बिहार: पीड़ित बच्चों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, पिछले 24 घंटे में चमकी बुखार के 75 नए केस, अब तक 112 बच्चों की मौत,
बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का आंकड़ा 112 तक पहुंच चुका है. पिछले 24 घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज में 75 नए मरीज भर्ती हुए हैं. 400 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, लेकिन अभी तक न तो सरकार, न डॉक्टर ये तय कर पाए हैं कि ये बीमारी कौन सी है.
मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का आंकड़ा 112 तक पहुंच चुका है. पिछले 24 घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज में 75 नए मरीज भर्ती हुए हैं. 418 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, लेकिन अभी तक न तो सरकार, न डॉक्टर ये तय कर पाए हैं कि ये बीमारी कौन सी है.मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में इसे चमकी कहा जा रहा है, लेकिन सरकारों शायद फुरसत ही नहीं है कि बीमारी की असल वजह और इलाज ढूंढा जाए.
बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और उनका आरोप है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया
मुज़फ़्फ़रपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अपने बच्चों के साथ आए लोगों का कहना है कि उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और उनका आरोप है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कभी कोई ओआरएस नहीं दिया गया था। SKMCH अस्पताल में बच्चो के माता-पिता ने बताया किसी ने हमें ओआरएस के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं और न ही किसी डाक्टर या फिर वर्कर ने उन्हें इस बारे में जागरुक किया। हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से त़ड़प रहे हैं। डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयाँ देने के लिए कहा और कहा कि अगर बुखार उसके बाद नीचे नहीं जाता है तो वे बच्चे को दिखाल करेंगे। हमारे पास पैसा नहीं है कि हम इनका उपचार किसी प्राइवेट अस्पताल में करवाएं।
Parents at SKMCH: No one has told us anything about or given us ORS. We don't know the symptoms of AES. Our children are burning with fever since 4-5 days. Doctor asked us to get medicines for them & said they'll admit them if fever doesn't go down after that. We don't have money pic.twitter.com/bRq5w03ojG
— ANI (@ANI) June 19, 2019
मौत की शुरुआत के करीब 20 दिन बाद मंगलवार सुबह-सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल पहुंचे. नीतीश के पहुंचने के बाद बच्चों के मां बाप को उम्मीद थी कि उनके नौनिहालों के साथ हवा में तीर की तरह हो रहे इलाज का कुछ इलाज होगा, दवाएं मिलेंगी, अस्पताल की सेहत सुधरेगी, लेकिन सीएम साहब की पर्देदारी देखकर लोगों के सब्र का बांध टूट गया. लोग नारे लगाते रहे और नीतीश अस्पताल प्रशासन की पीठ थपथपाकर आराम से निकल लिए.
- बिहार के मुजफ्फरपुर में #AcuteEncephalitisSyndrome (एईएस) के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई। इसमें 93 बच्चे श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में और 19 की केजरीवाल अस्पताल में मृत्यु हो गई।
Bihar: The death toll due to #AcuteEncephalitisSyndrome (AES), in Muzaffarpur, rises to 112. 93 died at Sri Krishna Medical College and Hospital (SKMCH) & 19 died at Kejriwal Hospital. pic.twitter.com/oD3gPLnUuq
— ANI (@ANI) June 19, 2019
चमकी बुखार से हो रही मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. दो वकीलों ने जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि बीमारी से प्रभावित इलाकों में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू बनाने का आदेश दिया जाए, प्रभावित इलाकों में मेडिकल एक्सपर्ट टीम भेजने के निर्देश दिए जाएं और 100 मोबाइल ICU मुजफ्फरपुर भेजे जाएं. इसके साथ ही मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए.
इंसेफेलाइटिस से हुई मौतों के बाद ओडिशा सरकार ने लीची फल की जांच करने के आदेश दिए
After encephalitis deaths, Odisha orders testing of litchi fruit
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— ANI Digital (@ani_digital) June 19, 2019
इस बीच चमकी बुखार के कारण लगातार बढ़ रही मौतों की तादाद को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि मुजफ्फरपुर के अलावा राज्य के कुछ अन्य जिले भी इससे प्रभावित हुए हैं.
आयोग ने इसे लेकर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही यह भी पूछा कि अस्पताल में भर्ती बच्चों को किस तरह का इलाज दियाजा रहा है और पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार किस तरह की सहायता उपलब्ध कराई गई है. आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है.