बठिंडा. प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों की तरफ से लोगों को मोटी ब्याज दरों पर कामकाज के लिए दिए कर्ज की लाकडाउन के दौरान जबरन वसूली के खिलाफ लाइन पार इलाके में सैकड़ों महिलाओं ने सड़कों में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें प्रभावित महिलाएं प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों से पिछले तीन माह का ब्याज माफ करने व कर्ज चुकाने के लिए रियायत देने की मांग कर रही थी।
इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई लाइन पार इलाके में विजय कुमार एमसी की तरफ से की गई। उन्होंने महिलाओं को कंपनी की तरफ से भेजे नोटिस की कापियां दिखाते आरोप लगाया कि शहर में काम कर रही प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों ने 20 प्रतिशत प्रति माह के ब्याज पर लोगों को 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक का कर्ज कामकाज शुरू करने के लिए दिया था। उक्त कर्ज की किश्तों का लाइन पार इलाके में रहने वाली सैकड़ों महिलाओं ने लाक डाउन से पहले समय पर भुगतान किया लेकिन अब लाकडाउन में गली मुहल्लों में कपड़े, करियाना, सिलाई व अन्य कामकाज पूरी तरह से ठप पड़े थे। इस स्थिति में महिलाएं उक्त चार माह के दौरान किश्त देने में नाकाम रही लेकिन फाइनेंस कंपनियों के रिकवरी मैन लोगों के घरों में जाकर महिलाओं को धमकियां दे रहे हैं व उनका साजों सामान उठाने व पुलिस केस दर्ज करवाने की धमकियां दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कंपनिय़ों ने पहले मोटा मुनाफा कमाने के लिए गली मुहल्लों में हजारों महिलाओं के ग्रुप बनाकर उन्हें मोटे कमिश्नर पर दूसरी महिलाओं को अपने साथ जोड़कर कर्ज दिलवाने का काम किया। इसमें कई ऐसे लोगों को भी गुमराह कर कर्जा दिलवा दिय़ा गया जिसे जरूरत नहीं थी। इस स्थिति में सैकड़ों महिलाएं ऐसी है जो किसी तरह का कामकाजी अनुभव नहीं होने के चलते काम नहीं चला सकी व पैसा बर्बाद कर दिया वही लाक डाउन ने रहती कसर को भी पूरा कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि फाइनेंस कंपनियां कर्ज वसूली मुहिम में पिछले चार माह जो लाकडाउन के दौरान गुजरे उसका ब्याज माफ करे व लोगों को राहत देते कर्ज चुकाने के लिए समय दे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हजारों महिलाएं इकट्ठी होकर फाइनेंस कंपनियों के दफ्तर के बाहर अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन शुरू कर देगी।