बठिंडा, 31 जनवरी : नगर निगम बठिंडा में पिछले सवा साल से खाली पड़े मेयर के पद को लेकर एक बार फिर से सर्गमियां तेज हो गई है। इसमें पंजाब सरकार ने स्थानीय निकाय विभाग के मार्फत मेयर पद के लिए चुनाव करवाने की सहमती प्रदान कर दी है। वही बकायदा इसके लिए पांच फरवीर 2025वीर 2025 का दिन निर्धारित कर दिया है।
इसमें 28 जनवरी 2025 को बकायदा नगर निगम ज्वाइंट कमिश्नर की तरफ से एडीशनल चीफ सेक्रेटरी लोकल बाडी विभाग को पत्र लिखा था। इस पत्र में बठिंडा नगर निगम में मेयर के रिक्त पद पर चुनाव के संबंध में अनुरोध किया गया था। इसमें पत्र संख्या 2157 तिथि 20/08/2024 का रेफरेंस दिया गया था। पत्र के अनुसार एपीजी से पूर्व में अनुरोध किया गया था कि बठिंडा नगर निगम बठिंडा जनरल हाउस बैठक 15 नवंबर 2023 को हुई थी व इसमें प्रस्ताव संख्या 258 के तहत मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के कारण मेयर का पद खाली हो गया था। इस संबंध में रमन गोयल ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में उक्त प्रस्ताव के खिलाफ याचिका दायर की थी। न्यायालय द्वारा सिविल रिट याचिका को 14 अगस्त 2024 को खारिज कर दिया था।
अब लंबे समय से मेयर का पद खाली होने से रुटीन व दफ्तरी कामकाज में दिक्कत आ रही है व संविधानिक तौर पर उक्त खाली पद को भरा जाना भी जरूरी है। नियमानुसार मेयर के लिए जरनल हाउस बैठक बुलाकर उसमें चुनाव संपन्न करवाया जाना जरूरी है। इस बाबत राज्य सरकार की हिदायत के बाद नगर निगम बठिंडा में मेयर के रिक्त पद को भरने के लिए डिविजनल कमिश्नर फरीदकोट को निर्देश जारी करने के बाद प्रक्रिया को अमल में लाया जा सकेंगा। फिलहाल ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम बठिंडा की तरफ से भेजे पत्र पर स्थानीय निकाय विभाग ने चुनाव संबधी प्रक्रिया शुरू करवाने क हिदायत दी है व इसके लिए बकायदा 5 फरवरी को जरनल हाउस बैठक बुलाने व इसमें मेयर का चयन करवाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है। फिलहाल लोकल बाडी विभाग की तरफ से जारी पत्र के बाद अब नगर निगम में गहमीगहमी बढ़ गई है। नगर निगम कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे डीसी शौकत अहमद पारे इन दिनों अधिकारिक टूर पर होने के चलते बाहर गए है व दफ्तरी छुट्टी पर है। वह शनिवार सांय तक शहर में वापिस लौंटेगे वही उनकी जगह पर कमिश्नर का काम देख रहे ज्वाइंट सेक्रेटरी जसपाल सिंह बराड़ शुक्रवार सांय तक बठिंडा पहुंचेंगे व इस दौरान अब नगर निगम अधिकारियों व पार्षदों को सूचना एजेंडे के माध्यम से दी जाएगी। नियमानुसार बैठक बुलाने से 72 घंटे पहले सभी को जानकारी देना जरूरी है। शनिवार व रविवार को सरकारी छुट्टी है इसके बाद दफ्तरी काम तीन फरवरी को हो सकेंगा।
दूसरी तरफ नगर निगम मेयर की रेस में सबसे आगे पंजाब क्रिक्रेट एसोसिएशन के प्रधान अमरजीत सिंह मेहता के बेटे पद्मजीत मेहता का नाम चल रहा है। इसमें मेहता गुट का दावा है कि उन्हें पूर्व वित्त मंत्री व भाजपा के नेता मनप्रीत सिंह के समर्थक पार्षदों के साथ कांग्रेस के भी कई पार्षदों का समर्थन हासिल है।
वर्तमान में मनप्रीत गुट के पास 8 से 10 पार्षद होने का दावा किया गया है। वही आम आदमी पार्टी के पास दूसरे दलों से आए पार्षदों सहित 8 के करीब पार्षद है। इस तरह के दोनों अगर मेहता गुट को समर्थन देते है तो यह संखया 18 तक पहुंच सकती है। वही 50 पार्षदों वाली नगर निगम में बहुमत के साथ 26 पार्षदों का समर्थन जरूरी है जबकि एक वोट विधायक की है जिससे संख्या बल 27 तक पहुंच जाता है। इस तरह से मेहता गुट को अपना मेयर बनाने के लिए 9 से 10 पार्षदों की जरूरत होगी जिसके लिए उन्हें कांग्रेस के किले में सेधमारी करनी पड़ेगी। दूसरी तरफ कांग्रेस अगरह नहीं टूटती है तो वह बहुमत के आकड़े में खड़ी है लेकिन कांग्रेस के अंदर भी सब कुछ ठीक नहीं है।
कांग्रेस के वर्तमान कार्यकारी मेयर अशोक प्रधान अभी भी दावेदार है लेकिन उनके खिलाफ भी कांग्रेस के अंदर गुटबाजी हावी है जो मेयर की दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस के अंदर ही किसी महिला को मेयर बनाने की आवाज भी उठ रही है। दूसरी तरफ नगर निगम में सक्रिय गुटों को मेहता गुट व कांग्रेस गुट डिप्टी मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर व फाइनेंस कमेटी मैंबर बनाने जैसे प्रस्ताव दे रही है ताकि वह उनके साथ जुड़े रहे लेकिन अब इस राजनीतिक दावपेंच में कौन सफल होगा यह तो पांच फरवरी को ही पता चल सकेगा।