बजट LIVE:चुनाव वाले 4 राज्यों में रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 2.27 लाख करोड़ खर्च होंगे; इंश्योरेंस में FDI 49% से बढ़ाकर 74% होगा

LIVE India Budget 2021 Update वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर रही हैं। इस बजट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में मिडिल क्लास को Income Tax में बड़ी राहत मिल सकती है।

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही हैं। अब तक की घोषणाओं में स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस रहा है। वित्त मंत्री ने इस साल चुनाव वाले 4 राज्यों तमिलनाडु, केरल, बंगाल और असम में रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 2.27 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। इसमें बंगाल से ज्यादा फोकस तमिलनाडु पर रहा है।

बजट की बड़ी बातें-

किसानों के लिए

  • 2021-22 में एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ का है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलों को शामिल किया जाएगा।
  • एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड तक एपीएमसी की भी पहुंच होगी। कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्‌टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे। तमिलनाडु में मल्टीपर्पज सी-विड पार्क बनेगा।

गरीबों के लिए

  • वन नेशन, वन राशन कार्ड को 32 राज्यों में लागू किया जाएगा। 86% लोगों को इसमें कवर किया जा चुका है।
  • उज्ज्वला योजना का फायदा 1 करोड़ और महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।

इंश्योरेंस-बैंकिंग सेक्टर के लिए

  • इंश्योरेंस एक्ट 1938 में बदलाव होंगे। इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाएगा।
  • IDBI के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश होगा। इसके लिए कानून में बदलाव होंगे। LIC के लिए भी IPO लाया जाएगा।
  • सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, बैंकों को NPA से छुटकारा दिलाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी का बनाई जाएगी।

स्टार्टअप, ईज ऑफ डूइंग

  • 182 दिन की जगह 120 दिन में कंपनी शुरू कर सकेंगे। ये स्टार्टअप के लिए बड़ी मदद होगी। छोटी कंपनियों की परिभाषा में भी बदलाव होगा।
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए अलग एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर बनेगा।

हेल्थ

  • न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा। मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा। वॉटर सप्लाई भी बढ़ाएंगे। 5 साल में 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • शहरी इलाकों के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़ 5 साल में खर्च होंगे।
  • निमोकोक्कल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा। इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।
  • 64,180 करोड़ रुपए के बजट के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू होगी। यह बजट नई बीमारियों के इलाज के लिए भी होगा।
  • 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को इससे मदद मिलेगी। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू होंगे। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को मजबूत किया जाएगा।
  • इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि पब्लिक हेल्थ लैब्स को कनेक्ट कर सकें। 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स शुरू किए जाएंगे। 9 बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब शुरू होंगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट की जरूरत है। इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। 20 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे ताकि 5 लाख करोड़ रुपए का लैंडिंग पोर्टफोलियो 3 साल में बनाया जा सके।
  • पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मॉनेटाइज करने पर ध्यान दिया जाएगा। नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च होगी। इसका एक डैशबोर्ड बनेगा ताकि इस मामले में हो रही तरक्की को देखा जा सके।
  • नेशनल हाईवेज अथॉरिटीज भी अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करेंगी। रेलवे भी फ्रेट कॉरिडोर को मॉनेटाइज करेगी। आगे जो भी एयरपोर्ट बनेंगे, उनमें भी मॉनेटाइजेशन पर ध्यान दिया जाएगा।

रेलवे

  • रेलवे ने नेशनल रेल प्लान 2030 बनाया है ताकि फ्यूचर रेडी रेलवे सिस्टम बनाया जा सके और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम की जा सके। जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। सोमनगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड में बनाया जाएगा।
  • गोमो-दमकुनी सेक्शन भी इसी तरह बनेगा। खड़गपुर-विजयवाड़ा, भुसावल-खड़गपुर, इटारसी-विजयवाड़ा में फ्यूचर रेडी कॉरिडोर बनाए जाएंगे। दिसंबर 2023 तक 100% ब्रॉडगेज का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।
  • विस्टा डोम कोच शुरू होंगे ताकि यात्रियों को अच्छा अनुभव हो। हाई डेंसिटी नेटवर्क, हाई यूटिलाइज नेटवर्क पर ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शुरू किए जाएंगे। ये सिस्टम देश में बनेंगे।
  • 1.10 लाख करोड़ रुपए रेलवे को दिए जा रहे हैं। 1.07 लाख करोड़ रुपए सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए हैं।​​​​​​

मेट्रो

  • शहरी इलाकों में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा। 20 हजार बसें तैयार होंगी। इससे ऑटो सेक्टर को मदद मिलेगी और रोजगार बढ़ेगा।
  • 702 किमी मेट्रो अभी चल रही हैं। 27 शहरों में कुल 1016 किमी मेट्रो पर काम चल रहा है। कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी।
  • कोच्चि मेट्रो में 1900 करोड़ की लागत से 11 किमी हिस्सा बनाया जाएगा। चेन्नई में 63 हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 किमी लंबा मेट्रो रूट बनेगा।
  • बेंगलुरु में भी 14788 करोड़ रुपए से 58 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी। नागपुर 5976 करोड़ और नासिक में 2092 करोड़ से मेट्रो बनेगी।

चुनाव वाले 4 राज्यों के लिए

  • भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। 3500 किमी नेशनल हाईवेज प्रोजेक्ट के तहत तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका कंस्ट्रक्शन अगले साल शुरू होगा।
  • 1100 किमी नेशनल हाईवे केरल में बनेंगे। इसके तहत मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी बनेगा। केरल में इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • बंगाल में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से हाईवे बनेंगे। कोलकाता-सिलीगुड़ी रोड का अपग्रेडेशन होगा। 34 हजार करोड़ रुपए असम में नेशनल हाईवेज पर खर्च होंगे।

Budget 2021: Budget Session of Parliament shorten, First phase ends on 13 February, Nirmala Sitharaman will table budget Today - बजट पेश होने से पहले संसद सत्र में बदलाव, छोटा हुआ सत्र,

टीम इंडिया की जीत का जिक्र
सीतारमण ने कहा कि आज भारत उम्मीदों का देश बना हुआ है। रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि उम्मीद एक ऐसा पक्षी है, जो अंधेरे में भी चहचहाता है। टीम इंडिया ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इसने हमें याद दिलाया कि हम लोगों में किस तरह की क्वालिटी है। आज डेटा बताता है कि भारत में कोरोना की वजह से सबसे कम मृत्युदर है। यही सारी बातें इकोनॉमी के कायापलट की निशानी हैं। अब तक तीन बार ही बजट GDP के निगेटिव आंकड़ों के बाद पेश हुआ है। इस बार निगेटिव आंकड़े दुनियाभर में आई महामारी की वजह से हैं।

इस वैश्विक महामारी से ना सिर्फ बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है बल्कि इकोनॉमी को बहुत बड़ा झटका लगा है। ऐसे में देश के मिडिल क्लास के लोग, किसान, गरीब एवं वंचित तबका, विश्लेषक और उद्योगपति इस बजट से काफी आस लगाए बैठे हैं। इस बजट में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। दूसरी ओर, लोगों को महंगाई से राहत मिलने और इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद है। इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में सरकार राजकोषीय घाटे को थोड़े समय के लिए नजरंदाज कर ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली घोषणाएं कर सकती है।

इस बजट से आम लोगों और कारोबारी जगत, दोनों को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद की वजह पिछले साल 18 दिसंबर का उनका बयान है। उन्होंने कहा था कि इस बार जैसा बजट पिछले 100 साल में नहीं आया होगा। 29 जनवरी को संसद में पेश इकोनॉमिक सर्वे में इसके लिए कई संकेत दिए गए हैं।

India Budget 2021 LIVE News: बजट से जुड़ी खास बातें इस प्रकार हैः

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया।
  • केंद्रीय कैबिनेट ने बजट 2021-22 को अपनी मंजूरी दे दी है।
  • संसद पहुंचने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और वित्त वर्ष 2021-22 की बजट को लेकर उन्हें ब्रीफ किया।
  • समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक टैब पर पढ़ेंगी वित्त वर्ष 2021-22 का बजट।
  • Union Budget 2021 को लेकर शेयर बाजारों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। सुबह 09:28 बजे BSE Sensex 410.74 अंक यानी 0.89% के उछाल के साथ 46,696.51 अंक के स्तर पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, सुबह 09:30 बजे NSE Nifty 103.90 अंक यानी 0.76 फीसद की तेजी के साथ 13,738.50 अंक के स्तर पर ट्रेंड कर रहा था।
  • कोविड-19 की वजह से इस बार बजट पेपरलेस हो सकता है। यह पूरी तरह से सॉफ्ट कॉपी यानी डिजिटल कॉपी के रूप में उपलब्ध होगा।
  • नॉर्थ ब्लॉक से लाल रंग के इनवेलप में बजट 2021-22 को लेकर नॉर्थ ब्लॉक से निकलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी पूरी टीम। इस इनवेलप में एक टैब है, जिसके जरिए वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी।
  • वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह बजट लोगों के उम्मीदों के अनुरूप होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम करने वाली सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के ऐलान, देश को महामारी से बचाकर और इकोनॉमी को धीरे-धीरे पटरी पर लाकर भारत को नई दिशा दी है।
  • क्रीम और लाल रंग की साड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने दफ्तर पहुंचीं। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर नॉर्थ ब्लॉक पहुंचें।
  • यह बजट काफी अहम है क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की इकोनॉमी में 23.9 फीसद का अभूतपूर्व संकुचन (Contraction) देखने को मिली थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (-) 7.5 फीसद पर रही थी।
  • आम बजट 2021-22 से नए साल और नए दशक की दिशा तय होगी। वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसद की दर से जीडीपी वृद्धि की उम्मीद जतायी गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार की अगुवाई में तैयार आर्थिक समीक्षा में भी इसी दर से आर्थिक वृद्धि का अनुमान जाहिर किया गया है।
  • वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किए जाने से पूर्व अपने आवास पर पूजा-अर्चना की।
  • विश्लेषक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के डिमांड को बूस्ट करने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। इस बजट में होम लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट पर मिलने वाली टैक्स छूट के लिए अलग प्रावधान किए जाने की उम्मीद है।
  • इस केंद्रीय बजट में सरकार की निगाह विनिवेश के जरिए ज्यादा संपत्ति के सृजन पर लगी होगी।
  • इस साल स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केंद्रीय बजट का दस्तावेजों पर प्रकाशन नहीं होगा। सरकार ने कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
  • इससे पहले सीतारमण ने बही-खाते के जरिए लेदर ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लाने की वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ा था। इसके स्थान पर उन्होंने पारंपरिक बही-खाता का इस्तेमाल किया था।

संसद आने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बजट के लिए सबसे पहले राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण जारी है। विपक्ष की नारेबाजी के बीच बजट भाषण की शुरुआत करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं 2021-22 का बजट पेश कर रही हूं। लॉकडाउन खत्म होते ही प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण योजना की घोषणा की थी, जिसने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया था। 8 करोड़ लोगों को फ्री रसोई गैस मिली। मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करती हूं, जो लोगों तक बुनियादी सेवाएं पहुंचाने के काम में लगे रहे। बाद में हम दो और आत्मनिर्भर भारत पैकेज लेकर आए। हमने GDP का 13% हिस्सा यानी 27.18 लाख करोड़ रुपए की कुल राहत दी।”

वित्त मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और तीन आत्मनिर्भर पैकेज मिलाकर 5 मिनी बजट जैसे थे। इससे ढांचागत सुधार आए। एक देश, एक राशन कार्ड, इंसेटिव स्कीम्स जैसे कई सुधार लाए गए। आज भारत के पास दो वैक्सीन हैं। 100 से ज्यादा देश हमारी ओर देख रहे हैं। दो और वैक्सीन जल्द आने वाली हैं। हम वैज्ञानिकों के शुक्रगुजार हैं। हमें ये बातें बार-बार याद दिलाती हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग 2021 में भी जारी रहेगी।”

वित्त मंत्री मेड इन इंडिया टैब से बजट स्पीच पढ़ रही हैं, क्योंकि पहली बार बजट को पेपरलेस रखा गया है। उधर, कांग्रेस के कुछ सांसद नए कृषि कानूनों के विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे हैं।

आज पेश होने वाले बजट पर हर किसी की नजर बनी हुई है. बीता साल नौकरीपेशा और मिडिल क्लास के लिए चुनौतियों भरा साल रहा है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में टैक्स में छूट देकर लोगों को राहत देगी. अब से कुछ ही देर में बजट को पेश किया जाएगा.

 

आइये जानते हैं बजट में आपके लिए क्या कुछ खास है. सरकार आपको इस बजट में क्या देने वाली है

 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर कहा कि, “भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है. हमें और वित्त मंत्री जी को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े. यानि 2020 एक प्रकार से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा. इसलिए ये बजट भी उन 4-5 बजट की श्रंखला में ही देखा जाएगा, ये मुझे पूरा विश्वास है.”

 

आइये जानते हैं इस बार बजट में मिडिल क्लास से लेकर, गरीबों और कॉरपोरेट के लिए क्या कुछ होगा

 

मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए  खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए बीता साल बेहद बुरा रहा है. कोरोना में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था जिस तरह पटरी से उतरी और लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं उसके बाद से ही लोगों की जेब खाली है. ऐसे में लोगों को इस बार बजट में टैक्स में छूट को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. टैक्स छूट को लेकर सरकार क्या कुछ कर सकती है, समझे.

 

ऐसे संकेत हैं कि बजट में इस बार सरकार टैक्स में छूट के नाम पर कोई बहुत बड़ा ऐलान नहीं करने वाली है. लेकिन आम जनता को राहत देने के लिए सरकार टैक्स में थोड़ा बहुत छूट दे सकती है. बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी सरकार ने टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने के संकेत दिए हैं.

 

आर्थिक सर्वे में भी कहा गया है कि सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए जिससे आम लोगों के पास ज्यादा पैसा बचे और ये खर्च के तौर पर बाजार में आए. इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी. सरकार ने कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों को भी टैक्स राहत देने के संकेत दिए हैं.

 

टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव के संकेत नहीं

 

बजट में हर बार लोगों की नजर इनकम टैक्स स्लैब पर होती है लेकिन जानकारों की मानें तो इस बार टैक्स स्लैब में कोई खास और बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि सरकार ऐसा कुछ जरूर करेगी. जिससे लोग नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बनें. पिछले साल सरकार ने दो तरह की टैक्स व्यवस्था बनाई थी. नई और पुरानी में से एक को चुनने का विकल्प दिया गया था. लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ 20 फीसदी करदाता ही नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बने. और इसीलिए सरकार कुछ ऐसे कदम उठा सकती है. जिससे लोग नई टैक्स व्यवस्था से जुड़ें.

 

80C में छूट बढ़ सकती है

 

मिडिल क्लास के ज्यादातक लोग म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और जीवन बीमा पॉलिसी जैसी स्कीम में निवेश करते हैं. इसमें आपको टैक्स की बचत भी होती है. इस बार बजट में 80C की लिमिट बढ़ाकर 2 या 2.5 लाख रुपये तक की जा सकती है. फिलहाल 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है.

 

स्वास्थ्य के क्षेत्र पर फोकस

 

कोरोना की वजह से इस बार सरकार का फोकस मेडिकल सुविधाओं पर ज्यादा है. इसीलिए इस बार स्वास्थ्य बजट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. माना जा रहा है कि जो स्वास्थ्य बजट अभी तक जीडीपी का 1.25% रहता था, उसे बढ़ाकर जीडीपी के 2% तक किया जाएगा. इसके अलावा कोरोना की मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट आवंटित किया जा सकता है. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रह्मण्यम का कहना है कि, “देश में सस्ते इलाज के लिए निजी अस्पतालों को लेकर एक रेगुलेटर बनाने की जरूरत है.”

 

मेडिकल इंश्योरेंस में छूट मुमकिन

 

जब आप अपने या अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस करवाते हैं तो उस पर आपको टैक्स की छूट मिलती है. लेकिन कोरोना के दौर में लोगों का मेडिकल खर्च काफी बढ़ा है. माना जा रहा है कि मेडिकल इंश्योरेंस के लिए आप जो प्रीमियम देते हैं सरकार उसमें टैक्स छूट बढ़ा सकती है.

 

आयात शुल्क में बढ़ोतरी संभव

 

बजट में सरकार के आत्मनिर्भर भारत की झलक भी नजर आएगी. सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर चीन को तगड़ा झटका दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, आयात शुल्क में बढ़ोतरी 5-10% तक की हो सकती है. जिन उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया जा सकता है उनमें मोबाइल फोन फर्नीचर, कैंडल्स शामिल हैं.

 

कृषि सेक्टर में बड़ी योजनाओं का ऐलान संभव

 

देश में इस वक्त किसान एक बड़ा मुद्दा है. मोदी सरकार पहले भी किसानों के हित में कई कदम उठा चुकी है. इस बार बजट में भी खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए काफी कुछ किया जा सकता है. किसानों को मदद करने के लिए कृषि सेक्टर में बड़ी योजनाओं का ऐलान संभव है.

 

इसके अलावा रीयल एस्टेट सेक्टर को रफ्तार देने और राहत पहुंचाने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके. कोरोना काल से सीख लेते हुए डिजिटल एजुकेशन पर भी सरकार फोकस करके कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू कर सकती है.

 

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को राहत देने के लिए इंसेन्टिव बढ़ा सकती है

 

विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार नियम-कानून को थोड़ा आसान बना सकती है.

 

कोरोना सरचार्ज लगा सकती है

 

कोरोना सरचार्ज लग सकता है. कोरोना काल में सरकार का राजस्व काफी कम रहा है. ऐसे में सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कोरोना सरचार्ज लगा सकती है. हालांकि जितने बड़े पैमाने पर कोरोना काल में लोगों का रोजगार छिना है उसे देखते हुए यह सरचार्ज सब पर लागू नहीं होगा. वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सालाना 50 लाख रुपए या इससे ज्यादा कमाने वाले लोगों पर कोरोना सरचार्ज लगाने पर विचार किया जा सकता है.

LTCG टैक्स बढ़ सकता है 

 

म्यूच्युअल फंड और स्टॉक्स की बिक्री पर जो मुनाफा होता है. उस पर सरकार LTCG यानि लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन टैक्स वसूलती है. मौजूदा समय में LTCG टैक्स 10 फीसदी है. सरकार इसको बढ़ाकर 12 से 15% के बीच कर सकती है. नौकरीपेशा और मिडिल क्लास के अलावा बजट में हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ ना कुछ जरूर होगा. चाहें वो बुजुर्ग हों, बच्चे हों, महिलाएं हों, नौजवान हों या फिर किसान. लेकिन ये तय है कि इस बजट में आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने के लिए काफी कुछ नज़र आने वाला है.

सुपर रिच पर कोरोना सेस लगाने से सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा
ऑक्सफैम का आकलन है कि भारत के 954 सबसे अमीर परिवारों पर अगर 4% टैक्स लगाया जाता है तो GDP के 1% के बराबर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए रेवेन्यू मिल सकता है। इस तरह का सेस या सरचार्ज लगाने पर उससे मिलने वाला पैसा केंद्र सरकार के पास ही रहता है, राज्यों को उसमें से हिस्सा नहीं मिलता।

नई टैक्स व्यवस्था में बढ़ सकती है छूट
पिछले साल इनकम टैक्स की नई व्यवस्था लागू की गई थी। इसमें NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम के अलावा और कोई छूट नहीं है। इसलिए बहुत कम लोगों ने इस विकल्प को चुना। सरकार ने इसका कोई आंकड़ा नहीं बताया है। वित्त मंत्री आज इस बारे में कोई आंकड़ा दे सकती हैं।

नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए PF, LTC और डोनेशन पर टैक्स में छूट दी जा सकती है। कुछ घोषणाओं पर कोरोना का असर भी दिख सकता है। जैसे, वर्क फ्रॉम होम से जुड़े खर्चे के कारण नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाई जा सकती है। सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को भी बढ़ाया जा सकता है। 80C के तहत इन्वेस्टमेंट की लिमिट 1.5 लाख रुपए है। इसे भी बढ़ाने के सुझाव सरकार को मिले हैं।

कोरोना की वजह से हेल्थकेयर पर खर्च दोगुना हो सकता है
हेल्थकेयर पर खर्च सबसे ज्यादा बढ़ने की संभावना है। कोरोना वैक्सीन पर 25-30 हजार करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। हेल्थ बजट पिछली बार 67,484 करोड़ रुपए का था। इसे दोगुना किया जा सकता है। नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 में केंद्र की तरफ से हेल्थकेयर पर GDP का 2.5-3% तक खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन 2019-20 में यह 1.5% तक ही पहुंच सका। वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक, हेल्थ पर सरकारी खर्च के मामले में 189 देशों की रैंकिंग में भारत 179वें स्थान पर है।

हेल्थकेयर पर सरकार ने बजट बढ़ाया तो लोगों का खर्च बचेगा
अभी सेहत पर होने वाले कुल खर्च में लोगों की जेब से 65% जाता है। सर्वे के अनुसार सरकार ने खर्च बढ़ाया तो लोगों की जेब से होने वाला खर्च घटकर 30% रह जाएगा।

कृषि कर्ज का लक्ष्य 19 लाख करोड़ हो सकता है
किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए खेती-किसानी पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। पीएम किसान योजना में अभी हर साल 6,000 रुपए मिलते हैं। यह 2,000 रुपए बढ़ सकता है। कृषि कर्ज के लिए 19 लाख करोड़ रुपए का नया लक्ष्य तय किया जा सकता है। यह पिछले साल 15 लाख करोड़ रुपए था।

किफायती घर पर छूट बढ़ सकती है
इकोनॉमी में मांग बढ़ाने के लिए किफायती घर खरीदने पर इन्सेंटिव दिया जा सकता है। और कुछ नहीं तो सरकार पिछले साल की तरह ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक अतिरिक्त छूट को और एक साल के लिए बढ़ा ही सकती है। यानी इनकम टैक्स कैलकुलेशन में होम लोन पर ब्याज में जो 2 लाख रुपए की छूट मिलती है, उसे बढ़ाकर कुल साढ़े तीन लाख रुपए कर दिया गया था।

छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट
कोरोना की वजह से करीब सालभर से ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर है। सर्वे के मुताबिक, दो साल पहले 36.5% ग्रामीण छात्रों के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप या कंप्यूटर थे, अब 61.8% के पास हैं। इसे और बढ़ाने के लिए गांव के छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट मुफ्त में देने की कोई स्कीम लाई जा सकती है।

प्रवासी मजदूरों के लिए आ सकती है स्कीम
कोरोना की वजह से असंगठित क्षेत्र के मजदूर ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने दिसंबर में ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2020-21 जारी की थी। इसके मुताबिक, संगठित क्षेत्र में वेतन 3.6% कम हुआ है, लेकिन असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की कमाई 22.6% घट गई है। दूसरी ओर कर्मचारियों की छंटनी और दूसरे खर्चे घटाने से लिस्टेड कंपनियों का प्रॉफिट 25% तक बढ़ा है। बजट में प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं।

आत्मनिर्भर भारत के लिए बढ़ सकती है इंपोर्ट ड्यूटी
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कुछ चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है। पिछली बार भी मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स पार्ट्स समेत कई चीजों पर ड्यूटी बढ़ाई गई थी। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने पर विदेश से आने वाला सामान महंगा होता है। इससे देश में बनने वाले सामान की बिक्री बढ़ जाती है। छोटे कारोबारियों के लिए GST के नियम आसान बनाए जा सकते हैं।

पिछले साल बजट के दिन शेयर बाजार करीब 2.5% गिरा था
बजट के दिन शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखे जाते हैं। मोदी सरकार के पिछले 6 बजट में से 4 बार बाजार नुकसान में रहा। इनमें एक अंतरिम बजट भी शामिल था। पिछले साल बजट के दिन (1 फरवरी) बाजार 2.43% गिरावट के साथ बंद हुआ था।

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