Bathinda-सैंपलिंग बढ़ी, संक्रमितों और एक्टिव केसों में कमी वही चार चरणों में वैक्सीन का मैप तैयार, 50 साल से ऊपर उम्र के लोग भी प्लान में शामिल

टीकाकरण की वरीयता क्रम में सरकार से सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को रखा है, जो महामारी की शुरूआत से कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें चिकित्सक,नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, हेल्थकेयर सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। सरकार का मानना है कि ये सभी लोगो कोरोना महामारी मरीजों के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं, इसलिए उन्हें महामारी से अधिक खतरा है। इस वजह से सबसे पहले टीकाकरण की वरीयता में उन्हें सबसे ऊपर रखा गया है।

बठिंडा. जिले के नागरिकों के लिए राहत की खबर है कि कोरोना पॉजिटिव केस निरंतर कम हो रहे हैं। करीब तीन महीने बाद जिले में कोरोना के एक्टिव केस महज 269 हो गए हैं। दिसंबर माह की शुरुआत के बाद से रोजाना नए पॉजिटिव की संख्या अनुमानित 50 से 17 के बीच रह गई है। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रोगियों की संख्या में भी कमी आई है। इन दिनों मात्र 7 से 8 मरीज दाखिल हैं। खास बात है कि अक्टूबर-नवंबर माह में सैंपलिंग का आंकड़ा 500 से भी कम था लेकिन रोजाना औसतन 40 से 60 मरीज नए मिल रहे थे। लेकिन दिसंबर में यह आंकड़ा कम हो गया है जबकि रोजाना सैंपलिंग की संख्या 800 से 900 हो गई है। एक दिसंबर के बाद से नए रोगियों की संख्या आधी रह गई है। सेहत विभाग की ओर से 15 दिनों में (1 से 15 दिसंबर तक) 11 हजार 945 सैंपल लिए गए, जिसमें 465 पॉजिटिव पाए गए, वहीं 12 लोगों की मौत हो गई। अब तक 115254 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 8849 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, कोरोना से मरने वालों की संख्या 197 तक पहुंच गई है।

  • दूसरी तरफ जिले में वैक्सीन को लेकर जिला सेहत विभाग ने तैयारियां जोरों से शुरू कर दी है। पहले चरण में कोरोना से बचाव लिए जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद है। संभावना जताई जा रही है कि जनवरी के पहले सप्ताह में कोरोना वैक्सीन प्रदेश के सभी जिलों में पहुंच जाएगी। इसके बाद सरकार की गाइडलाइंस अनुसार कोरोना वैक्सीन पहले चरण में जिले के फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, जिसमें हेल्थकेयर वर्करों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
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  • सरकार ने महामारी की विभीषिका में दूसरे की रक्षा और सुरक्षा में दिन-रात खड़े भारतीय सेना के जवान, पुलिस के जवान, फायर बिग्रेड के जवान और नगर निगम के कर्मचारियों को टीकाकरण की वरीयता क्रम में दूसरे नंबर रखा गया है। निः संदेह कार्यालय, सड़क और प्रतिष्ठानों में लोगों का सामना करने वालों को वैक्सीनेशन की प्राथमिकता सूची में होना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वो जिंदगी दांव पर रखकर अपना काम ईमानदारी से करते आए हैं।
  • सरकार ने टीकाकरण की वरीयता क्रम में 50 वर्ष से अधिक उम्र को लोगों को तीसरे नंबर रखा है। माना जाता है कि कोरोना महामारी का संक्रमण का असर 50 की उम्र पार कर चुके लोगों पर अधिक पड़ता है, इसलिए सरकार ने उन्हें तीसरे नंबर टीकाकरण के लिए चुना है। ऐसे में यह सवाल गंभीर हो जाता है कि जब तक वैक्सीन सबके लिए उपलब्ध नहीं है, तब कोरोना के विरूद्ध लड़ाई और उससे बचाव के लिए गाइडलाइन को फॉलो करें और सुरक्षा के वैकल्पिक साधनों पर फोकस करें।
  • एक नए अध्ययन के हवाले से पता चला है कि विटामिन डी कोरोना से सुरक्षा में काफी मददगार साबित हो सकता है और विटामिन डी की कमी के चलते भी कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी एक हार्मोन है, जिसकी उत्पत्ति हमारी त्वचा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने पर करती है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है।
  • सरकार ने चौथी वरीयता में टीकाकरण के लिए 50 साल से कम उम्र को टीकाकरण के लिए चुना है। ऐसे लोग, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होंगे। हालांकि इस वरीयता क्रम वाले लोगों के टीकाकरण के लिए बीमारियों के हिसाब से कैटेगरी बनाई जा सकती है। मसलन किडनी की हल्की बीमारी और हल्के ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को अंत में टीकाकरण के लिए चुना जा सकता है, जबकि हाई ब्लड प्रेशर मरीज को पहले मौका दिया जाएगा।
    वैज्ञानिकों के मुताबिक मास्क संक्रमण के खिलाफ सबसे अच्छे बचाव के रूप में काम करते हैं। वैक्सीन लेने की तुलना में फेस मास्क कोविद -19 से बचने की अधिक गारंटी देता है। वैक्सीन लेने के बाद टीके कितने प्रभावी होंगे, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता है। वैसे भी वैज्ञानिक कह चुके हैं कि पहला वैक्सीन ज्यादा प्रभावी नहीं होगा।

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