Bihar Assembly Election: अमित शाह बोले- BJP को मिलेंगी ज्यादा सीटें, तब भी नीतीश कुमार ही बनेंगे सीएम

न्यूज 18 नेटवर्क समूह को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) में बीजेपी को चाहे ज्यादा सीटें मिलें, लेकिन नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

0 1,000,252

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) में बीजेपी और जेडीयू (JDU) के बीच आई दरार की अटकलों पर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit shah) ने पूर्ण विराम लगा दिया है. बिहार चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने शनिवार को कहा, ‘जो कोई भी भ्रांतियां फैलाने का प्रयास कर रहा है. मैं आज इस पर बड़ा फुल स्‍टॉप लगाना चाहता हूं. नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्‍यमंत्री होंगे.’ शाह ने कहा कि देश के साथ-साथ बिहार में भी मोदी लहर है और इससे गठबंधन सहयोगियों को समान रूप से मदद मिलेगी. शाह ने कहा, नीतीश हमारे पुराने साथी हैं, गठबंधन तोड़ने का कोई कारण नहीं है.

अमित शाह ने कहा, बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी को चाहे ज्यादा सीटें मिलें, लेकिन नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. शाह ने कहा कि उन्होंने विभिन्न पार्टी पदाधिकारियों से फीडबैक लिया, जो हाल ही में बिहार गए थे और उन्होंने जो सीखा है वो ये है कि कोविड-19 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री की योजना द्वारा प्रदत्त खाद्यान्न और पैसों के हस्तांतरण से बिहार के लोगों को काफी मदद मिली है, जिससे उनके मन में एक नई छवि बनी है.

ग्रामीण और शहरी लोगों से लिया फीडबैक: शाह ने कहा, मैंने ऐसे लोगों से प्रतिक्रिया ली है जो प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों हिस्सों में रहे हैं. मार्च से छठ पर्व तक राज्य में वितरित खाद्यान्न, का किसी से एक पैसा भी नहीं लिया गया. बिहार के लोग कभी नहीं भूलेंगे कि नीतीश कुमार ने कैसे उनके प्रवास के लिए व्यवस्था की, उनकी यात्रा के लिए भुगतान किया, प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी.

हमने निभाया है गठबंधन का धर्म :

बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अकेले लड़ने पर अमित शाह ने कहा, पार्टी का विस्तार कितना हुआ ये उस पर निर्भर करता है. जब से एनडीए बना है तब से नीतीश कुमार हमारे साथी हैं. गठबंधन तोड़ने का कोई कारण नहीं है. बीच में कुछ गड़बड़ हुई थी, लेकिन सिर्फ विस्तार के लिए अकेले लड़ना वो ठीक नहीं है. गठबंधन का एक धर्म होता है और हमने उस धर्म को निभाया है. ऊपर मोदी जी, नीचे नीतीश जी ये डबल इंजन वाली सरकार बिहार के विकास को बढ़ाएगी.

शाह की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केंद्र में एनडीए की साथी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने बिहार में खुद को अलग कर लिया है. एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा भी कर दी है.

अपनी बात पर कायम हैं अमित शाह
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब अमित शाह ने नीतीश कुमार के समर्थन में बयान दिया हो. इससे पहले इसी साल 1 जून को राहुल जोशी के साथ खास बातचीत में अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव पर कहा था कि एनडीए की ओर से नीतीश कुमार ही मुख्‍यमंत्री का चेहरा रहेंगे.

अमित शाह ने कहा, मैं पूरी तरह स्वस्थ, देश की जनता को नवरात्रि पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं. कोरोना वायरस के बचाव के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं उनका पालन करते हुए नवरात्रि मनाएं, जिससे हम कोरोना महामारी पर विजय प्राप्‍त करने के अभियान को सफल बना सकें. आइए जानते हैं अमित शाह के इंटरव्यू की 10 खास बातें…

खास बातचीत में अमित शाह ने पहली बार तनिष्क (Tanishq) के विज्ञापन पर हुए विवाद पर प्रतिक्रिया दी. शाह ने कहा, सोशल हार्मोनी को छोटे मोटे हमले नहीं तोड़ सकते है, अंग्रेजो ने तोड़ने की कोशिश की, कांग्रेस ने भी की लेकिन सफल नहीं हुए, मेरा कहना है कि किसी भी प्रकार का ओवर एक्टिविज्म नहीं होना चाहिए.
शाह ने कहा कि हमने पहले से ही तय किया था कि 2020 का बिहार चुनाव हम नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में लड़ रहे हैं. मैं भ्रांतियों पर फुल स्टॉप लगा कर कहना चाहूंगा कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा, जबसे एनडीए बना है तबसे नीतीश कुमार हमारे साथी हैं. नीतीश से गठबंधन तोड़ने का कोई कारण है. हम गठबंधन धर्म निभा रहे हैं. हमार चाहते हैं कि नीतीश कुमार के राज में जो विकास हुआ है वह आगे जारी रहे. बिहार में नीतीश और केंद्र में पीएम मोदी, ये जो डबल इंजन की सरकार है वह राज्‍य को विकास की ओर ले जाएगी.
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर दुख जाहिर करते हुए शाह ने कहा, वो उन्‍होंने सामाजिक न्‍याय के लिए बहुत बड़ा काम किया है. वह दलितों के बहुत बड़े नेता रहे हैं. मैं उन्‍हें श्रद्धांजलि देना चाहता हूं. उन्होंने कहा, साथी के जाने का दुख भी होता है और नुकसान भी होता है. हमारा गठबंधन सामाजिक रूप से बहुत मजबूत है. जनता जानती है गठबंधन न होने का दोषी कौन है.
लालू पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, लालू जी के राज में जंगल राज था. धंधे चौपट थे. चारा घोटाला हुआ. तमाम भ्रष्‍टाचार हुए. नीतीश कुमार और केंद्र में मोदी के राज में जनता ने असल विकास को पहचाना है. बिहार को अतिरिक्‍त राशि भी दी है. जब लालू जी के 15 साल थे तब औसत विकास दर 3.16 थी और आज 11.20 है. पहले बिहार का बजट 23 हजार करोड़ का था आज 2 लाख 23 हजार करोड़ का बजट है.
चीन मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा, हम अपने देश की एक एक इंच की भूमि के लिए जागरूक हैं. इस बारे में विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री बयान दे चुके है. चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिन के बयान पर नहीं कह रहा लेकिन हर देश हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहता है, सेना होती ही इसीलिए हैं. राहुल जी के पास कोई डेटा नहीं रहता, बिना सर पैर की बात करते है, 1962 में उनके परनाना प्रधानमंत्री थे, उस वक़्त जो हुआ उसका डाटा राहुल को रखना चाहिए, कांग्रेस को इस पर टिप्पड़ी करने का हक नहीं. चीन के हर देश के साथ अलग अलग रिश्ते हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों में सुशांत सिंह राजपूत की मौत मुद्दा बनेगी इस पर शाह ने कहा, मुझे पता नहीं कि चुनाव में ये कितना बड़ा मुद्दा है लेकिन पहले ही अगर सीबीआई को दे देते तो मुद्दा बनता ही क्यों, जब भी किसी की अपमृत्यु होती है तो उसकी जांच करा देना चाहिए था.
जम्मू कश्मीर के हालातों पर शाह ने कहा, लॉ एंड आर्डर का हाल तो मेंटेन हैं. वहां विकास थोड़ा और हो सकता था लेकिन कोविड की वजह से रूकावट आई, अब मनोज जी (सिन्हा) वहां गए है. 5-6 महीने में आपको वहां अच्छा दिखने लगेगा.
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चिराग पासवान की अगुवाई वाली एलजेपी ने अकेले जाने का फैसला किया है. हालांकि चुनाव साथ लड़ने के लिए उन्‍हें उचित संख्या में सीटों की पेशकश की गई और बातचीत के कई प्रयास भी किए गए. जनता जानती है गठबंधन न होने का दोषी कौन है. चुनाव के बाद देखेंगे चिराग साथ आते हैं या नहीं.
शिवसेना के बाद अकाली दल के एनडीए छोड़ने पर शाह ने कहा, ‘हमने किसी का साथ नहीं छोड़ा है, उन्होंने हमारा साथ छोड़ा है, हम अब इसमें क्या कर सकते है, अकाली का मुद्दा कृषि बिल है, लेकिन विपक्ष के द्वारा किसानों को भड़काया जा रहा है, MSP रिजीम बंद करने की कहीं कोई बात ही नहीं है. इसीलिए इनका आंदोलन उठ ही नहीं पा रहा है. कांट्रेक्ट फार्मिंग किसानो के लिए बाध्य नहीं है. कंपनियों के लिए है, किसान कभी भी कंपनी के साथ कान्ट्रेक्ट तोड़ कर निकल सकता है. राहुल बता दें कि एमएसपी पर उनके जमाने में क्या खरीद होती थी और आज की खरीद क्या है, नरेन्द्र मोदी सरकार ऐसे फैसले लेती है जो अच्छे हो, ऐसे नहीं लेती जो अच्छे लगे.’
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद टीआरपी गेम पर बोलते हुए शाह ने कहा, टीआरपी के लिए बात को बढ़ाना उचित नहीं है, अगर कोई बात ढाकी जा रही है तो ज़रूर खबर हो लेकिन मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए. ड्रग के मुद्दे पर बॉलीवुड से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए. एनसीबी जांच कर रहा है. सिर्फ टीआरपी के लिए एक मुद्दे उठाना उचित नहीं है. छोड़ना किसी को भी नहीं चाहिए लेकिन किसी इंडस्ट्री को इससे नहीं जोड़ना चाहिए.

Leave A Reply

Your email address will not be published.