर लंदन पहुंचा।
  • 21 फरवरी 2017 को गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन में अर्जी दी।
  • 18 अप्रैल, 2017 को विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उसी दिन माल्या को जमानत भी मिल गई।
  • 24 अप्रैल 2017 को माल्या भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया।
  • 2 मई 2017 को उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया।
  • 13 जून 2017 वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस मैनेजमेंट और प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू हुई।
  • 10 दिसंबर 2018 को वेस्टमिंस्टर कोर्ट की मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनोट ने प्रत्यर्पण दी और फाइल गृह सचिव को भेज दी।
  • 3 फरवरी 2019 को गृह सचिव ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया।
  • 5 अप्रैल 2019 को इंग्लैंड और वेल्स के हाईकोर्ट के न्यायाधीश डेविड ने अपील करने के लिए कागजात पर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
  • 2 जुलाई, 2019 को एक मौखिक सुनवाई में जस्टिस लेगट और जस्टिस पॉपप्वेल ने माल्या को अपील दाखिल करने की अनुमति दी।
  • 20 अप्रैल 2020 को माल्या की अपील खारिज। प्रत्यपर्ण के अंतिम निर्णय के लिए मामला ब्रिटेन की गृह सचिव के पास भेजा गया।

माल्या पर इन बैंकों का कर्ज बकाया

  • भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
  • बैंक ऑफ बड़ौदा
  • कॉर्पोरेशन बैंक
  • फेडरल बैंक लिमिटेड
  • आईडीबीआई बैंक
  • इंडियन ओवरसीज बैंक
  • जम्मू एंड कश्मीर बैंक
  • पंजाब एंड सिंध बैंक
  • पंजाब नैशनल बैंक

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