बठिंडा सेंट्रल जेल में भीड़े गैंगस्टर्स व कैदी, चार गंभीर रूप से जख्मी, जेल प्रशासन ने दर्ज करवाया केस

दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि जेल में गैंगस्टर्स को लेकर बने गुटों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता है। इसमें कई बार एक गुट दूसरे को सबक सिखाने के लिए या फिर जेल वार्डन व दूसरों को बदनाम करने के लिए जेल में खाना खाने के लिए मिले बर्तन व चम्मचों को हथियार बनाकर अपने चोट मार लेते हैं। इसी तरह का मामला कुछ समय पहले जेल में सामने आया था जब कैदी ने स्वयं को चोटीला कर सोशल मीडिया में एक विडियों वायरल कर दी व इसमें जेल प्रबंधन पर अमानवीय प्रताड़ना के आरोप लगाए गए। हालांकि मामले की जांच के बाद पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई।

0 990,253

बठिंडा . केंद्रीय जेल गोबिंदपुरा कभी नशों व मोबाइल की बरामदगी तो कभी कैदियों की आपसी जंग के चलते सुर्खियों में रहती है। मंगलवार को बठिंडा केंद्रीय जेल में दोपहर बाद कैदियों की आपस में झड़प हो गई जिसमें चार कैदी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। चारों कैदियों को भारी सुरक्षा के बीच बठिंडा के सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।घायल कैदियों में गैंगस्टर मनोज निवासी दयालपुरा मिर्जा, अमनप्रीत सिंह वासी होशियारपुर, सुखप्रीत सिंह वासी लुधियाना, हरकमल सिंह वासी परसराम नगर बठिंडा शामिल है। दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि जेल में गैंगस्टर्स को लेकर बने गुटों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता है।

इसमें कई बार एक गुट दूसरे को सबक सिखाने के लिए या फिर जेल वार्डन व दूसरों को बदनाम करने के लिए जेल में खाना खाने के लिए मिले बर्तन व चम्मचों को हथियार बनाकर अपने चोट मार लेते हैं। इसी तरह का मामला कुछ समय पहले जेल में सामने आया था जब कैदी ने स्वयं को चोटीला कर सोशल मीडिया में एक विडियों वायरल कर दी व इसमें जेल प्रबंधन पर अमानवीय प्रताड़ना के आरोप लगाए गए। हालांकि मामले की जांच के बाद पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई।
इससे पहले 10 फरवरी 2020 को भी केंद्रीय जेल में कैदियों के दो गुटों में झड़प हो गई थी। जिसमें दोनों गुटों के 6 लोग जख्मी हो गए थे। इसमें एक कैदी गुरविंदर का दूसरे कैदी मंगल सिंह ने सिर फाड़ दिया था। उस समय दोनों कैदियों के साथियों के बीच बचाव के दौरान कहासुनी हो गई। उस समय तो मामला शांत हो गया था लेकिन अगले दिन दोनों गुटों के कैदियों में झड़प हो गई।

यह पहला मामला नहीं है बल्कि आए दिन कैदियों में अपसी तकरार का सिलसिला चलता रहता है। ज्यादातर झगड़े दोपहर व सांय के समय खाना खाते समय ही होते हैं क्योंकि इस दौरान सभी कैदी इकट्ठे होते हैं। जेल में कैदियों के बीच झगड़े का प्रमुख कारण कैदियों की मुखबरी के चलते रहता है। एक गुट के कैदियों से जब भी जेल में मोंबाइल व नशे की बरामदगी होती है तो उसे दूसरे गुट पर शक होता है कि इस बारे में जेल वार्डन को सूचना इन्हीं लोगों की तरफ से दी गई है। फिलहाल मंगलवार को घटित मामले में थाना कैट पुलिस ने जांच करने के बाद आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.