सऊदी: ऑयल प्लांट पर अटैक का असर, 1991 के बाद पहली बार बढ़े कच्चे तेल के इतने दाम
सऊदी अरब की कंपनी अरामको के दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले के बाद तेल के दामों में 1991 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा उछाल आया है.
- खाड़ी युद्ध के बाद पहली बार तेल की क़ीमतों में इतना इजाफा
- कच्चे तेल के दाम 10% बढ़कर 66.28 डॉलर प्रति बैरल तक
सऊदी अरब की कंपनी अरामको के दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल प्रसंस्करण कारखाने पर ड्रोन हमले के बाद तेल के दामों में 1991 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा उछाल आया है. अरामको ने यमन विद्रोहियों के ड्रोन हमले के बाद दो संयंत्रो में उत्पादन का काम अस्थायी तौर पर रोक दिया है और इसकी वजह से वैश्विक कच्चे तेल का 5% उत्पादन प्रभावित हुआ है.
ड्रोने हमले के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान को दोषी ठहराया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी कार्रवाई के लिए वाशिंगटन को तैयार रहने को कहा है.
हूथी विद्रोही संगठन ने शनिवार को सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के अबकैक और खुराइस में स्थित तेल कुओं पर ड्रोन अटैक किए थे. इसके बाद से सऊदी अरब की तेल कंपनी ने उत्पादन लगभग आधा कर दिया है. सऊदी तेल कंपनी अरामको ने कहा कि वह अगले करीब दो दिनों तक उत्पादन को कम रखेगी ताकि उन तेल कुओं की मरम्मत की जा सके, जहां हमला हुआ है.
हालांकि इस हमले में ईरान ने हाथ होने से साफ इनकार किया है और कहा कि वह युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अरामको कंपनी के सूत्रों ने बताया कि तेल उत्पादन के सामान्य होने में महीनों लग सकते हैं. इससे पहले बयान में कहा गया था कि कुछ हफ्तों में तेल संयंत्रों की मरम्मत कर ली जाएगी.
बहरहाल, अरामको के दो कच्चे तेल संयंत्रों पर हुए हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को इस तेल की कीमतों में 19.5 फीसदी का उछाल देखा गया. खाड़ी युद्ध के बाद यानी 1991 के बाद से इस उछाल को सबसे बड़ा बताया जा रहा है.
हालांकि ट्रंप की इस घोषणा के तेल के दामों में थोड़ी कमी देखी गई जब उन्होंने कहा कि आपातकालीन सप्लाई के लिए अमेरिका के पास स्टॉक पड़ा हुआ है और दुनिया भर के उत्पादकों का कहना है कि भरपाई के लिए उनके पास स्टॉक पड़ा हुआ है.
अमेरिका ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये दावा किया है कि सऊदी अरब के प्रमुख तेल ठिकानों पर हमले के पीछे ईरान का हाथ है. वहीं शनिवार को सऊदी तेल ठिकानों पर हुए हवाई हमले में किसी संलिप्ता से ईरान ने साफ इनकार किया है.
Saudi Arabia oil supply was attacked. There is reason to believe that we know the culprit, are locked and loaded depending on verification, but are waiting to hear from the Kingdom as to who they believe was the cause of this attack, and under what terms we would proceed!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 15, 2019
इस हमले के लिए पहले यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों को ज़िम्मेदार माना जा रहा था. इस हमले के बाद दुनिया भर में तेल आपूर्ति में पांच प्रतिशत की कमी देखने को मिली है और पेट्रोलियम तेल की क़ीमतों में काफ़ी वृद्धि देखने को मिली है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने ईरान का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि जब हमलावर का पता चल जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की जाएगी. एकअधिकारी ने मीडिया को बताया है कि ये हमला पश्चिमी-उत्तरी-पश्चिमी दिशा से हुआ है, यह यमन में हूथी विद्रोहियों का इलाका नहीं है. हूथी के नियंत्रण वाला इलाक़ा सऊदी तेल ठिकानों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ड्रोन और क्रूज़ मिसाइल दोनों हमले के लिए तैनात किए गए थे लेकिन ये सब अबक़ीक़ और ख़ुरैस के तेल ठिकानों पर निशाना नहीं लगा पाए.
फिलहाल, पेट्रोलियम तेल की कीमतें बढ़ रही हैं. 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद ये पहला मौक़ा है जब महज़ एक दिन में पेट्रोलियम तेल की क़ीमतों में इतनी बड़ी वृद्धि देखने को मिली है. कच्चे तेल के दाम 10 प्रतिशत बढ़कर 66.28 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं.