मायावती ने हार के लिए सपा पर फोड़ा ठीकरा, कहा- अकेले लड़ेंगे उपचुनाव
बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सपा में भीतरघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वो उपचुनाव में अकेले लड़ेंगीं।
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी राज्य में होने वाले उपचुनावों में अकेले लड़ेगी। उन्होंने महागठबंधन की कमियों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सपा का बेस वोट उनकी ही पार्टी को नहीं मिला। नतीजे बहुत कुछ सोचने को मजूबर करते हैं। गठबंधन को यादव वोट नहीं मिला। सपा के लोगों ने अच्छा मौका गंवा दिया। सपा में भीतरघात हुआ है। उनके मजबूत उम्मीदवार भी हारे हैं।
BSP Chief Mayawati on SP-BSP coalition: It's not a permanent break. If we feel in future that SP Chief succeeds in his political work, we'll again work together. But if he doesn't succeed, it'll be good for us to work separately. So we've decided to fight the by-elections alone. pic.twitter.com/VP20N4zL4Y
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
मायावती ने कहा, ‘यह एक स्थायी विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। लेकिन अगर वह सफल नहीं होते हैं, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा। इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।’
BSP Chief Mayawati on SP-BSP coalition: However, we can't ignore political compulsions. In the results of Lok Sabha elections in UP, base vote of Samajwadi Party, the 'Yadav' community, didn't support the party. Even strong contenders of SP were defeated https://t.co/jt00Ca8scE
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
उन्होंने कहा, ‘जब से सपा-बसपा का गठबंधन हुआ है, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैं राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भी भूल गई और उन्हें सम्मान दिया। हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा। हालांकि, हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। समाजवादी पार्टी के ‘यादव’ समुदाय के आधार वोट ने पार्टी का समर्थन नहीं किया। यहां तक कि सपा के मजबूत दावेदार भी हार गए।’ उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38, सपा 37 और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। वहीं बसपा को 10 और सपा को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली।