Budget Session LIVE: दिल्ली हिंसा पर संसद के बाहर AAP-TMC का प्रदर्शन, दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह दे सकते जवाब
विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि दिल्ली हिंसा और अर्थव्यवस्था को लेकर वह संसद में सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग करेंगे.
नई दिल्ली। आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग शुरू हो रहा है. सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब दिल्ली में हिंसा के बाद स्थिति तो सामान्य होने लगी है लेकिन राजनीति गरमाने लगी है. विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि दिल्ली हिंसा और अर्थव्यवस्था को लेकर वह संसद में सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग करेंगे.लोकसभा में 11 बजे कार्रवाई शुरू हुई. इसके बाद दिवंगत सांसद की आत्मा की शांति के लिए सदन में 2 मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन की कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्थगित की जा रही है.
दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देने पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘कुछ लोग जो है सड़क पर दंगा करवा के संसद में पंगा लेना चाहते हैं,आपने किस प्रावधान, नियम के तहत नोटिस दिया है, चेयरमैन साहब, स्पीकर तय करेंगे कि उस पर किस तरह से बहस या चर्चा होगी.’
दिल्ली हिंसा मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. पार्टी गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी कर रही है.खुद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी. ऐसे में सत्र की शुरुआत में यही मुद्दा छाए रहने की संभावना है. हालांकि अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस को किन-किन दलों का साथ मिलता ये कहना अभी मुश्किल है.
दूसरे चरण की बैठक तीन अप्रैल तक चलेगी और इस दौरान आम बजट को पारित करने की शेष प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा. बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुयी थी. बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी को पूरा हो गया था. इस बीच बता दें कि बिहार के बाल्मीकि नगर क्षेत्र से लोकसभा सांसद बैजनाथ महत्व की मृत्यु के चलते आज लोकसभा की कार्यवाही उन्हें श्रद्धांजलि देकर स्थगित किए जाने की संभावना है. सूत्रों का दावा है कि गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन दिल्ली में हुई हिंसा पर जवाब दे सकते हैं.
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि अभी दलों को इस मसले पर साथ आना पड़ेगा. हिंसा के बहाने मोदी सरकार पर नागरिकता कानून को वापस लेने और एनपीआर में बदलाव करने की मांग भी की जाएगी. हालांकि सरकार ने साफ कह दिया है कि वह झुकने वाली नहीं है.दिल्ली हिंसा पर संसद भवन परिसर में मौजूद महात्मा गांधी के स्टेच्यू के सामने आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने प्रदर्शन किया है. आप के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने दिल्ली हिंसा की जांच जेपीसी से कराने की मांग की है.
Delhi: Trinamool Congress (TMC) protest in front of Gandhi statue inside the Parliament premises, over #DelhiViolence pic.twitter.com/pN0AKDIp7Z
— ANI (@ANI) March 2, 2020
दिल्ली हिंसा में अबतक 46 लोगों मौत हो चुकी है. हर तरफ से हिंसा पीड़ित लोगों के लिए मदद आ रही है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का भी हिंसा के पीड़ित लोगों की मदद करने चमनपार्क पहुंचे, वहां उन्होंने पीड़ितों को खाने पीने की मदद की और कानूनी सहायता का भी आश्वासन दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को केन्द्र सरकार को राजधर्म की याद दिलाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा लेने की मांग की थी. कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने इस मामले में अपने दायित्व का उचित निर्वाह नहीं किया है. संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में पिछले दिनों भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुये हैं.
तृणमूल कांग्रेस के भी एक नेता ने कहा कि उनके दल के सांसद दोनों सदनों में विपक्षी दलों के साथ एकजुट होकर यह मुद्दा उठायेंगे. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली में दंगों के दौरान पुलिस पर पूर्वाग्रह पूर्ण रवैया अपनाते हुए कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.सिंघवी ने कहा, ‘संसद के भीतर और बाहर विरोध का तरीका, साझा रणनीति का हिस्सा होगा और यह ऐसा विषय नहीं है जिसे सार्वजनिक किया जाए. देश इस बात के लिए आश्वस्त है कि हम गैरकानूनी तरीके से किए जा रहे चरम शोषण के बावजूद पूरी ताकत से बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारी को निभायेंगे.’
चौधरी ने बताया, ‘सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखने में पूरी तरह से नाकाम रही है. दंगा फैलाने वालों और पुलिस अधिकारियों के एक वर्ग की मिलीभगत हो सकती है जिसकी वजह से हुयी भीषण हिंसा ने पूरी दुनिया में हमारी (भारत की) छवि को दागदार बना दिया है. हम सभी के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है.’ उन्होंने कहा, ‘हम गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग सदन में उठाते रहेंगे.’ इस बीच राज्यसभा सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि कांग्रेस देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का मुद्दा संसद में उठाने की पुरजोर कोशिश करेगी.
तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्यसभा और लोकसभा में यह मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है. माकपा के राज्यसभा सदस्य के के रागेश और टी के रंगराजन ने उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिल्ली में दंगों के मामले पर दिन भर चर्चा कराने की मांग करते हुये सभापति एम वेंकैया नायडू को नियम 267 के तहत नोटिस दिया है
रागेश ने बताया कि भाकपा और माकपा के सदस्य दोनों सदनों में यह मुद्दा उठायेंगे. उन्होंने बताया कि विपक्षी दल एकजुट होकर इस मामले में गृह मंत्री से सदन में जवाब देने और उनके इस्तीफे की मांग को पुरजोर तरीके से उठायेंगे. भाकपा के महासचिव डी राजा ने बताया कि उनके दल के सदस्य दोनों सदनों में गृह मंत्री के जवाब की मांग उठायेंगे. इसमें गृहमंत्री से दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों के दौरान पुलिस की निष्क्रिय भूमिका के बारे में जवाब देने की मांग की जायेगी.