मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली गुहार-‘मम्मी-पापा के झगड़े से तंग हूं, मर जाना चाहता हूं’, बच्चे की राष्ट्रपति से गुहार, आखिर कौन जिम्मेदार?
मां-बाप के झगड़े से तंग एक बच्चे ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि उसे मर जाने की अनुमति दी जाए। आखिर उसकी पीड़ा के लिए कौन जिम्मेदार है?
भागलपुर/नई दिल्ली : पति-पत्नी के रिश्तों में तल्खियां कभी-कभी इस कदर बढ़ जाती हैं कि उनका साथ रहना मुश्किल हो जाता है और इन सबके बीच कोई सबसे अधिक पिसता है तो वह बच्चा होता है, जिसके मन-मस्तिष्क पर इन सबका गहरा असर होता है। माता-पिता के बीच सामंजस्य का अभाव उसके पूरे व्यक्तित्व को प्रभावित करता है तो उनके बीच अलगाव या तलाक जैसी स्थिति मासूम के लिए किसी सदमे से कम नहीं होती। बिहार के एक बच्चे की कहानी कुछ इसी तरह की स्थिति को बयां करती है, जिसने मां-बाप के झगड़े से तंग आकर अपना जीवन खत्म करने की इच्छा जताई है और इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई।
मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली यह गुहार 15 साल के बच्चे ने लगाई है, जिसके माता-पिता एक-दूसरे के साथ नहीं, बल्कि अरसे से अलग रह रहे हैं। बात यहीं तक होती तो भी बच्चा शायद संभल जाता और जिंदगी में आगे निकल जाता, पर उसने राष्ट्रपति को जो पत्र भेजा है और उस पर जांच का जो आदेश हुआ है, उससे यह भी मालूम होता है कि उसके माता-पिता के बीच कई मुकदमे भी चल रहे हैं, जो दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराए हैं। दोनों ने एक-दूसरे पर अवैध संबंधों के आरोप लगाए हैं तो एक-दूसरे के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत भी है।
बिहार में भागलपुर निवासी यह बच्चा फिलहाल झारखंड के देवघर में अपने पिता के साथ रह रहा है, जो ग्रामीण विकास विकास विभाग में जिला प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उसकी बिहार की राजधानी पटना में एक बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उसका बचपन माता-पिता के बीच तल्ख संबंधों के बीच बीता। मां-बाप के बीच आपसी खींचतान के कारण उसका बचपन दादा के साथ भागलपुर के कहलगांव में बीता, जो वहां कार्यरत थे और अब दादा के रिटायर होने के बाद वह अपने पिता के साथ देवघर में रह रहा है।
इस मासूम के दादा और चाचा ने जहां सारा दोष उसकी मां पर मढ़ दिया, वहीं इन सबसे निराश व हताश बच्चा अब अपना जीवन खत्म कर देना चाहता है। राष्ट्रपति को भेजे पत्र में उसने साफ कहा है कि माता-पिता के झगड़े के कारण उसका जीना दुश्वार हो गया है। रोज-रोज के झगड़ों से वह तंग आ गया है और उसकी पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इन सबसे तंग आकर वह अपना जीवन खत्म कर लेना चाहता है। उसने राष्ट्रपति को भेजे पत्र की प्रति प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भी भेजी है। पीएमओ को यह पत्र राष्ट्रपति कार्यालय से मिला, जिसके बाद जिला अधिकारियों को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।