Bathinda-एचआईवी ब्लड चढ़ाने के मामले में आरोपी ठहराए एसएलटी ने कहा-आला अधिकारियों को पहले थी मामले की जानकारी

-समय रहते कारर्वाई करते तो घोल लापरवाही को दोहराने से बचा जा सकता था, फिलहाल आरोपी लोगों को ट्रांसफर कर की गई खानापूर्ति, कड़ी कारर्वाई के लिए राज्य सचिव के आदेश का कर रहे इंतजार

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बठिंडा. सिविल अस्पताल बठिंडा के बलड बैंक के स्टाफ की तरफ से एक औरत और सात साल के कैंसर पीडित बच्ची को एचआईवी पाजटिव मरीज का खून चढ़ाने के मामलो में उस समय नया मोड आ गया जब ब्लड बैंक के सीनियर एलटी बलदेव सिंह रोमाणा ने जांच टीम के सामने खुलासा किया कि ब्लड में हो रही अनियमियतता के संबंध में उन्होंने काफी समय पहले अस्पताल के आला अधिकारियों को जानकारी दे दी थी लेकिन इसमें अधिकारियों ने समय रहते किसी तरह की कारर्वाई नहीं की जिससे यह मामला गंभीर बनता रहा।

हालांकि सिविल सर्जन अमरिक सिंह का कहना है कि मामले में जांच चल रही है व इसमें कोई भी अधिकारी व कर्मी बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी तरफ जांच टीम ने अपनी आरंभिक जांच में जहां अस्पताल से कीट बाहर बेचने की आशंका जताई थी वही अब फाइनल रिपोर्ट जो पहले चरण की है उसमें इन आरोपों पर विराम लगा दिया गया है। टीम ने जब जांच की तो पता चला कि अस्पताल में निर्माण काम चलने के कारण स्टोर को दो हिस्सों में बांट दिया गया था जिसमें एक स्टोर एलसीडी में तो दूसरा एसएमओ दफ्तर की ऊपरी मंजिल में बनाया गया था।

इस दौरान अस्थायी स्टोर होने के चलते साजों सामान 10 से 15 दिनों का इकट्ठा ही मंगवा लिया जाता था। फिलहाल इन आरोपों को पूरी तरह से नहीं नकारा जा सकता है इसके चलते ही मामले की जांच अलग से ड्रग इस्पेक्टर कर रहे हैं जो अस्पताल की तरफ से जारी स्टाक के सभी नंबर व बैच नंबरों की जांच कर मिलान करेगा व इसमें अगर कही भी गड़बड़ पाई जाती है तो संबंधित कर्मी पर बनती कारर्वाई की जाएगी। बठिंडा के सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू ने एसएमओं डा. मनिन्दरपाल सिंह के नेतृत्व में गठित जांच समिति की रिपोर्ट सेहत सचिव को भेजकर कथित दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की सिफारिश की है। इसके साथ ही फरीदकोट मेडीकल कालेज के ब्लड विभाग के आधिकारियों ने गत बुधवार को पूरे मामले की करीब 8 घंटे से तक जांच की व सभी रिकार्ड चैक करने के साथ आरोपी लोगों के बयान फिर से लामबंद किए थे।

दूसरी तरफ सेहत विभाग जांच में आरोपी पाए जाने के बावजूद कर्मचारियों पर सख्त कारर्वाई करने से बच रहा है। मासूम बच्ची को इन्फैकटिड खून चढ़ाने के मामले में सेहत विभाग ने एक बार औपचारिकता पूरी करने का काम किया है। बठिंडा ब्लड बैंक के स्टाफ को एक बार यहां से बदल कर सारा रिकार्ड अपने कब्ज़े में ले लिया है। सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरीक सिंह संधू का कहना है कि ब्लड बैंक की बीटीओं डा. करिश्मा की बदली गोनियाना कर दी गई है, जबकि सीनियर एमएलटी बलदेव सिंह रोमाना को तलवंडी साबो और एमएलटी रिचू गोयल को सरकारी हस्पताल घुद्दा बदल दिया गया है। इसके इलावा एसएमओं की तरफ से सौंपी गई जांच रिपोर्ट सेहत सचिव को भेजकर उक्त लोगों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की सिफारिश की गई है। इसमें अब अगला फैसला राज्य सेहत विभाग ने लेना है।

रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उक्त लोगों ने अपनी ड्यूटी में घोर लापरवाही दिखाई है, जिस कारण दो लोगों की जान खतरे में पड़ गई है। अब सेहत सचिव ही उक्त लोगों के खिलाफ बनती कार्यवाही करेंगे। सीएमओं ने बताया कि जिस सात साला बच्ची को एचआईवी पाज़ेटिव मरीज़ का ब्लड चढ़ाया गया है, उस का एआरटी सैंटर में एचआईवी का इलाज शुरू कर दिया गया है।

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