बीजेपी नेता का आरोप, तिरुपति मंदिर से गायब हुआ चांदी का मुकट

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के खजाने से करीब 5 किलो वजन का चांदी का एक मुकुट और कुछ सोने के आभूषण गायब हो गए हैं. यह आरोप ट्रस्ट के पूर्व सदस्य और बीजेपी नेता ने लगाया है.

 

नई दिल्ली. तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर से सोने-चांदी के आभूषण गायब होने का मामला सामने आया है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के खजाने से करीब 5 किलो वजन का चांदी का एक मुकुट और कुछ सोने के आभूषण गायब हो गए हैं. यह आरोप ट्रस्ट के पूर्व सदस्य और बीजेपी नेता ने लगाया है.

भाजपा नेता और पूर्व ट्रस्ट सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा कि टाइट सुरक्षा के बीच कीमती आभूषण गायब हुए हैं. इस बाबत उन्होंने घोटाले का आरोप लगाते हुए दस्तावेज जारी किए. उन्होंने मांग उठाई कि टीटीडी को सहायक कार्यकारी अधिकारी श्रीनिवासुलु के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. रेड्डी ने इस प्रकरण के जांच की मांग की है.

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तिरुपति में मीडिया से बातचीत के दौरान रेड्डी ने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए मुकुट और सोने के आभूषण अक्टूबर 2017 से खजाने से गायब हैं. वहीं, TTD के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने कहा कि टीटीडी सतर्कता और लेखा विभाग के अधिकारियों ने दो साल पहले कोषागार से लगभग 7 लाख रुपये के कुछ चांदी और स्वर्ण लेखों की कमी को देखा था. इसको लेकर एक टीटीडी अधिकारी के वेतन से हर महीने 25,000 रुपये की राशि वसूल की जाती थी.

बता दें कि आंध्र प्रदेश का वेंकटेश्वर मंदिर बरसों से श्रद्धालुओं के बीच आस्था का प्रतीक बना हुआ है. इसी महीने अमेरिका में रहने वाले 2 भारतीय मूल के कारोबारियों ने तिरुमला के निकट स्थित प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर को दान में 14 करोड़ रुपए दिए थे. उद्योगपतियों ने यह दान नाम न बताने की शर्त पर दिया था.

तिरुमाला तिरुपति देवस्थान (TTD) या तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर है और किसी भी दूसरे मंदिर के मुकाबले यहां सबसे अधिक भक्त दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर को दान करने के लिए लोग तैयार रहते हैं और कई लोगों ने तो तिरुपति बालाजी को अपने कारोबार में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी दे रखी है और प्रॉफिट का उतना हिस्सा वे हर साल मंदिर को दान देते हैं.

दानदाताओं को विशेषाधिकार
तिरुमाला तिरुपति देवस्थान में एक लाख रुपये से अधिक दान देने वालों को कुछ विशेषाधिकार भी मिलते हैं. हालांकि एक लाख से कम दान करने वालों को इनकम टैक्स में छूट का प्रमाणपत्र मिलेगा. इससे अधिक दान करने वालों को सुपथ के माध्यम से दर्शन, आवास, महाप्रसाद, दुपट्टा और ब्लाउज का कपड़ा और गोल्ड तथा सिलवर मेडल जैसी विशेष सुविधाएं मिलती हैं.

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