बठिंडा. इलाके की बहुप्रतिष्ठित 90 साल पुरानी श्री सनातन धर्म सभा और एसएसडी गर्ल्स कॉलेज प्रधानों का वार्षिक चुनाव को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सभा के चुनाव के लिए नियुक्त किए गए दो प्रिसाइडिंग अधिकारियों में शामिल नंद लाल गर्ग एडवोकेट ने ही 17 सितंबर को संपन्न हुए चुनाव को सभा के संविधान के खिलाफ करार दे दिया। उन्होंने दावा किया कि जनरल सेक्रेटरी द्वारा 7 सितंबर को दी गई चिट्ठी के अनुरूप 2 अक्टूबर को प्रस्तावित चुनाव किसी कीमत पर होने संभव नही थे। हाईकोर्ट नियमावली का जिक्र करते हुए नंद लाल गर्ग ने कहा कि जब धारा 144 के तहत इकट्ठा होने पर रोक लगी है तो फिर चुनाव कैसे हो सकते हैं, लेकिन सभा की मर्यादा भंग की गई है, जो गलत है। वहीं 17 सितंबर को पुन: सभा के प्रधान मनोनीत हुए प्रमोद मित्तल सीए कहते हैं कि चुनाव में कुछ भी गैर-संवैधानिक नहीं हुआ है। बाकायदा वर्किंग कमेटी ने नंद लाल गर्ग एडवोकेट व गगनेश्वर बांसल को प्रिसाइडिंग अधिकारी नियुक्त कर उन्हें शेड्यूल दिया है। कल को सभा का दूसरा ग्रुप सभा पर उन्हें काबिज होने जैसी बातें कहें, इसलिए शेड्यूल दिया गया। चुनाव को गलत बताना दूसरे ग्रुप की निराशा है। वहीं दूसरे पीओ गगनेश्वर बांसल ने चुनाव को संवैधानिक बताया है।
वीरवार को सर्वसम्मति से चुनाव संपन्न होने की बात कही गई
गत वीरवार को सर्वसम्मति से चुनाव संपन्न होने की बात कही गई थी। इसमें सीए प्रमोद मित्तल को सभा का चौथी बार प्रधान जबकि एडवोकेट संजय गोयल कॉलेज प्रधान के पद पर दूसरी बार निर्विरोध प्रधान चुना गया था। अब सभा के पूर्व प्रधान व सीनियर सदस्य एडवोकेट नंदलाल गोयल ने कहा कि उनके पास चुनावों को लेकर आपत्ति आई है जिसमें करवाए गए चुनाव पूरी तरह से गैरसविधानिक है वही इसे लेकर सभा के सदस्य भी सहमत नहीं है। इसमें करीब सभा के 64 सदस्यों के हस्ताक्षर वाले आपत्ति लैटर का जिक्र भी किया गया है। जिसमें दो तर्कों के आधार पर चुनाव को चुनौती दी गई है। पहला तर्क दिया गया है कि सभा के संविधान में कहा गया है कि नए चुनाव होने से पहले सभी सदस्यों की आमसभा बैठक होना जरूरी है वही इसमें सभा की तरफ से पिछले दो साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों का विवरण देने के साथ खर्च व आय का लेखाजोखा दिया जाता है ताकि अगली कार्यसमिति व सदस्यों की सभा के आर्थिक व सामाजिक पहलू की पूरी तरह से जानकारी हो। वही पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से सोसायटी व सभा को लेकर जारी एक आदेश का भी जिक्र किया गया है। वही पत्र में चुनाव को लेकर नियुक्त किए गए अधिकारियों, अबजर्वर पर भी सवाल उठाए गए है।
- गौरतलब है कि श्री सनातन धर्म मंदिर में तीन दिन पहले वीरवार को प्रीजाइडिंग अफसर गंगेश्वर बांसल ने 2020-2022 सेशन के लिए सीए प्रमोद मित्तल को सभा का चौथी बार प्रधान जबकि एडवोकेट संजय गोयल कॉलेज प्रधान दूसरी बार चुने जाने का ऐलान किया। एसएसडी सभा के 193 सदस्य हैं, निर्धारित दो साल की अवधि पूरा होने पर 4 सितंबर को वर्किंग कमेटी की बैठक में चुनाव करवाने का फैसला किया गया और 15 सितंबर तक नाम भरने की आखिरी तारीख निर्धारित की गई जबकि 16 को स्क्रूटनिंग तथा 17 को विद्ड्राल का दिन तय हुआ था। आखिरी समय 15 सितंबर की शाम 5 बजे तक किसी भी प्रत्याशी ने दावेदारी पेश नहीं की।
- सीए प्रमोद मित्तल 2017 में प्रधान चुने गए जबकि 2018-20 के चुनाव में भी प्रधान बने व अब 2020-2022 की दो साल की कार्यकारिणी के लिए भी कमान उन्हें सौंपी जाने की घोषणा की। विगत 22 अक्टूबर 2018 को हुए चुनाव में प्रमोद मित्तल ने अभय सिंगला को 23 मतों के अंतर से हराया। वहीं विरोधी ग्रुप के सीनियर एडवोकेट सोमनाथ बाघला ने चुनाव न लड़ने की घोषणा के साथ ही प्रमोद मित्तल ग्रुप के ही एडवोकेट संजय गोयल निर्विरोध तौर पर एसएसडी गर्ल्स कॉलेज के प्रधान चुने गए थे। इससे पहले चुनाव दो पीठासीन अधिकारियों की देखरेख में होने की बात कही गई थी। कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से नंद लाल गर्ग एडवोकेट और गंगेश्वर बंसल को दो पीठासीन अधिकारियों के रूप में नामित किया।
सभा के संविधान का पूरा उल्लंघन : नंद लाल गर्ग
प्रिसाइडिंग अधिकारी नंद लाल गर्ग एडवोकेट के अनुसार सभा के जनरल सेक्रेटरी ने वर्किंग कमेटी द्वारा 2 अक्टूबर को चुनाव करवाने को ड्राफ्ट की गई एसएसडी सभा व एसएसडी कालेज के प्रधान पद के लिए चुनाव की एक चिट्ठी उन्हें 7/8 सितंबर को भेजी। जिसमें उन्हें व गगनेश्वर बांसल को पीओ नियुक्त किया गया। इसमें 15 सितंबर तक नॉमिनेशन, 16 को स्क्रूटनी तथा 17 सितंबर को नॉमिनेशन वापस लेने के बाद 2 अक्टूबर को चुनाव होने थे। 11 सितंबर को 64 सदस्यों के एक हस्ताक्षर की एक चिट्ठी चुनाव नहीं करवाने को लेकर उन्हें मिली। 14 सितंबर को पुन: उन्हें नियमों का उल्लंघन करने को लेकर करीब 20 सदस्यों के हस्ताक्षर की एक और चिट्ठी मिली। वहीं हाईकोर्ट द्वारा 14 सितंबर को धारा 144 लगाने की जानकारी मिली। उन्होंने सभा के प्रधान व वर्किंग कमेटी सदस्यों को चुनाव नहीं करवाने को लेकर पत्र लिखा तथा चुनाव के लिए थोड़ा समय और देने की बात कही, लेकिन 15 सितंबर को प्रमोद मित्तल व अन्य ने नामिनेशन फाइल किए तथा 17 को दूसरे पीओ गगनेश्वर बांसल ने प्रमोद मित्तल को सभा प्रधान व संजय गोयल को एसएसडी गर्ल्स कालेज का प्रधान घोषित कर दिया, लेकिन ना तो वर्किंग कमेटी ने इस्तीफा दिया तथा ना ही वार्षिक बजट व एकाउंट्स को पेश किया।
आरोप निराशा से अधिक कुछ नहीं : प्रधान मित्तल
प्रधान मनोनीत हुए प्रमोद मित्तल सीए कहते हैं कि चुनाव के लिए सभी सदस्यों को लिखित जानकारी दी गई, लेकिन अब सारे आरोप निराशा से अधिक कुछ नहीं हैं। नंद लाल गर्ग व गगनेश्वर बांसल को हमने पीओ नियुक्त किया तथा पूरा प्रोसेस फॉलो किया। चुनाव स्थगित करने को करीब 65 सदस्यों की चिट्ठी आई तो चुनाव करवाने को करीब 80 सदस्यों ने लिखित में दिया। चुनाव इसलिए 3-4 माह आगे नहीं किए गए ताकि कोई कुर्सी के लालच को ऐसा करने की बात नहीं कहे। पहले दूसरे ग्रुप ने चुनाव स्थगित करने व बाद में चुनाव को लेकर प्रचार भी शुरू कर दिया जिसमें राज नंबरदार उनके उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव लड़ने को सभा का 10 साल सदस्य होने के नियम के चलते वह चुनाव नहीं लड़ सके। 15 सितंबर को किसी भी सदस्यों ने चुनाव को कागज नहीं भरे। इसके बाद 17 सितंबर को गगनेश्वर बांसल ने किसी के कागज नहीं होने के चलते नियमानुसार नतीजा घोषित कर दिया। इसके कुछ भी असंवैधानिक नहीं हुआ है। वहीं पीओ गगनेश्वर बांसल ने कहा कि सभा में 2-3 ग्रुप हैं। उनके पास प्रमोद मित्तल व संजय गोयल के नामिनेशन आए थे। 14 सितंबर तक राज नंबरदार जी ने प्रचार भी किया, लेकिन ऐन मौके पर वह पीछे क्यों हटे, उन्हें जानकारी नहीं है। चुनाव संवैधानिक तरीके से हुए हैं तथा कोई गलत प्रोसेस लागू नहीं किया गया है।