नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 109 बच्चों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि चमकी बुखार से निपटने के लिए अदालत बिहार और केंद्र सरकार को 500 आईसीयू की व्यवस्था करने का निर्देश दे. साथ ही चमकी बुखार से निपटने के लिए जरूरी पेशेवर डॉक्टरों की संख्या में भी इजाफा करने की मांग की गई है.
- याचिका में यह भी मांग की गई है कि सबसे पहले मुजफ्फरपुर में 100 मोबाइल ICU बनाए जाए. इसके अलावा चमकी बुखार से प्रभावितों का जायजा लेने के लिए एक मेडिकल बोर्ड को मुजफ्फरपुर भेजने की मांग की गई है.
- चमकी बुखार के कहर को देखते हुए अदालत से अपील की गई है कि तुरंत इस मामले में दखल दे. इस याचिका को वकील मनोहर प्रताप और संप्रीत सिंह ने दाखिल किया है. याचिका में दावा किया है गया है कि बिहार राज्य इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जो कदम उठाये जाने चाहिए थे उसे लागू करने में फेल रहा है. इसलिए अब कोर्ट का दखल जरूरी हो गया है.
- याचिका में कहा गया है कि अदालत मुजफ्फरपुर में काम कर रहे प्राइवेज डॉक्टरों और अस्पतालों को चमकी बुखार से पीड़ित लोगों का मुफ्त इलाज करने का आदेश दिया जाए.
मुजफ्फरपुर पहुंचे नीतीश कुमार का विरोध -इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इनसेफेलाइटिस से त्रस्त मुजफ्फरपुर का दौरा किया, जहां सैकड़ों लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के बाहर हुआ, जहां नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पहुंचे थे. यहां पर खराब इलाज और सुविधाओं की कमी से नाराज प्रदर्शनकारी ‘मुख्यमंत्री वापस जाओ’ जैसे नारे लगा रहे थे.
इलाज से सीएम नीतीश कुमार संतुष्ट हैं
इस बीच मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के मुताबिक, मंगलवार दोपहर 1 बजे तक 108 बच्चों की मौत हुई है. 16 बच्चों की हालत गंभीर है. इलाज से सीएम नीतीश कुमार संतुष्ट हैं. जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने बताया कि आज चार बच्चों की मौत हुई है. सीएम नीतीश कुमार ने पांच पीआईसीयू का दौरा किया. सीएम ने बच्चों की मौत पर दुख जताया है. अभी तक 54 परिवारों को राज्य सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दे दिया गया है. डीएम ने कहा कि हम यह जानते हैं कि बीमारी के पीछे का सही कारण क्या है और इसके रोकथाम पर काम कर रहे हैं. हम उन आरोपों को खारिज करते हैं कि जिसमें कहा जा रहा है कि जिला प्रशासन ने जागरूकता अभियान नहीं चलाया.
Bihar Chief Secy Deepak Kr: CM gave few directions. He said main reason of deaths is that patients reach hospitals late. It's been reiterated that patients won't have to bear any expense in coming to hospitals. Their fare will be reimbursed, they'll be given Rs 400 at flat rate. pic.twitter.com/399rBTLNgJ
— ANI (@ANI) June 18, 2019
इस बीच, बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने चमकी बुखार से निपटने के लिए कई निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि मरीजों को अस्पताल ले जाने में देरी की वजह से ज्यादातर मौते हो रही हैं. यह बात भी बार बार कही जा रही है कि मरीज अस्पताल तक पहुंच नहीं पा रहे हैं.मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मरीज अस्पताल का खर्च उठाने में सक्षम हैं, इसलिए मरीजों को पैसे भी मुहैया कराये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि SKMCH के विस्तार का फैसला किया गया है. इसे 2500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाएगा. अभी SKMCH में 610 बेड हैं जबकि 100 बेड के ICU भी स्थापित किए जाएंगे.