बयान / भागवत ने कहा- जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार कदम उठाए, इसे लेकर संघ देशभर में आंदोलन करेगा

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- संघ हमेशा से दो बच्चों के समर्थन में रहा है, अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना है राकांपा नेता नवाब मलिक बोले- यदि जबर्दस्ती नसबंदी करना चाहते हैं तो मोदीजी को कानून बनाने दीजिए

मुरादाबाद. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार शाम मुरादाबाद में कहा कि संघ का अगला एजेंडा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर देशभर में आंदोलन करना है। हम हमेशा से दो बच्चों के समर्थन में रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।

इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘मोहन भागवत जी दो बच्चों को लेकर कानून लाना चाहते हैं। शायद वे नहीं जानते कि महाराष्ट्र में इससे संबंधित कई कानून पहले से हैं। ऐसा ही कुछ और राज्यों में भी है। फिर भी यदि वे जबर्दस्ती पुरुष नसबंदी करवाना चाहते हैं तो मोदीजी को कानून बनाने दीजिए। हमने देखा है कि अतीत में भी ऐसा करने पर क्या हुआ है।

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सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कदम उठाना चाहिए- भागवत

संघ के एजेंडे को लेकर मुरादाबाद में 5 दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है। इसमें भागवत ने कहा, ‘‘सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे जनसंख्या पर लगाम लग सके।’’ देशभर में नागरिकता संशोधन कानून पर जारी प्रदर्शन पर संघ प्रमुख ने कहा- यह देश के हित में है, मगर कुछ लोग इसे लेकर विरोध कर रहे थे।

‘‘अनुच्छेद 370 हटाने के बाद देशभर में उत्साह और आत्मविश्वास का माहौल था। इसके बाद नागरिकता कानून आया और फिर प्रदर्शन शुरू हो गए। जिन लोगों को इसे लेकर थोड़ा भी संशय है तो उन्हें इसकी हकीकत से अवगत कराया जाना चाहिए। यह हर किसी की जिम्मेदारी है। लोगों के दिमाग में जो भ्रम है, उसे दूर किया जाना चाहिए। इस मामले में कदम पीछे लेने का सवाल ही नहीं उठता।’’

‘ट्रस्ट बनते ही संघ राम मंदिर मामले से अलग हो जाएगा’
अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद संघ की भूमिका पर भागवत ने कहा- मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट के गठन के बाद संघ का काम खत्म हो जाएगा। इसके बाद संघ राम मंदिर मामले से अलग हो जाएगा। काशी-मथुरा कभी भी संघ के एजेंडे में नहीं रहे और न भविष्य में होंगे।

BHAGWAT ENDORSES TWO CHILD POLICY - Republic World

यूपीः मोहन भागवत ने कहा- हमारे देश की संस्कृति हिंदू, जिसमे सभी धर्मो का समावेश है

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संघ चुनाव जीतने के लिए काम नहीं करता. उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है. हम रिमोट कंट्रोल से स्वंयसेवकों पर काबू नहीं कर सकते. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ये शाखा में नहीं आएंगे तो हम इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. सब प्रेम का मामला है. संघ से जुड़े लोग अलग-अलग वर्गों में स्वतंत्र रूप से काम करते हैं.

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संघ ने कहा कि हमारी शाखाओं में कोई रजिस्टर नहीं होता है जिससे कि शाखा में न आने पर किसी की सदस्यता ख़त्म कर दी जाए. संघ प्रमुख ने कहा कि किसी भी धर्म, वर्ग, जाति या भाषा का बोलने वाला हो उसकी प्रार्थना पद्धति कुछ भी हो सब को मिलकर देश हित में काम करना चाहिए.

‘देश की पहचान सबसे कमजोर व्यक्ति से होती है’

देश प्रेम और अनेकता में एकता का पाठ पढ़ाते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भाषा और पूजा का तरीका अलग अलग होने के बावजूद हम सब हिंदू हैं और इसलिए हम हिंदू को एकजुट करने की बात करते हैं हमारे देश की संस्कृति हिंदू है जिसमे सभी धर्मो का समावेश है.

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि देश की पहचान उसके सबसे कमजोर व्यक्ति से होती है अगर वो भूखा है तो देश भूखा है. अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शक्तिशाली होने के लिए यहां की सरकार मानवाधिकारों का हनन करती है.

‘देश के हर नागरिक को मजबूत बनाना है’

सर संघ चालक ने कहा कि कमजोर होना पाप है इसलिए हमे अपने देश के हर नागरिक को मजबूत बनाना है. वह किसी भी वर्ग का हो हम सब एक हैं. संघ प्रमुख ने कहा की हमारे देश की संस्कृति अध्यात्म की है और यही हमारी पहचान है.

अपने कार्यकर्ताओं को कहावतों के जरिए हर रोज शाखा में आकर रियाज करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि मानव जाति की कल्याण के लिए हमलोगों को बिना किसी आशीर्वाद और उम्मीद के काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चाहे इतिहास में हमारा नाम आये या न आये हमे मानवता के कल्याण के लिए काम करना होगा.

मोहन भागवत ने कहा कि जो लोग नाराज़ हैं वो भी हमारे ही हैं हमे उनको भी साथ लेकर चलना है. उन्होंने भारतीय संविधान के चार मुख्य बिंदुओं का पालन करने का आवाहन करते हुए कहा की संविधान की जो मूल भावना है वो कभी नहीं बदलती और हमे मिलकर आगे बढ़ना है.

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