डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों पर संकट, AIIMS के बाहर जमा हुई भीड़
बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है. राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है, जिसका असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिलेगा.
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल की आंच अब दिल्ली और महाराष्ट्र तक पहुंच गई है. दिल्ली में कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने आज हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. एम्स और सफदरजंग के डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. वहीं, मुंबई के डॉक्टर्स ने भी काम ठप कर दिया है.
Delhi: Patients and their relatives outside the OPD at All India Institutes of Medical Sciences (AIIMS). Resident Doctors Association (RDA) of AIIMS is on strike today over violence against doctors in West Bengal. pic.twitter.com/rRCeZqDfxr
— ANI (@ANI) June 14, 2019
पश्चिम बंगाल में बिगड़े हालात को देखते हुए गुरुवार को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. जिस तरह से डॉक्टरों की हड़ताल को हर राज्यों से समर्थन मिल रहा है,
#WATCH Resident Doctors at Raipur's Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial Hospital raise slogans of 'We Want Justice' as they protest over violence against doctors in West Bengal. #Chhattisgarh pic.twitter.com/70BsCTmGLN
— ANI (@ANI) June 14, 2019
उससे इस बात का डर बढ़ गया है कि कहीं ये हड़ताल देशभर में न शुरू हो जाए. सुबह से ही डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों और तीमारदारों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर ओपीडी बंद होने से मरीजों की हालत बिगड़ने की भी खबरें मिल रही हैं.
Kerala: Members of Indian Medical Association, Trivandrum hold protest over violence against doctors in West Bengal. pic.twitter.com/aOWGbqXxlx
— ANI (@ANI) June 14, 2019
Delhi: Patients face difficulties as Resident Doctors Association (RDA) of AIIMS is on strike today over violence against doctors in West Bengal. Relative of a patient says, "My mother's dialysis was scheduled for today, we were told to go & get it done from somewhere else," pic.twitter.com/sFVF6D8VMj
— ANI (@ANI) June 14, 2019
मुख्यमंत्री ममता द्वारा चार घंटे में हड़ताल खत्म करने के अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद अपनी हड़ताल खत्म करने से इनकार
बता दें कि पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चार घंटे में हड़ताल खत्म करने के अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद अपनी हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया. डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री पर धमकी देने का आरोप लगाया है, जिसके बाद ममता ने डॉक्टरों से मरीजों की देखभाल करने का निवेदन किया है.
Jaipur: Doctors at Jaipuria hospital carry out their duties wearing black bands as a mark of protest over violence against doctors in West Bengal. pic.twitter.com/1fDLPco7po
— ANI (@ANI) June 14, 2019
मुबंई में भी बंगाल के डाक्टरों का समर्थन
Prashant Choudhary, President MARD, Sion Hospital, Mumbai: A mob assaulted doctors on duty at a hospital in West Bengal, when a targeted attack like this happens it becomes a law and order issue. Today, we are doing a silent protest over the incident. pic.twitter.com/qSOJ79ooc3
— ANI (@ANI) June 14, 2019
ममता ने की अपील
ममता बनर्जी मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों/प्रोफेसरों और अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा, “कृप्या सभी मरीजों की देखभाल करें, गरीब लोग सभी जिलों से आ रहे हैं.अगर आप अस्पतालों का ध्यान रखते हैं तो मैं आभारी एवं सम्मानित महसूस करूंगी. वे आसानी और शांति से चलने चाहिए.”
इंटर्न डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद हुई हड़ताल
मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल उस समय शुरू हुई जब एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने एक इंटर्न डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी. डॉक्टर के साथ हुई मारपीट से नाराज अन्य डॉक्टरों ने बुधवार सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक काम पूरी तरह से बंद कर दिया. हालांकि, इमरजेंसी डिपार्टमेंट खुला हुआ था. डॉक्टरों की उपस्थिति काफी कम होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था.
हड़ताल में प्राइवेट डॉक्टर भी शामिल
सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल में प्राइवेट डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं. बताया जाता है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर के साथ सोमवार रात मारपीट हुई थी. जूनियर डॉक्टर के सिर में गहरी चोट लगी थी और उसे गंभीर हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि जब इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई तो पुलिस ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की और कोई एक्शन नहीं लिया. डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें सुरक्षा दी जाए, जिससे मारपीट जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.